लुधियाना में मंगलवार को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने पंजाब सरकार की लैंड पूलिंग नीति के खिलाफ प्रदर्शन किया। उपायुक्त कार्यालय के बाहर किसानों की भारी भीड़ को संबोधित करते हुए शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने कॉलोनाइजरों से पहले ही करोड़ों रुपए एडवांस में ले लिए हैं और अब किसानों की जमीनें जबरन छीनने की तैयारी कर रही है। सुखबीर सिंह बादल ने चेतावनी दी कि अकाली दल सरकार को किसानों की एक इंच भी जमीन छीनने नहीं देगा। सुखबीर ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों से जबरदस्ती करीब 60 हजार एकड़ जमीन लेगी और फिर उस जमीन को बेचकर पिछले कर्ज चुकाएगी। सुखबीर बादल ने कहा कि अकाली दल की सरकार बनने पर इन सभी मामलों की पूरी सच्चाई जनता के सामने लाई जाएगी। मौजूदा सरकार पुराने कानूनों के कुछ हिस्सों को उठाकर एक नई ‘लैंड पूलिंग नीति’ बनाकर किसानों को गुमराह कर रही है। किसानों को उनकी ही जमीन के लिए लड़ना पड़ रहा है, जो पूरी तरह से नाजायज है। क्या है लैंड पूलिंग नीति? लैंड पूलिंग एक ऐसी योजना है, जिसमें किसान या जमीन मालिक स्वेच्छा से अपनी जमीन सरकार को सौंपते हैं। सरकार उस जमीन पर आधुनिक सुविधाओं के साथ विकास कार्य करती है, जैसे सड़कें, पार्क, सीवरेज, पानी-बिजली की लाइनें आदि। विकास के बाद जमीन का एक तय हिस्सा मालिक को वापस दे दिया जाता है, लेकिन अब यह पूरी तरह विकसित और कई गुना ज्यादा कीमत वाली होती है। पंजाब सरकार की नई नीति के मुताबिक किसानों को उनकी जमीन का लगभग एक-तिहाई हिस्सा विकसित प्लॉट के रूप में लौटाया जाएगा, जिसमें रिहायशी और व्यावसायिक दोनों तरह की जगह शामिल होगी। इस पूरी प्रक्रिया में कोई दबाव नहीं होगा, किसान केवल अपनी मर्जी से जमीन देंगे।