हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने दक्षिण अमेरिका के बारबाडोस में अपनी पत्नी संग प्रसिद्ध हैरिसन गुफाओं का दौरा किया। उन्होंने बताया कि यह अनुभव न केवल प्रकृति की सुंदरता से जुड़ने का अवसर रहा, बल्कि इस द्वीप की भू-वैज्ञानिक धरोहर को करीब से समझने का मौका भी मिला। यह गुफाएं करीब 60 से 70 हजार वर्ष पुरानी मानी जाती हैं, जिनकी गहराई में प्रकृति के अनगिनत रहस्य छिपे हैं। प्राकृतिक सुंदरता के बीच संसदीय जिम्मेदारी का संदेश सम्मेलन के दौरान हरविंद्र कल्याण ने भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं और संसदीय मूल्यों को विश्व के सामने रखा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण और लोकतंत्र, दोनों ही समाज के स्थायी विकास की नींव हैं। गुफाओं के दौरे के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह प्रकृति का अद्भुत चमत्कार है, जिसने पर्यावरण संरक्षण के प्रति नई सोच दी। विश्व नेताओं से हुई मुलाकातें, साझा किए भारत के विचार 68वें कॉमन वेल्थ संसदीय सम्मेलन में हरविंद्र कल्याण ने बारबाडोस की प्रधानमंत्री मिया मोटली, उप प्रधानमंत्री संतिया जे और संसद अध्यक्ष आर्थर होल्डर से मुलाकात की। उन्होंने संसदीय सहयोग, नीति आदान-प्रदान और वैश्विक साझेदारी को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत के लोकतांत्रिक आदर्श विश्व में समावेशी शासन का उदाहरण हैं। अंतरराष्ट्रीय मंच पर गूंजी हरियाणा की आवाज सम्मेलन का विषय था – ‘दी कॉमन वेल्थ ए ग्लोबल पार्टनरशिप’। इसमें 6 अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक विश्व के कई देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। हरविंद्र कल्याण ने भारत और हरियाणा की आवाज को अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाते हुए कहा कि ऐसे सम्मेलन न केवल लोकतंत्र को मजबूत करते हैं, बल्कि आपसी सहयोग का सेतु भी बनाते हैं। कैरेबियन सागर में बसे बारबाडोस में हुआ आयोजन यह सम्मेलन कैरेबियन सागर में बसे खूबसूरत देश बारबाडोस की राजधानी ब्रिजटाउन में हुआ। यहां वैश्विक लोकतंत्र, महिला नेतृत्व, पारदर्शी शासन और जलवायु परिवर्तन जैसे अहम मुद्दों पर मंथन हुआ। हरविंद्र कल्याण ने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक भावना ऐसे मंचों पर न सिर्फ प्रेरणा देती है बल्कि विश्व को नई दिशा भी दिखाती है। पिछला सम्मेलन ऑस्ट्रेलिया में हुआ था इससे पहले 67वां कॉमन वेल्थ संसदीय सम्मेलन नवंबर 2024 में ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स में आयोजित किया गया था। हरविंद्र कल्याण ने कहा कि बारबाडोस सम्मेलन भारत के संसदीय योगदान और वैश्विक साझेदारी को नए स्तर पर ले गया है। उन्होंने कहा कि गुफाओं की तरह लोकतंत्र की गहराई भी तब समझ आती है, जब उसे दिल से महसूस किया जाए।