पंजाब के लुधियाना में बेसहारा पशु साइलेंट किलर बने हुए हैं। 2023 की NCRB रिपोर्ट मुताबिक शहर में 20 जगह हादसे अवारा पशुओं के कारण हुए है जिसमें 21 लोगों की जान जा चुकी है। अब इस वर्ष हिमाचल प्रदेश में भी एक बेसहारा पशु के कारण पंजाबी गायक राजवीर जवंदा की दुखद मौत हो गई। जवंदा की मौत के बाद अब पंजाब के औद्योगिक केंद्र में इन बेसहारा पशुओं और सड़क सुरक्षा की विफलता को लेकर चिंता बढ़ा दी है। इन त्रासदी की सुर्खियों के पीछे एक कड़वी सच्चाई ये है कि लुधियाना भारत के सबसे खतरनाक शहरों में से एक है। प्रशासन द्वारा वादे तो लोगों से जरूर किए जाते है कि बेसहारा पशुओं पर नकेल कसी जाएगी, लेकिन लोगों द्वारा टैक्स देने के बावजूद इन पशुओं को सड़कों से हटाया नहीं जा रहा। 504 सड़क दुर्घटनाओं में 402 लोगों की मौत राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, लुधियाना में पिछले साल 504 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 402 लोगों की मौत हो गई, जो कि 80% की चौंका देने वाली मृत्यु दर है। यह शहर नासिक, मुंबई और आगरा के बाद भारत के सबसे घातक शहरी केंद्रों में चौथे स्थान पर है। पंजाब भी बुरी तरह से विफल रहा है-यह सड़क दुर्घटनाओं के लिए तीसरा सबसे घातक राज्य है, जो केवल मिजोरम और बिहार से पीछे है। आंकड़ों से जानें… 20 दुर्घटनाओं में 21 लोगों की मौत NCRB के आंकड़े एक परेशान करने वाली तस्वीर पेश करते हैं। आवारा पशु लुधियाना में सड़क दुर्घटनाओं का तीसरा सबसे बड़ा कारण बनकर उभरे हैं, जिसमें 2023 में 20 दुर्घटनाओं में 21 लोगों की मौत हो गई। पिछले साल ऐसी 19 दुर्घटनाओं में 23 मौतें हुईं, जिससे पता चलता है कि बार-बार विरोध के बावजूद स्थिति में मुश्किल से सुधार हुआ है। ओवरस्पीडिंग में अभी भी सबसे ज्यादा लोग मर रहे है। इसके बाद लापरवाह ड्राइविंग है-लेकिन बेसहारा पशु भी हादसों के लिए पूरी तरह से जिम्मेवार है जिस कारण सड़कें अब खूनी हो गई है। लापरवाह ड्राइविंग भी मौतों का कारण
2023 में 504 सड़क दुर्घटनाओं में से 278 दुर्घटनाएं ओवरस्पीडिंग के कारण हुईं, जिसमें 195 लोगों की मौत हो गई और 133 अन्य घायल हो गए। लापरवाह ड्राइविंग के कारण 123 दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 104 लोगों की मौत हो गई और 59 घायल हो गए। काऊ सेस के बावजूद नहीं हो रहा समाधान बेसहारा पशुओं की संभाल ना होने का निगम प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेवार है। काऊ सेस के रूप में एकत्र किए गए 20 करोड़ रुपए निगम के बैंक खाते में अप्रयुक्त पड़े हैं। शहर की सड़कें तेजी से बेसहारा गायों और बैलों से भरी हुई हैं, जिससे मोटर चालकों के लिए खतरा पैदा हो गया है, खासकर कोहरे वाले सर्दियों के महीनों में जब विजिबिलिटी कम हो जाती है। पशु आश्रयों की कमी लोगों का तर्क है कि कई अभियानों और सार्वजनिक शिकायतों के बावजूद, नागरिक निकाय के प्रयास केवल दिखावटी हैं। उचित पशु आश्रयों की कमी, धीमी गति से हटाने के अभियान और अपर्याप्त निगरानी ने समस्या को नियंत्रण से बाहर कर दिया है। निगम अधिकारी बोले- कम संसाधनों में अच्छा काम कर रहे निगम स्वास्थ्य अधिकारी विपिन मल्होत्रा ने कहा कि शहर के आस-पास के गौशालाओं में सैकड़ों बेसहारा पशुओं को स्थानांतरित किया गया है। हम उपलब्ध संसाधनों के भीतर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि निगम इन जानवरों को खिलाने और बनाए रखने की दैनिक लागत वहन करता है। हालांकि,आश्रय स्थान की कमी है। सरकारी 1 गोशाला है जो बुर्ज पावत में है। बाकी कुछ अन्य सामाजिक गोशालाएं भी है, जिनका हमें काफी सहयोग मिलता है। बेसहारा पशुओं को लेकर लगातार काम किया जा रहा है। 11 महीने पहले स्कूटी सवार युवती को मारी थी टक्कर
11 महीने पहले बेसहारा पशुओं ने 33 फीट रोड स्थित राम नगर इलाके में 2 सांड आपस में भिड़ रहे थे। तभी एक स्कूटी सवार लड़की को उन्होंने टक्कर मारी। समय रहते लड़की स्कूटी से कूद गई और स्कूटी छोड़कर दूसरी तरफ भाग गई। इसी दौरान सांडों ने उसकी स्कूटी को रौंद दिया और लड़ते-लड़ते आगे चले गए। 2 साल पहले हुई हुई टाइल मिस्त्री की मौत
इसी तरह 2 साल पहले लुधियाना में जगराओं के पास बाइक की गाय से टक्कर हो गई। बैलेंस बिगड़ने की वजह से 3 लोग सड़क पर गिर गए। जिसमें से एक की मौत हो गई, जबकि 2 लोग घायल हो गए। मृतक की पहचान मोगा के गांव दौलतपुरा निवासी जगतार सिंह निवासी के रूप में हुई है। जगतार ठेके लेकर टाइल लगाने का काम करता था। वह काम से वापस घर जा रहा था। उसके साथ 2 अन्य लोग भी साथ में बाइक पर सवार थे। अंधेरे में अचानक उनकी बाइक के सामने गाय आ गई। टक्कर होने के बाद तीनों सड़क पर गिर गए। वहीं हादसे में गाय की भी मौत हो गई। जगतार की हालत सीरियस होने के कारण उसे DMC अस्पताल रेफर किया गया था। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 3 साल पहले चीफ इंजीनियर ने भी तोड़ा था दम
लुधियाना में समराला के पास लुधियाना-खरड़ नेशनल हाईवे पर 3 साल पहले रात के समय मृतक गाय से एक कार टकरा गई। कार हाईवे पर कई बार पलटी। आसपास के लोगों ने तुरंत कार ड्राइवर को बाहर निकाला। वह उसे अस्पताल ले जा ही रहे थे कि रास्ते में उसकी मौत हो गई। मृतक की पहचान अमरिंद्रपाल सिंह दिलावरी के रूप में हुई है। वह बुड्डा शुगर मिल में चीफ इंजीनियर था।