पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान ने रविवार को लुधियाना जिले के खन्ना हलके के गांव लिबड़ा में किसानों से मुलाकात की। वे खेतों में पहुंचे और गांववासियों के साथ चारपाई पर बैठकर बातचीत की। सीएम ने नहरी पानी की योजना का जायजा लिया। इस योजना से लिबड़ा सहित तीन गांवों की लगभग 500 एकड़ जमीन को नहरी पानी मिलना शुरू हुआ है। भगवंत मान करीब एक घंटे तक खेतों में रहे। वह किसी नेता की तरह नहीं, बल्कि एक आम किसान की तरह खेत में पहुंचे। पगड़ी बांधे हुए वह चारपाई पर बैठ गए और बिना औपचारिकता के सीधे संवाद शुरू किया। इस दौरान किसानों ने अपनी बात रखी। कुछ ने नहरी पानी के फायदे बताए तो कुछ ने इसकी निरंतरता और विस्तार की अपील की। पंजाब फिर से प्राकृतिक खेती की ओर लौटे- सीएम
सीएम ने कहा कि मैं खुद किसान का बेटा हूं। मैं जानता हूं कि भूजल का गिरता स्तर पंजाब के लिए कितनी चिंता है। नहरी पानी ही इसका हल है। ये प्रोजेक्ट कोई स्कीम नहीं, बल्कि पंजाब की भावी पीढ़ियों को बचाने की कोशिश है।” उन्होंने किसानों से कीटनाशकों और रासायनिक खादों के कम प्रयोग की अपील की। मान ने कहा कि अब समय आ गया है कि पंजाब फिर से प्राकृतिक खेती की ओर लौटे। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब को हरित क्रांति की धरती कहा जाता है, अब यहां से ‘नीली क्रांति’ यानी जल संरक्षण की शुरुआत भी होनी चाहिए। मौके पर मौजूद कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद ने कहा कि इतिहास गवाह रहेगा कि ऐसा सीएम न पहले हुआ, न आगे होगा। भगवंत मान न किसी तामझाम के साथ आए, न प्रोटोकॉल दिखाया। वो सीधे खेतों में गए और किसानों से वैसे ही बात की, जैसे एक परिवार का सदस्य करता है।