पंजाब के जालंधर जिले के गोराया निवासी मनदीप कुमार कथित तौर पर पिछले करीब 18 महीनों से रूस में लापता हैं, एक बार फिर जगदीप कुमार अपने भाई की तलाश में रूस जाने की तैयारी कर रहे हैं। इस बार उन्हें विदेश मंत्रालय (MEA) और कुछ राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों से मदद मिली है। जगदीप ने दो महीने पहले भी जानकारी जुटाने के लिए रूस की यात्रा की थी, लेकिन उन्हें भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। उन्होंने बताया भाषा की बाधा एक बड़ी समस्या थी। मुझे खुद ही एक अनुवादक ढूंढना पड़ा, और लॉजिस्टिक्स व अन्य आवश्यक वस्तुओं का खर्च काफी अधिक था। विदेश मंत्रालय से मांगी गई मदद मिली गोराया में मोबाइल फोन की दुकान चलाने वाले जगदीप ने कहा कि उनका परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। उन्होंने बताया इस बार उन्होंने सहायता के लिए विदेश मंत्रालय से संपर्क किया था और अधिकांश अनुरोधों को पूरा किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि उनके यात्रा टिकटों की व्यवस्था में कांग्रेस के प्रदेश प्रधान राजा वड़िंग की मदद से की गई है। उनके साथ जाने वाले अन्य लोगों के लिए, वह पर्यावरणविद और समाज सेवी संत बलबीर सिंह सीचेवाल से समर्थन मांगने की योजना बना रहे हैं। जगदीप ने बताया कि वह युद्धग्रस्त क्षेत्र में फंसे 8 अन्य पुरुषों के परिवार के सदस्यों के साथ लगातार संपर्क में हैं। उन्होंने पहले कहा था मेरे माता-पिता की तबीयत ठीक नहीं है। मैं बता नहीं सकता कि हम किस दौर से गुजर रहे हैं। हर बार जब मैं घर जाता हूं, तो वे मुझे इस उम्मीद से देखते हैं कि मैं उन्हें अच्छी खबर दूंगा। ट्रैवल एजेंट ने की ठगी, जिससे वह वहां पर फंसा जगदीप ने यह भी बताया कि मनदीप शुरू में काम की तलाश में आर्मेनिया गए थे, जहां वे एक ट्रैवल एजेंट के संपर्क में आए, जिसने उन्हें इटली भेजने का वादा किया था। गोरैया निवासी जगदीप ने आरोप लगाया, “जब मेरा भाई रूस पहुंचा, तो उसे रूसी सेना में शामिल होने के लिए झांसा दिया गया। परेशानी को बढ़ाते हुए, जगदीप ने दावा किया कि उन्हें भी उसी एजेंट ने 6 लाख रुपए का चूना लगाया था, जिसने उनके भाई को आर्मेनिया से रूस, फिनलैंड और जर्मनी के रास्ते इटली भेजने का वादा किया था।