लखनऊ में एमिटी यूनिवर्सिटी के छात्र ने शुक्रवार को हॉस्टल में जहर खा लिया। उसके पास से एक नोट भी मिला है। जिसमें लिखा है- मेरी मौत का कारण पूरा हॉस्टल स्टाफ और एमिटी फैकल्टी है। चीफ प्रॉक्टर सर प्लीज दोबारा कॉस्ट को और पेरेंट्स को गाली मत देना। घटना के कुछ देर बाद ही साथी छात्र उसे राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले गए। जहां इमरजेंसी में उसका इलाज चल रहा है। फिलहाल छात्र की कंडीशन स्टेबल है। छात्र की पहचान BCA फर्स्ट सेमेस्टर के नीलेश पाल के रूप में हुई है। उसके माता-पिता को इन्फॉर्म कर दिया गया है। लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ.भुवन चंद्र तिवारी ने बताया- 5 बजे के करीब एक छात्र को इमरजेंसी में लाया गया है। फिलहाल उसे निगरानी में रखा गया है। अभी हालत स्थिर है, कोई विशेष समस्या नहीं दिख रही है। हालांकि, उसे अभी मॉनिटरिंग में रखा जाएगा। 3 तस्वीरें देखिए… अब पढ़िए छात्र का सुसाइड नोट… नीलेश पाल के पास से सुसाइड नोट मिला है। इसमें लिखा है- एक दिन वार्डन को बिन बताए हॉस्टल से बाहर नाइट आउट के लिए गया था। इसकी सूचना मां को फोन पर दी थी। मां ने गलती से इसे वार्डन को बता दिया। इसके बाद वार्डन ने मुझे हॉस्टल से रेस्टिकेट कर दिया। मैंने माफी भी मांगी पर एक नहीं सुनी। मुझे क्लास से भी रेस्टिकेट कर दिया गया। मेरे मां-पिता यूनिवर्सिटी कैंपस आए। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन के बलविंदर सिंह ने जातिगत गालियां दी। पेरेंट्स से भी अभद्र व्यवहार किया। इसी से आहत होकर मैं ये कदम उठा रह हूं। पिता ने 4 लाख रुपए लोन लिया नीलेश ने नोट में आगे लिखा- उसने तो सिर्फ एक दिन नाइट आउट किया। उसके बाद माफी भी मांग ली। पर हॉस्टल एडमिनिस्ट्रेशन ने उसे माफी नहीं दी। जबकि हॉस्टल में कुछ छात्र खुलेआम गांजा और चरस लेते हैं। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। हॉस्टल एडमिनिस्ट्रेशन को सब जानकारी है, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके अलावा हॉस्टल में छात्रों ने चाकू बाजी भी की, पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। लिखा कि पिता ने उसकी पढ़ाई के लिए 4 लाख का लोन लिया, किसी तरह से महंगी फीस भरी। तब उसका एडमिशन हुआ। उसके साथ इतना बुरा बर्ताव हुआ है। पढ़िए परिजनों ने जो कहा… पिता बोले- बेटे से गलत व्यवहार हुआ नीलेश के पिता राम पाल ने बताया- मेरे बेटे से एमिटी यूनिवर्सिटी के एडमिनिस्ट्रेशन ने बहुत बुरा बर्ताव किया। वीडियो कॉल में खुद देखा कि कहा गया कि तुम छोटी जाति के हो दूर होकर खड़े रहे। बच्चों के साथ ऐसा बुरा व्यवहार इनको नहीं करना चाहिए। 85000 फीस भरने के बाद महीने भर के अंदर उसे हॉस्टल से निकाल दिया गया। बहन बोली- फंदे पर लटक कर जान दे देता नीलेश की बड़ी बहन अनामिका पाल ने बताया- तबीयत बिगड़ने के बाद जब उसे अस्पताल लेकर गए तो डॉक्टर को बताया कि उसे फूड प्वाइजनिंग हुआ है। इन लोगों ने डॉक्टर से भी झूठ बोला, जबकि उसके साथ के स्टूडेंट्स ने कहा है कि भाई ने सैनिटाइजर पी लिया था, जिसके चलते बेहोश हो गया था। उसके कमरे में फांसी का फंदा भी लटका था। यदि वो बेहोश न होता तो फंदे पर लटक कर जान दे देता। दोस्त बोला-निलेश के साथ जातिवाद किया गया हॉस्टल में नीलेश के साथी LLB स्टूडेंट श्रेयस पाठक ने बताया- गुरुवार को नीलेश का बर्थडे था। उसे बहुत ज्यादा मानसिक प्रताड़ित किया गया है। इसके साथ जातिवाद भी किया गया है कि नीच जात के हो दूर रहो। घरवालों से भी अभद्रता की गई है। इससे आहत होकर वो वापस अपने जब रूम में चला गया, फिर कुछ खाया पिया है, इसके बाद यह बेहोश हो गया। कमरे में फंदा लगा हुआ था यदि बेहोश ना होते तो ये फंदे पर लटक कर जान दे देते। राहत की बात ये रही कि बेहोश हो गए और फंदे पर लटक नहीं पाए। गेट काटकर अंदर से निकाला गया श्रेयस ने कहा- जब सोशल मीडिया पर स्टेटस में मुझे नोट दिखा, मैं तुरंत साथी स्टूडेंट के साथ मौके पर पहुंचा। फिर हम लोग दरवाजा खोलने लगे। जब अंदर से दरवाजा नहीं खुला, तो दरवाजा खोलने का प्रयास किया जाने लगा। हॉस्टल एडमिनिस्ट्रेशन ने दरवाजा तोड़ने से भी रोक दिया, कहा गया कि दरवाजा तोड़ने का खर्चा कौन भरेगा? किसी तरह जब स्टूडेंट्स ने दबाव डाला तब कही दरवाजा काटकर अंदर से उसे निकाला गया। एमिटी प्रबंधन बोला- जांच की जा रही है
एमिटी यूनिवर्सिटी के सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी चंद्रशेखर वर्मा ने कहा- एमिटी यूनिवर्सिटी विद्यार्थियों की सुरक्षा और कल्याण को प्राथमिकता देती है। विश्वविद्यालय में समय-समय पर मेंटॉर-मेंटी मीटिंग्स आयोजित की जाती हैं। जिससे छात्रों के मानसिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सके। साथ ही, विद्यार्थियों के लिए 24 घंटे उपलब्ध काउंसलिंग सेवा और हेल्पलाइन सुविधा भी संचालित की जाती है। विश्वविद्यालय प्रशासन संबंधित प्राधिकरणों के साथ पूर्ण सहयोग कर रहा है। छात्र एवं उसके परिवार को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। मामले की जांच की जा रही है। पहले भी विवादों में रहा एमटी यूनिवर्सिटी… एमिटी यूनिवर्सिटी में लड़की ने क्लासमेट को मारे थप्पड़ एमिटी यूनिवर्सिटी के लॉ स्टूडेंट को डेढ़ मिनट में 26 थप्पड़ मारे गए थे। यह घटना एमिटी यूनिवर्सिटी कैंपस की पार्किंग में हुई। स्टूडेंट को कार में बैठाकर उसके दो क्लासमेट (एक लड़का-एक लड़की) ने ताबड़तोड़ थप्पड़ जड़े थे। इस दौरान वे यह भी कहते रहे- चेहरे के सामने से हाथ हटा ले, नहीं तो और मार खाएगा। छात्र की पिटाई का वीडियो भी बनवाया और अब वायरल कर दिया था। मामले में चिनहट थाने में FIR दर्ज की गई है। लखनऊ में एमिटी स्टूडेंट पर पिस्टल तानी लखनऊ में एमिटी यूनिवर्सिटी के एक छात्र को युवक ने जान से मारने की धमकी दी थी। छात्र का आरोप है कि युवक ने पहले फोन पर गालियां दी। विरोध किया तो सामने से आ कर पिस्टल तान दी। स्थानीय लोगों के जुटने से वो भाग गया। पीड़ित छात्र ने इस मामले में चिनहट थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़ित छात्र व्योम यादव एमिटी यूनिवर्सिटी में B.B.A द्वितीय वर्ष का छात्र है। व्योम के अनुसार 9 सितंबर को दोपहर 3:28 बजे, उनके मोबाइल नंबर पर एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले व्यक्ति ने उन्हें गालियां दी। जब व्योम ने इसका विरोध किया और पूछा कि उसे गालियां क्यों दी जा रही हैं, तो आरोपी मौके पर आ गया था। इतना ही नहीं, आरोपी ने उसके ऊपर पिस्टल तान दी थी। जान से मारने की धमकी दी थी। ………………………………… यहां पढ़ें पूरी खबर लखनऊ में हिरासत में लिए गए AAP कार्यकर्ता: जस्टिस गवई के समर्थन में कर रहे थे प्रदर्शन, बोले- दलित जस्टिस भी सुरक्षित नहीं लखनऊ में AAP कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई पर जूता फेंके जाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। उनका कहना था कि एक दलित जस्टिस भी सुरक्षित नहीं है तो आम दलित की क्या स्थिति होगी। यहां पढ़ें पूरी खबर