लुधियाना में 6 बच्चों का DNA टेस्ट कराया गया:18 बच्चों को स्टेशन से पकड़ा, अगर रिश्तेदारी साबित नहीं हुई तो FIR होगी

लुधियाना में जीवनजोत प्रोजेक्ट 2.0 के तहत भीख मांगते पकड़े गए बच्चों की पहचान की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। बुधवार को 6 बच्चों का DNA टेस्ट करवाया गया। ये बच्चे उन 18 बच्चों में शामिल हैं जिन्हें 4 दिन पहले रेलवे स्टेशन के बाहर से रेस्क्यू किया गया था। DNA टेस्ट की प्रक्रिया पहले सोमवार को शुरू होनी थी, लेकिन कागजी कार्यवाही पूरी न होने के चलते इसमें देरी हुई। अब जिला प्रशासन द्वारा गठित एक विशेष कमेटी की निगरानी में टेस्ट कराए जा रहे हैं। इस कमेटी में बाल संरक्षण अधिकारी, पुलिस आयुक्त कार्यालय के प्रतिनिधि और सिविल सर्जन को शामिल किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि DNA सैंपल फोरेंसिक साइंस लैब, मोहाली भेजे जाएंगे। बच्चों को फिलहाल अस्थायी आश्रय में रखा गया है। यदि जांच में यह साबित होता है कि बच्चों और उनके साथ आए कथित संरक्षकों के बीच कोई जैविक संबंध नहीं है, तो बाल कल्याण समिति संबंधित धाराओं के तहत FIR दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करेगी। यह कदम बाल तस्करी और शोषण पर रोक लगाने के लिए उठाया गया है और प्रशासन इसे लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है। सरंक्षण कल्याण से संबंधित अन्य रिकार्ड भी चेक किए जाएंगे अधिकारी ने बताया कि कुछ बच्चों के साथ आए लोगों ने दावा किया था कि बच्चे उनके हैं। इन बच्चों की तस्वीरें, पोर्टल आईडी, लाभ विवरण, सामाजिक जांच रिपोर्ट, चिकित्सा जांच रिपोर्ट और साथ में आए व्यस्क का विवरण और तस्वीरें, डीएनए परीक्षण की प्रक्रिया विवरण, दावा किए गए माता-पिता द्वारा प्रदान किए दस्तावेजों और बच्चे की सुरक्षा, संरक्षण, संरक्षण व कल्याण से संबंधित अन्य रिकार्ड भी चेक किए जाएंगे।

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