वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट में IIT-BHU गैंगरेप केस की पीड़िता गवाही के लिए नहीं पहुंची। इसके बाद कोर्ट ने पीड़िता के वकील से कहा- आपको 4 अवसर देने के बाद भी छात्रा जिरह के लिए कोर्ट नहीं पहुंची, इसलिए आपका जिरह का अवसर खत्म किया जाता है। इसी के साथ कोर्ट ने IIT-BHU में हुए गैंगरेप के वक्त मौजूद पीड़िता के दोस्त को कोर्ट में तलब किया है। 31 जुलाई को अब एकमात्र चश्मदीद गवाह कोर्ट में अपने बयान देगा। दरअसल, पीड़िता के साथ 31 नवंबर 2023 में गैंगरेप हुआ। उसने पुलिस और कोर्ट में अपने बयान दिए। कोर्ट में 18 जुलाई, 2024 से ट्रायल शुरू हुआ। 22 अगस्त, 2024 को पहली बार कोर्ट में पीड़िता ने बयान दिए। 9 महीने में 15 बार पीड़िता को कोर्ट ने तलब किया। पीड़िता 10 बार कोर्ट में पेश हो चुकी है।
फिर सुरक्षा का हवाला देते हुए कोर्ट में वर्चुअल पेशी के लिए आवेदन दिया। आरोपियों की ना-नुकुर के बावजूद कोर्ट परिसर में आने वाली पीड़िता वर्चुअल ही पेशी के लिए राजी हो गई थी। बता दें कि चोटिल होने के कारण पीड़िता पिछली तारीख पर कोर्ट नहीं आ सकी, जिसके बाद जज ने जिरह के लिए अगली तारीख तय कर दी थी। मगर पीड़िता के वकील की तरफ से ‘हाजिरी माफी’ दी जाती रही। इसलिए जिरह भी टलती रही। देखा जाए कोर्ट का यह कदम पीड़िता के पक्ष में माना जाएगा, क्योंकि पीड़िता के बयान और जिरह में सवालों के जवाब देने के बाद आरोपियों पर दोष सिद्ध किया जाता। पिछली तारीख पर आरोपियों की स्थगन याचिका खारिज की
बता दें कि जज कुलदीप सिंह ने पिछली सुनवाई में केस के आरोपी कुणाल पांडे की स्थगन याचिका को खारिज कर दिया था। वहीं पीड़िता के वकील की आपत्ति को स्वीकारते हुए सख्त आदेश भी पारित किया। IIT-BHU गैंगरेप कांड में आरोपियों की ओर से किसी भी तारीख पर स्थगन अपील पर रोक लगा दी थी। स्थगन अपील या कार्रवाई में बाधक बनने पर आरोपियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई करने के बारे में भी कोर्ट ने कहा था। जिला एवं सत्र न्यायालय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई 18 जुलाई, 2024 से ट्रायल में लाई गई। इस सुनवाई के दौरान उसने अपना बयान 22 अगस्त तक दर्ज कराया, इसी बीच आरोपियों को जमानत मिल गई। इसके के बाद कोर्ट में उससे जिरह की कवायद शुरू हुई। 8 महीने में बयान के बाद पीड़िता को 15 बार जिरह के लिए बुलाया गया। 4 बार अलग-अलग कारणों से वह नहीं आ सकी। कभी आरोपियों की ओर से अपील तो कभी अगली तारीख, इन सब के बीच अब तक उसके बयान पर जिरह पूरी नहीं हो सकी। अब चोटिल होने के कारण वह पेश नहीं हो पा रही है। आरोपियों की मौजूदगी में सितंबर से जून तक कई बार तलब किया गया तो उसने वर्चुअल पेशी की गुहार लगा दी, हालांकि जज ने उसको अनुमति देते हुए अतिसंवेदनशील गवाह की श्रेणी में रखा है। हालांकि इसके बाद कई बार कोर्ट में तलब किया जा चुका है मगर एक बार भी उससे जिरह पूरी नहीं हो सकी और उसे बैरंग लौटना पड़ा। पहले आनंद फिर कुनाल और सक्षम की हो चुकी रिहाई वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद सबसे पहले आरोपी आनंद ने 11 नवंबर 2023 को जमानत याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी, जिस पर कई बार सुनवाई हुई और तारीख बढ़ती रही। आनंद ने परिजन की बीमारी समेत कई कारण बताए, तो कोर्ट ने 2 जुलाई 2024 को जमानत स्वीकार कर ली, लेकिन कई शर्तें लगा दीं। आनंद के जमानत स्वीकार होते ही दूसरे आरोपी कुणाल ने भी 2 जुलाई 2024 को हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। 4 जुलाई को कोर्ट ने उसकी भी जमानत स्वीकार कर ली, लेकिन जमानतदारों के वैरिफिकेशन के चलते उसकी भी रिहाई 24 अगस्त को हो सकी। इसके बाद 4 जुलाई को तीसरे आरोपी सक्षम पटेल ने जमानत अर्जी दाखिल की, जिस पर कोर्ट ने कुछ दिन बाद गैंगरेप में जमानत दे दी, लेकिन गैंगस्टर में आपत्ति दाखिल हो गई। अब गैंगस्टर के केस में सक्षम पटेल की याचिका हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 16 सितंबर को खारिज कर दी। इसके बाद उसने डबल बेंच में अपील की, जहां कोर्ट ने सभी पहलुओं को सुनकर पुलिस रिपोर्ट तलब की। पुलिस ने कोर्ट में कमजोर रिपोर्ट पेश की, जिस पर अभियोजन की बहस भी फीकी रही और मजबूत आधार नहीं होने के चलते सक्षम पटेल को जमानत मिली। सवाल उठे तो पता चला कि सक्षम पटेल के खिलाफ भाजपा नेताओं की पैरवी की बात भी सामने आई है, काशी क्षेत्र के एक मजबूत भाजपा पदाधिकारी का करीबी भी बताया गया है। IIT-BHU गैंगरेप के आरोपी BJP नेताओं से जुड़े हुए
IIT-BHU में बीटेक छात्रा से गैंगरेप के 2 आरोपी कुणाल पांडेय और आनंद उर्फ अभिषेक चौहान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अगस्त 2024 में जमानत दे दी। तीसरे आरोपी सक्षम पटेल की जमानत याचिका पर सुनवाई जारी है। जमानत के बाद आनंद नगवा कॉलोनी स्थित घर पहुंचा तो उसका स्वागत किया गया था। बृज ऐनक्लेव में कुणाल को भी परिजनों और रिश्तेदारों ने हाथों हाथ लिया था। गैंगरेप के तीनों आरोपी भाजपा IT सेल से जुड़े थे। सरकार के मंत्री-विधायक समेत बड़े नेताओं के संपर्क में थे।