विक्टोरिया वाले चांदी के सिक्कों पर भास्कर का खुलासा:नए सिक्के को बना रहे 100 साल पुराना, चांदी सिर्फ 30%; कैमरे पर 10 हजार सिक्कों की डील

बिहार में साल 1837 से लेकर 1909 तक के पुराने चांदी के सिक्के तैयार किए जा रहे हैं। ये वो सिक्के हैं, जिन पर हम आंख बंदकर 99% चांदी होने का विश्वास करते हैं। महज 10 मिनट की प्रोसेस में नए सिक्कों को 100 साल पुराना जैसा दिखने वाला बना दिया जाता है। बिहार ऐसे सिक्कों का सप्लाई सेंटर बना है, नेपाल से लेकर यूपी, झारखंड, छत्तीसगढ़, बंगाल और उत्तराखंड तक खेप भेजी जा रही है। धनतेरस के पहले बिहार से देश के कई राज्यों के बाजारों में नकली सिक्कों की खेप पहुंच गई है। बिहार की सबसे बड़ी सोना मंडी से दैनिक भास्कर की स्टेट इन्वेस्टिगेशन टीम ने 100 साल पुराने विक्टोरिया वाले 10 हजार सिक्कों की डील की है, जिसमें नकली सिक्कों का बड़ा खुलासा हुआ है। दैनिक भास्कर के ‘ऑपरेशन सिल्वर कॉइन’ में देखिए और पढ़िए 100 साल पुराने चांदी के सिक्कों को कैसे बनाया जा रहा नकली… धार्मिक मान्यता से जुड़ा है नकली सिक्कों का कनेक्शन धार्मिक मान्यता के अनुसार, धनतेरस पर चांदी का सिक्का खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस पर खरीदे गए सिक्कों की दीपावली में लक्ष्मी का रूप मानकर पूजा की जाती है। एक बार पूजा होने के बाद लोग सिक्कों को पूजा स्थान या फिर तिजोरी में रखते हैं। इन सिक्कों को ना तो बेचते हैं, ना ही इस गलवाते हैं। धंधेबाज इसी का फायदा उठाते हैं, क्योंकि सिक्कों में कितनी प्रतिशत चांदी है, इसकी कभी पोल खुल ही नहीं सकती है। इसलिए बेचते समय भी 99% चांदी होने के दावे के साथ बेचा जाता है। पहले 10 हजार सिक्कों की डील, फिर 100 साल पुराना बनाने का प्रोसेस बिहार की सबसे बड़ी सोने-चांदी की मंडी पटना के बाकरगंज में है। दैनिक भास्कर की स्टेट इन्वेस्टिगेशन टीम ने बड़े व्यापारियों से 10 हजार सिक्कों की डील की। डील के बाद नए सिक्कों को 100 साल पुराना दिखने वाला सिक्का बनाने का पूरा खेल पता चला। इस प्रोसेस को समझने के लिए हमने एक चांदी का नया सिक्का खरीदा और उसे पुराना कराने की पूरी प्रोसेस कराई। 10 मिनट में ही नया सिक्का 100 साल पुराना जैसा दिखने लगा। हमारी आंखों के सामने सब कुछ हुआ। इसके बाद भी हम यकीन नहीं कर पा रहे थे। चांदी के सिक्के के लिए सामने वाली ब्रांच पर जाइए भास्कर की इन्वेस्टिगेशन टीम पटना के बाकरगंज स्थित भूषण भंडार पहुंची। यहां से चांदी के सिक्कों की सेटिंग वाली दुकानों के बारे में पता चला। काउंटर पर मौजूद व्यक्ति ने सामने वाली दुकान की तरफ इशारा कर दिया। इससे यह बात साफ हो गई कि बाजार में चांदी के सिक्कों को लेकर दुकानों की सेटिंग है। दरअसल वह भूषण भंडार की ही दूसरी ब्रांच है। बाकरगंज में भूषण भंडार ज्वेलर्स की दूसरी ब्रांच श्री प्रेम आभूषण पर इन्वेस्टिगेशन टीम पहुंची। यहां हमारी मुलाकात विशाल सोनी से हुई, जो 30% चांदी वाले सिक्के को 800 रुपए में देने को तैयार हो गए। विशाल सोनी ने ही नए सिक्कों को 100 साल पुराना जैसा दिखने वाला बनाने का भी रास्ता दिखाया। रिपोर्टर – सामने वाले भेजे हैं, चांदी का सिक्का मिल जाएगा क्या? विशाल – मिल जाएगा, कितने पीस चाहिए? रिपोर्टर – 10 हजार सिक्का चाहिए। विशाल – ओरिजिनल वाला? रिपोर्टर – 25 टंच यानी 25% चांदी वाला। विशाल – मेरे पास मिनिमम 38% चांदी वाला है। रिपोर्टर – 38% वाला कितने में पड़ेगा? विशाल – वही 800 के करीब। रिपोर्टर – एक सिक्के का रेट बताइए विशाल – 5 ग्राम या 10 ग्राम वाला? रिपोर्टर – ओरिजिनल कितने में आता है? विशाल – वही तकरीबन 11 ग्राम का होता है। रिपोर्टर – सेम उसी तरह, उसी वजन का चाहिए। विशाल – हम समझ रहे हैं, एक सिक्का 1200 का पड़ेगा। इसमें चांदी 30% रहेगी। बाकी आप 25 और 28 खोज रहे हैं, उसको ऑर्डर देना होगा। वह भी बन जाएगा। रिपोर्टर – धनतेरस के दिन क्षेत्र में बांटना है। विशाल – दीपावली में तो 25 वाला नहीं हो पाएगा, लेकिन चुनाव के पहले कर सकते हैं। रिपोर्टर – अभी हमें 10 हजार पीस चाहिए। विशाल – जो मेरे पास है, उसका अभी हम बता दे रहे हैं, लगभग 1150 रुपए आज के रेट से। रिपोर्टर – 38% वाला? विशाल – 48 पड़ता है, लेकिन चांदी 38% है। रिपोर्टर – अभी मिल जाएगा ना? विशाल – हां, हम ट्राई करते हैं। रिपोर्टर – पुराना जैसा हो जाएगा ना? विशाल – हां, हो जाएगा, वह किसी दुकान से कंसर्ट करना पड़ेगा। 10 से 15 रुपए एक सिक्के पर लेगा। रिपोर्टर – दुकान बता दीजिए। विशाल – हर दुकान पर होता है, लेकिन हम सजेशन नहीं दे पाएंगे। सिक्कों की डील के लिए इन्वेस्टिगेशन टीम राजकुमार ज्वेलर्स के पास पहुंची। यहां हमारी मुलाकात राजकुमार से हुई, जो 2000 नए सिक्के देने को तैयार हो गए। उन्होंने यह भी बताया कि इसे 100 साल पुराने विक्टोरिया वाले सिक्कों की तरह दिखने वाला भी बनवा देंगे। रिपोर्टर – हमको विक्टोरिया वाले सिक्के चाहिए, कम टंच वाले में राजकुमार – चाहिए कब? रिपोर्टर – धनतेरस में कुछ चाहिए और कुछ दीपावली में कर दीजिए। राजकुमार – 25 टंच वाला अभी नहीं है, 60 टंच वाला मौजूद है। रिपोर्टर – यह कितने में मिल जाएगा? राजकुमार – मिल जाएगा, पुराना जैसा दिखने वाला भी हो जाएगा। थोड़ा ज्यादा पड़ेगा… मिल जाएगा। रिपोर्टर – पूरा एकदम पुराना दिखेगा ना? देखने में कोई दिक्कत तो नहीं होगी ना? राजकुमार – वह तो नया फ्रेश देंगे ना हम, बाद में पुराना कराना होगा। रिपोर्टर – हमें तो पुराना चाहिए। राजकुमार – (सिक्का दिखाते हुए) इस तरह का होगा। रिपोर्टर – 1872 लिखा हुआ है? राजकुमार – हां। रिपोर्टर – पुराना दिखने लगे, इसके लिए क्या करना होगा? इसके लिए एक्स्ट्रा भी खर्च कर देंगे। राजकुमार – हां, 10 से 15 रुपए प्रति पीस पर हो जाएगा। रिपोर्टर – हो जाएगा ना वो? राजकुमार – हो तो जाएगा, इसमें टाइम लगेगा। सिक्का को काला करना मजाक नहीं है। रिपोर्टर – कोई बात नहीं, हम टाइम दे देंगे। राजकुमार – हम सिक्का दे देंगे, कारीगर दे देंगे, उससे करवा लीजिएगा। रिपोर्टर – कोई बात नहीं। राजकुमार – कैश लेकर आइए जल्दी, फिर पूरा काम करा देते हैं। रिपोर्टर – हां, जल्दी लेकर आ रहे हैं, सिर्फ कारीगर बता दीजिए कौन करता है। राजकुमार – हम करवा कर देंगे, पहले ऑर्डर के लिए एडवांस तो दीजिए। विश्वासी आदमी दे देंगे, जो गलत नहीं करेगा। बाकरगंज में ही हमे पता चला कि मां कमला ज्वेलर्स सिक्कों की बड़ी डील करते हैं। हम मां कमला ज्वेलर्स पहुंचे तो यहां हमारी मुलाकात आशुतोष से हुई, जो विक्टोरिया वाले सिक्कों को बेचना गैर कानूनी बताने के बाद भी ऑन डिमांड इंतजाम करने को तैयार हो गए। रिपोर्टर – 25 टंच वाला चांदी का सिक्का विक्टोरिया वाला है क्या? आशुतोष – अभी तो स्टेशन पर चेकिंग वगैरह लगी हुई है, आचार संहिता है ना। रिपोर्टर – तब कैसे मिलेगा? आशुतोष – एक महीने पहले बोलते, जितना चाहते मिल जाता। थोड़ा समय लग सकता है। रिपोर्टर – दिक्कत है क्या? आशुतोष – ऐसे सिक्कों को रखा नहीं जाता है, पकड़े जाने पर केस हो जाता है। विक्टोरिया वाला बेचना गैर-कानूनी है। फिलहाल 48 वाला डॉलर व्यवस्था कर देंगे। रिपोर्टर – यह डॉलर कितना हो जाएगा? आशुतोष – एक दिन का हमको समय दीजिए। रिपोर्टर – ओरिजिनल और नकली विक्टोरिया में क्या अंतर है? आशुतोष – जो ओरिजिनल होगा, उसपर 1880 लिखा होगा, लेकिन डुप्लीकेट कभी भी बनाया जा सकता है। चांदी मार्केट में ही हमें राजश्री ज्वेलर्स के बारे में पता चला। हम जब दुकान पर पहुंचे और सिक्के की बात की तो सेल्समैन ने बबलू को बुलाकर हमारे साथ सिक्के के लिए लगा दिया। बबलू ने चांदी के सिक्कों का पूरा खेल बताया। डील में कई बड़े खुलासे हुए। रिपोर्टर – हमें 10 हजार चांदी के सिक्के चाहिए, इलेक्शन में बांटने हैं। सेल्समैन – बबलू भैया देख लीजिए। बबलू – कहां दुकान है आपकी? रिपोर्टर – दुकान नहीं है, चुनाव में बांटना है। बबलू – लक्ष्मी-गणेश वाला चाहिए ना? रिपोर्टर – नहीं, विक्टोरिया वाला पुराना चाहिए। बबलू – 1300 रुपए एक पीस पड़ेगा, 50% वाला। रिपोर्टर – पुराना दिखेगा ना? बबलू – साथ में बैठा व्यक्ति बोला पुराना हो जाएगा। पुराना वाला का ज्यादा लगेगा, 1560 रुपए। इसका भी 50% रहेगा। अभी राजा मिलेगा, समय दीजिएगा, ऑर्डर दीजिएगा तो सब मिल जाएगा। बबलू – (काउंटर पर बैठे व्यक्ति से) ए रंजीत, हम लोगों को यहां BT 50 में विक्टोरिया हो जाएगा ना 2000-2500 पीस? रंजीत – बंटवाना किस पार्टी में हैं? रिपोर्टर – चुनाव में बांटना है। दुकानदार – किस पार्टी का? रिपोर्टर – छोड़ दीजिए वो। रंजीत – चुनाव में नेता लोग पहले पहले पायल भी बंटवाते थे। रंजीत – (फोन पर बड़े डीलर से बात करते हुए) राधे-राधे, 51 वाला सिक्का जो दिए थे ना विक्टोरिया रानी वाला, 20 किलो कितना देर में दे देंगे। डिलीवरी कर दीजिएगा। पार्सल तो हम कर लेंगे, उसमें कोई टेंशन नहीं है। वही 10 ग्राम राजा-रानी। रिपोर्टर – कितनी देर में आ जाएगा। रंजीत – तीन दिन में आ जाएगा, आज का समय छोड़ दीजिए। बाकरगंज में ही हमें सुहाग कला मंदिर के बारे में पता चला। हम सिक्कों की डील करने पहुंचे तो विजय कुमार से मुलाकात हुई। विजय ने भी नए सिक्कों को पुराना जैसा दिखने वाला पूरा ट्रेंड बताया। रिपोर्टर – हमें चुनाव के लिए ज्यादा संख्या में सिक्के चाहिए, कम से कम चांदी वाला होना चाहिए। विजय – मिल जाएगा, लेकिन 50 टंच वाला होगा। रिपोर्टर – 50 टंच में क्या होता है? विजय – वही आधा वाला होता है। रिपोर्टर – एक सिक्का हमें कितना रुपए में पड़ेगा? विजय – करीब 1100 रुपए का मिल जाएगा। रिपोर्टर – वही ब्लैक वाला ना? विजय – हां, वही ब्लैक वाला। अभी 50 वाला है, जिसमें 40% ही चांदी होगा। रिपोर्टर – 10% कम क्यों होता है ? विजय – हां, 10% बेचने वाले के लिए रहता है, 40% उसमें चांदी है। रिपोर्टर – मतलब गलाने के बाद 40% ही चांदी रहेगा? विजय – हां, 40%। रिपोर्टर – 25 वाला प्रयास कीजिए ना, बन जाए तो। विजय – आप पहले बोलते तो हम 10% चांदी वाला भी बनवा देते। रिपोर्टर – 10 टंच में तो कुछ भी नहीं रहता होगा? विजय – समझिए, वह एक तरह का कवरिंग है। रिपोर्टर – पता चल जाता है क्या? विजय – चेक करवा लेगा तो पता चल जाएगा, लेकिन हम जो 50 वाला बोल रहे हैं वह ठीक है। पटना के बाकरगंज में जब हम जय आभूषण पहुंचे तो यहां हमारी मुलाकात जय से हुई। उन्होंने कहा, मार्केट में विक्टोरिया वाले जितने भी सिक्के बिक रहे हैं, सब के सब नकली हैं। बस लोगों का विश्वास है, दुकानदार उसी विश्वास से खेलकर नकली सिक्का दे देते हैं। हालांकि जय आभूषण में भी हमे बताया गया कि धनतेरस के दिन सिक्के मिल जाएंगे। नेपाल से लेकर कई राज्यों में बिहार से सप्लाई हमारी इन्वेस्टिगेशन में 100 साल पुराने सिक्कों जैसे दिखने वाले नकली सिक्कों के धंधेबाज एक्सपोज हो चुके थे। अब हम उन गैंग की तलाश में जुटे जो नए चांदी के सिक्कों को 100 साल पुराना दिखने जैसा बनाते हैं। दुकानदारों से इनपुट मिलने के बाद हम इस गैंग में शामिल कारीगरों की तलाश करने में जुट गए। भास्कर की स्टेट इन्वेस्टिगेशन टीम पटना के सराफा मार्केट बाकरगंज में पन्नालाल ज्वेलर्स के पास पहुंची। यहां हमारी मुलाकात पन्नालाल ज्वेलर्स के मालिक राजू भाई से हुई। यहां पहले हमने ज्यादा संख्या में सिक्के लेने की बात कही, फिर उसके पुराना जैसा दिखने का पूरा प्रोसेस जाना। रिपोर्टर – 12 ग्राम का सिक्का चाहिए। राजू भाई – 11 ग्राम होता है, 1450 रुपए का पड़ेगा। रिपोर्टर – दिखा दीजिए, ब्लैक में चाहिए। राजू भाई – ब्लैक करना होता है। रिपोर्टर – कैसे होता है? राजू भाई – वह हो जाता है। रिपोर्टर – गर्म करना होगा? राजू भाई – नहीं, कोयला में रखना होता है, पानी डालना पड़ेगा, फिर जमीन में रखना होगा। हम बता देंगे कहां होगा। डील में 1450 का एक सिक्का, ग्राहक को आम 2500 में बाकरगंज में पन्नालाल ज्वेलर्स से हमने 1450 रुपए का सिक्का खरीदा। सिक्का पूरी तरह से चमक रहा था, लेकिन वह 1909 का था। इस पर किंग बने थे। राजू भाई ने इसे थोक रेट में दिया था, क्योंकि हमने 10 हजार सिक्कों की डील की थी। क्रॉस चेक करने के लिए जब हम दूसरे रिपोर्टर को राजू भाई के पास भेजे तो वही सिक्का वह 25 सौ रुपए में देने की बात कहे। सिक्का लेकर हम मिलन आभूषण के बाहर बैठे कारीगर के पास पहुंचे, जहां उसने नए सिक्के को पुराना कर दिया। आधा प्रोसेस पूरा करने के बाद बाकी काम के लिए वह पीछे मकान में सिक्का रखवा दिया। यहां हमे नहीं ले गया, एक दिन बाद सिक्का काला करके देने का दावा किया। बिहार से नेपाल तक सप्लाई, पटना बना सप्लाई सेंटर भास्कर की इन्वेस्टिगेशन में सामने आया कि बिहार से देश के कई राज्यों चांदी के नए सिक्कों को 100 साल पुराना जैसा दिखने वाला बनकर सप्लाई किया जाता है। नेपाल में बड़े पैमाने पर बिहार से ही सिक्कों को बेचा जाता है। बिहार से ही यूपी, झारखंड, बंगाल, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में सिक्कों की सप्लाई होती है। इन्वेस्टिगेशन में पता चला कि सिक्कों को विक्टोरिया मॉडल वाला देश के अलग-अलग राज्यों से बनवाकर आभूषणों की खेप में मंगाया जाता है। बिहार में गैंग इसे प्रोसेस कर 100 साल पुराना दिखने वाला बनाती है। इसके बाद इसकी सप्लाई की जाती है। धनतेरस पर बिहार में 90 करोड़ के सिक्कों के कारोबार की उम्मीद ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन” (AIJGF) के बिहार अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा के मुताबिक, धनतेरस पर बिहार में ही चांदी का कारोबार एक हजार किलो का होता है। चांदी का रेट 1 लाख 87 हजार रुपए प्रति किलो है। इस रेट से कुल 108 करोड़ का कुल कारोबार बिहार में होता है। सिक्का तो लोग मुहूर्त के रूप में लेते हैं। इसलिए टोटल कारोबार में 40 प्रतिशत सिक्का का कारोबार होता है, यानि 50 करोड़ से अधिक के सिक्के तो सिर्फ बिहार में बिकते हैं। धनतेरस पर 2023 में सोने और चांदी का मिलाकर कुल कारोबार 5 हजार करोड़ का हुआ था। इसमें 70 करोड़ तो सिर्फ चांदी के सिक्कों का कारोबार हुआ। वहीं, 2025 में 6 हजार करोड़ के कारोबार की संभावना है जिसमें 90 करोड़ के चांदी के सिक्कों के कारोबार की उम्मीद है।

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