रेवाड़ी पुलिस ने दिल्ली के उत्तम नगर में फर्जी कॉल सेंटर बनाकर साइबर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गिरोह में शामिल 4 ठगों को गिरफ्तार किया है। जिनमें से 2 बिहार और 2 दिल्ली के उत्तम नगर के रहने वाले है। चारों को पुलिस कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लेगी। रेवाड़ी डीएसपी हैडक्वार्टर डॉ. रविंद्र कुमार ने खुलासा करते हुए बताया कि फिदेड़ी गांव निवासी एक युवक ने मई माह में शिकायत दर्ज करवाई थी कि क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर उसके 1 लाख 3 हजार रुपए खाते से चले गए। साइबर थाना के जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर नीतिश ने जांच शुरू की। जिस नंबर से पीड़ित के पास कॉल आई थी, उसके जरिए पुलिस ने गिरोह के बारे में पता लगाया। जीजा-साले ने बनाया गिरोह बिहार के छपरा जिले के खिजूरी गांव निवासी अजीत मांझी ने अपने साले विकास के साथ मिलकर लोगों को ठगने के लिए एक गिरोह बनाया। अजीत मांझी जुआ खेलने का आदी है, जुए में हार के चलते काफी कर्ज हो गया था। उसी कर्ज को चुकाने के लिए अजीत मांझी ने साइबर ठगी का रास्ता चुना। जिन्होंने ठगी के काम में दिल्ली के उत्तम नगर निवासी संजय और संदीप को भी साथ मिला लिया। 4 प्वाइंट में समझिए ठगी के 4 किरदार 1. मास्टरमाइंड अजीत मांझी कॉल सेंटर में काम कर चुका है। बिहार से ही उसने ग्रेजुएट किया है। वॉयस चेंजर से आवाज बदल लड़की की आवाज में बात करता था। लोगों के पास कॉल कर उनसे क्रेडिट कार्ड की डिटेल लेता था। जो आगे विकास और संदीप को उपलब्ध करवाता था। 2. मास्टरमाइंड अजीत मांझी का साला विकास 12वीं पास है, जो अकाउंट मैनेजमेंट का काम करता था। किराए पर लिए हुए अकाउंट में जो रकम आती थी, उसे कमीशन देकर पैसे अपने खातों में ट्रांसफर कर लेता था। हर अकाउंट होल्डर को ठगी का 10 से प्रतिशत चार्ज दिया जाता था। 3. दिल्ली के उत्तम नगर निवासी संदीप ग्रेजुएट है, जो क्रेडिट कार्ड की डिटेल मिलते ही एक ऐप में पर डालता था, उसी ऐप के जरिए लोगों के खातों से पैसे ट्रांसफर कर लेता था। जिन लोगों के साथ ठगी की जानी थी, उनके बैंक खाते और मोबाइल नंबर की डिटेल जुटाने का काम करता था। 4. दिल्ली के उत्तम नगर निवासी संजय भी ग्रेजुएट है, वह कार्ड की फ्रेंचाइजी में काम करता था। संजय क्रेडिट कार्ड का एक्सपर्ट है। क्रेडिट कार्ड से पैसे निकालने में इन लोगों की सहायता करता था। संजय अजित के साथ मिलकर ठगी के शिकार लोगों को कॉलिंग करता था। 3 साल में 150 ठगी, कैसे पकड़ा गया पूरा खेल 1. जीजा-साले के इस गिरोह ने साल 2022 में साइबर ठगी की शुरुआत की थी। हर माह करीब 4 लोगों को ये शिकार बनाते थे। अब तक करीब 150 लोगों को शिकार बना चुके थे। रेवाड़ी जिले के 5 लोगों को वारदात का अभी तक पुलिस खुलासा कर चुकी है। 2. आरोपियों ने ठगी की शुरुआत के लिए बिहार के लोगों से ही बैंक अकाउंट किराए पर लिए। ठगी के लिए वर्तमान में दिल्ली के उत्तम नगर में ठिकाना बना रखा था। दिल्ली के अलावा गुजरात और बिहार में भी इनके बेस हैं। ठगी की शुरुआत गुजरात के लोगों से की थी। 3. ठगी की वारदात करने के लिए हर प्रदेश के लिए इन्होंने अलग मोबाइल ले रखा था। केवल सिम कार्ड बदलते थे, लेकिन मोबाइल वही रहते थे। इन लोगों के पकड़ में आने का कारण यही बना। पुलिस ने ईएआई के जरिए चारों को एक साथ ढूंढ निकाला। 4. पुलिस ने चारों को एक साथ पकड़ने के लिए करीब डेढ़ महीने तक दिल्ली के उत्तम नगर एरिया में रेकी की। चारों के मोबाइल को पुलिस लगातार ट्रैक कर रही थी। विकास लगातार बिहार ट्रैवल कर रहा था। इसलिए दिक्कत थी कि कहीं वो हाथ से न निकल जाए। 5. दिल्ली में जीजा को पैसे का हिसाब देने के लिए विकास जैसे ही शुक्रवार को बिहार से आया तो पुलिस ने रेड मारकर सभी को एक साथ पकड़ लिया। पकड़े जाने के बाद आरोपियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। अब बैंक अकाउंट होल्डर पर होगी दबिश बिहार के जिन बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर हुआ है, उन बैंक अकाउंट होल्डर को पकड़ने के लिए रेवाड़ी पुलिस अब बिहार जाएगी। ऐसे बैंक अकाउंट होल्डर को गिरफ्तार किया जाएगा और उनके जांच की जाएगी कि कितना अमाउंट उनके खातों से अब तक ट्रांसफर हुआ है।