पंजाब के लुधियाना का युवक रूस में लापता हो गया है। 21 साल का समरजीत सिंह जुलाई में करियर बनाने वहां गया था। उसकी आखिरी बार 8 सितंबर को परिवार से वीडियो कॉल पर बात हुई थी। कॉल पर समरजीत ने कहा- “मैं ठीक हूं, पापा अपना और मम्मी का ख्याल रखना।” इतना कहकर कॉल कट गई। इसके बाद पिता चरणजीत बार-बार फोन मिलाते रहे, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। बाद में पता चला कि समरजीत को जबरन रूसी सेना में भर्ती किया गया था और अब उसका कोई सुराग नहीं है। इससे परिवार टेंशन में है। मां का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने केंद्र सरकार से बेटे को वापस लाने की मांग की। पिता ने 7 लाख रुपए कर्ज लेकर उसे रूस भेजा था। युवक कैसे विदेश गया, क्या पढ़ाई की और कैसे उसके रूस आर्मी में भर्ती होने का पता चला, यह जानने के लिए दैनिक भास्कर ऐप की टीम उसके घर पहुंची। वहां समरजीत के माता-पिता ने पूरी कहानी बताई… समरजीत ने एक्सरे टेक्नीशियन का डिप्लोमा किया
पिता चरणजीत ने बताया कि समरजीत ने 2020 में 12वीं कक्षा पास की थी। उसके बाद एक्सरे टेक्नीशियन का डिप्लोमा किया। डिप्लोमा करके वह यहां पर नौकरी कर रहा था। अचानक उसने बाहर जाने की जिद्द पकड़ी। उसे रूस भेजने के लिए उन्होंने 7 लाख रुपए कर्ज लिया। 16 जुलाई को लुधियाना से रूस गया था
पिता चरणजीत ने बताया कि 16 जुलाई को समरजीत लुधियाना से रूस जाने के लिए निकला। उसके बाद वह रूस पहुंचा। वहां पर कुछ दिन रहने के बाद उसे कहा गया कि रशियन लैंग्वेज सीखने के लिए 3 महीने का कोर्स करना होगा। उसने वह कोर्स शुरू किया और कहा कि कोर्स पूरा होने के बाद उसे नौकरी मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि वह बहुत खुश था। कोर्स के बीच में उसे नौकरी मिली और ट्रेनिंग शुरू हुई
चरणजीत सिंह ने बताया कि समरजीत जब कोर्स कर रहा था तो बीच में उसने बताया कि उसे नौकरी मिल गई है और अब उसकी ट्रेनिंग शुरू हो गई है। ट्रेनिंग के दौरान भी उससे बात होती रही। लेकिन नेटवर्क कम होने की वजह से ज्यादा बात नहीं हो पाती थी। उसने इतना जरूर बताया था कि उसे डॉक्टर के साथ नौकरी करनी है। धोखे से किया आर्मी में भर्ती
चरणजीत सिंह ने बताया कि ट्रेनिंग के कुछ दिन बाद जब उन्होंने समरजीत को आर्मी की वर्दी दी तो उसने सवाल किया कि उसे वर्दी क्यों दी जा रही है। जिस पर उन्होंने कहा कि उन्हें आर्मी के डॉक्टर के साथ काम करना है, इसलिए वर्दी पहननी जरूरी है। कुछ दिन बाद समरजीत पता चला कि उसे धोखे से आर्मी में भर्ती करवा दिया। 8 सितंबर की कॉल ने परिवार को हिलाकर रख दिया
चरणजीत सिंह ने बताया कि आठ सितंबर को छह बजे उन्होंने समरजीत सिंह को कॉल की। करीब 22 सेकेंड की इस वीडियो कॉल में सिर्फ छह से सात सेकेंड ही बात हुई। सत श्री अकाल बोलने के बाद उसने कहा कि पापा मैं ठीक हूं, अपना और मम्मी का ख्याल रखना। इतना बोलते ही उसकी कॉल कट गई। उन्होंने बताया कि वीडियो कॉल में भी वह स्पष्ट नहीं दिख रहा था। 8 सितंबर की उस आखिरी कॉल ने सबको हिलाकर रख दिया। बूटा सिंह से बात हुई तो उसने डरा ही दिया
उन्होंने बताया कि रूस की आर्मी में शामिल किए गए बूटा सिंह का वीडियो कॉल आया और उसने कहा कि लुधियाना का समर लापता है। इसके बाद उन्होंने बूटा सिंह से बात की। पहले तो उसने ऐसे शब्द कहे कि वो डर गए। उसने फिर बात की तो कहा कि वह लापता है, फिर थोड़ी सी चैन की सांस ली। केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टी के जरिए विदेश मंत्री को दिया आवेदन
चरणजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू व लुधियाना डीसी को एक मांग पत्र दिया और बेटे को वापस लाने की मांग की। उन्होंने बताया कि रवनीत बिट्टू के जरिए उन्होंने केंद्रीय विदेश मंत्री को भी आवेदन भेजा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि उनके बेटे को वापस लाया जाए। कर्ज लेकर भेजा विदेश, छोटी सी दुकान से चलता है घर का गुजारा
चरणजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने बेटे को विदेश भेजने के लिए जी तोड़ मेहनत की और पैसा पूरा नहीं हुआ तो 7 लाख रुपए मकान की रजिस्ट्री रखकर लोन लिया। उन्होंने बताया कि घर का गुजारा चलाने के लिए एक छोटी सी दुकान है। दूसरा बेटा 12वीं कक्षा में पढ़ रहा है। परिवार में उनकी पत्नी, बेटा और ताई हैं। एयरपोर्ट की फोटो अपलोड करने पर दोस्तों ने किए कमेंट, तो जागी विदेश जाने की चाह
चरणजीत सिंह के चाचा कनाडा में रहते हैं। वो करीब एक साल पहले उन्हें छोड़ने दिल्ली एयरपोर्ट गया। दिल्ली एयरपोर्ट पर उसने लगेज ट्रॉली के साथ फोटो क्लिक की और अपने दोस्तों को भेजी। दोस्तों ने उस पर कमेंट किए तो उसके मन में विदेश जाने की इच्छा जाहिर हुए। उसके पिता ने बताया कि उस दिन के बाद समरजीत ने विदेश जाने की ठान ली।