पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने लुधियाना के साइबर सेल पुलिस स्टेशन के SHO इंस्पेक्टर जतिंदर सिंह की विवादित नियुक्ति पर लुधियाना के पुलिस कमिश्नर स्वप्न शर्मा से हलफनामा मांगा है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को तय की है। वकील गगनदीप सिंह ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका दरअसल, लुधियाना के सराभा नगर निवासी वकील गगनदीप सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने बताया कि इंस्पेक्टर जतिंदर सिंह ने खुद स्वीकार किया है कि वह आईटी एक्ट के तहत मामलों की जांच करने के लिए तकनीकी रूप से योग्य नहीं हैं। इसके बावजूद, उन्हें साइबर सेल का SHO बना दिया गया। याचिका के अनुसार, 14 दिसंबर 2023 को सराभा नगर पुलिस स्टेशन में आईटी एक्ट के तहत एक मामला दर्ज हुआ था। इस मामले की जांच इंस्पेक्टर जतिंदर सिंह को सौंपी गई। लेकिन 16 दिसंबर को उन्होंने लिखित में कहा कि वह “स्थानीय रैंक” (लोकल रैंक) के अधिकारी हैं और ऐसे मामलों की जांच करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। इसके बावजूद, उन्होंने जांच की और आरोपियों को क्लीन चिट दे दी। डीजीपी के आदेश की अनदेखी का आरोप
याचिकाकर्ता ने 2016 में डीजीपी द्वारा जारी एक आदेश का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि सशस्त्र पुलिस और भारतीय रिजर्व बटालियन (IRB) के अधिकारियों को SHO या जिला पुलिस इकाइयों के प्रमुख के रूप में नियुक्त नहीं किया जा सकता। गगनदीप सिंह ने बताया कि जतिंदर सिंह जालंधर स्थित चौथी IRB के सदस्य हैं और जिला पुलिस में SHO बनने के योग्य नहीं हैं। मैंने मामले की जांच कर उन्हें पद से हटा दिया-CP स्वपन शर्मा लुधियाना के पुलिस कमिश्नर स्वप्न शर्मा ने मीडिया से कहा कि जतिंदर सिंह को उनके पूर्ववर्ती अधिकारियों ने SHO नियुक्त किया था। उन्होंने बताया कि जब मैंने कार्यभार संभाला, तो मैंने मामले की समीक्षा की और उन्हें पद से हटा दिया। निजी रंजिश निकाल रहा गगनप्रीत-जतिंदर सिंह इंस्पेक्टर जतिंदर सिंह ने कहा-गगनप्रीत निजी रंजिश के कारण उनके खिलाफ शिकायत कर रहे है। उन्होंने कहा कि गगनप्रीत की पत्नी को फेसबुक पर किसी ने गालियां दी थीं, लेकिन गगनप्रीत ने इस मामले में सबूत इक्ट्ठे नहीं किए। पहले भी कई बार गगनप्रीत झूठी शिकायतें दे चुका है कि मुझे धमकियां दी जा रही है। बेवजह से दबाव बनाने के लिए इस तरह की शिकायतें दी जा रही है। यहां बता दें कि पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर सीएम मेडल से भी जतिंदर सिंह नवाजा गया था। उन्होंने वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन से 7 करोड़ रुपए की ठगी और इंटरस्टेट साइबर काल फ्राड जैसे कई मामले सुलझाए है।