यूपी के हमीरपुर से मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई है। यहां यमुना पुल पर मरम्मत के चलते वाहनों की एंट्री बंद है। इसके बाद भी भाजपा विधायक की कार पुल से होकर गुजरी, लेकिन मजदूर की मां का शव लेकर जा रही एम्बुलेंस को रोक दिया गया। बेटों ने पुलिसकर्मियों के हाथ-पैर जोड़े, काफी देर तक मिन्नतें कीं, लेकिन पुलिसकर्मी एम्बुलेंस को भेजने के लिए राजी नहीं हुए। इसके बाद बेटे ने स्ट्रेचर सहित एम्बुलेंस से शव को उतारा और करीब 1 किमी पैदल चलकर पुल पार किया। स्ट्रेचर को एक तरफ बेटा, तो दूसरी तरफ एम्बुलेंस ड्राइवर और चिकित्सा कर्मी पकड़े हुए थे। इसके बाद शव को ऑटो से लेकर घर गया। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सामने आया है मामला कानपुर-सागर हाईवे एनएच-34 का है। पूरा मामला जानिए
कानपुर-सागर (एनएच-34) पर यमुना नदी पर बने पुल की मरम्मत का काम शनिवार सुबह 6 बजे से शुरू हुआ। इसके चलते पुल से वाहनों की आवाजाही दो दिन के लिए रोक दी गई। शनिवार सुबह 6:44 बजे सदर विधायक मनोज प्रजापति की कार को पार कराने के लिए यमुना पुल पर लगी बैरिकेडिंग हटा दी गई। इसके तीन घंटे बाद सुबह 9:30 बजे टेढ़ा गांव निवासी बिंदा (25) अपनी मां शिवदेवी (63) के शव को लेकर कानपुर से एम्बुलेंस में लौटे, लेकिन पुल पर तैनात पुलिसकर्मियों ने एम्बुलेंस को रोक दिया।इसके बाद बिंदा को स्ट्रेचर पर अपनी मां के शव को करीब 1 किमी तक पुल के उस पार ले जाना पड़ा। फिर उन्होंने शव को एक ऑटो में रखवाया और घर के लिए रवाना हुए। विधायक की सफाई, कहा- मैं कार में नहीं था
इस मामले पर विधायक मनोज प्रजापति ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि उनके भाई की तबीयत खराब थी और उन्हें कानपुर रेफर किया गया था। सुबह 6 बजे जब वह पुल पर पहुंचे, तब पुल एक ओर से खुला था जबकि दूसरी ओर से बंद किए जाने की प्रक्रिया चल रही थी। उसी दौरान उनकी गाड़ी पुल से निकली। उन्होंने स्पष्ट किया कि शव वाहन दोपहर में आया था, उस समय पुल पर मरम्मत कार्य शुरू हो चुका था। ऐसे में दोनों घटनाओं की तुलना करना गलत है। साइट इंजीनियर पंकज सिंह ने बताया- 10 नंबर पिलर पर दो नई बेयरिंग लगाई गई हैं, जबकि छह की मरम्मत की गई है। दरोगा राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि भारी वाहन चालकों को खासा दिक्कत हो रही है। लोडेड ट्रक इस मार्ग से नहीं निकल पा रहे हैं। जोल्हूपुर के रास्ते भेजे जा रहे हैं। हालांकि, पैदल जाने वालों पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। इस मामले में पीएनसी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर एमपी वर्मा ने कहा कि जब विधायक की गाड़ी पुल से निकली, उस समय मरम्मत कार्य शुरू नहीं हुआ था—केवल पुल बंद करने की प्रक्रिया जारी थी। वहीं, शव वाहन दोपहर में पहुंचा, जब पुल पर मरम्मत कार्य चल रहा था, इसलिए उसे रोका गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि पुल बंद होने के बाद लोगों को कुरारा-मनकी मार्ग से कानपुर की ओर भेजा जा रहा है। यह मार्ग करीब 25 किमी लंबा है, लेकिन सड़क की हालत इतनी खराब है कि इसे पार करने में दो घंटे तक लग रहे हैं। सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं और कई हिस्सों में पूरी सड़क ही उखड़ी हुई है। ये खबर भी पढ़ेंः-