लखीसराय के सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में खून की गंभीर कमी है। ब्लड बैंक में वर्तमान में केवल 2 ब्लड ग्रुप के 5 यूनिट खून उपलब्ध हैं। इनमें ए-पॉजिटिव के 3 और बी-पॉजिटिव के 2 यूनिट शामिल हैं। नियमों के अनुसार ब्लड बैंक में सभी 8 ब्लड ग्रुप के कम से कम 2-2 यूनिट खून का होना अनिवार्य है। लेकिन 6 ब्लड ग्रुप – ओ-पॉजिटिव, ओ-नेगेटिव, ए-नेगेटिव, बी-नेगेटिव, एबी-पॉजिटिव और एबी-नेगेटिव का एक भी यूनिट उपलब्ध नहीं है। मरीजों के लिए स्थिति चिंताजनक यह स्थिति मरीजों के लिए चिंताजनक है। जिले में आने वाले सरकारी अधिकारियों की आपातकालीन जरूरतों के लिए भी यह चुनौती है। नियमानुसार जब भी कोई मंत्री, सांसद या उच्च अधिकारी जिले में आते हैं, उनके ब्लड ग्रुप का 2 यूनिट खून रखना जरूरी है। स्वास्थ्य व्यवस्था की कमियां उजागर बुधवार को हलसी प्रखंड के तरहारी गांव में मेगा मेडिकल कैंप होना है। इसमें पटना हाई कोर्ट के एक जज भी शामिल होंगे। इस स्थिति ने स्थानीय स्वास्थ्य व्यवस्था की कमियां उजागर कर दी हैं। स्थानीय लोगों में जागरूकता की कमी और स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता इस समस्या का कारण है। समय रहते ठोस कदम न उठाए गए तो यह स्थिति गंभीर संकट में बदल सकती है। फर्जी खून कारोबार का लगा है आरोप पहले भी ब्लड बैंक पर फर्जी खून कारोबार के आरोप लगे हैं। इस मामले में कुछ स्वास्थ्यकर्मियों पर कार्रवाई हुई थी। सीएस डॉ बीपी सिन्हा ने इस स्थिति को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि खून की उपलब्धता बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित किया जाएगा।