भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह, पत्नी ज्योति सिंह के जाल में फंसकर विधायकी का टिकट गंवा दिए क्या? क्योंकि अब पवन सिंह खुद कह रहे हैं कि हम चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन चर्चा है कि BJP उनको चुनाव के बाद MLC बना देगी। चर्चा तो ये भी है कि संजय झा कि वजह से दर्जन भर नेताओं ने JDU छोड़ दी हैं। बिहार के सियासी गलियारों में फिलहाल ऐसी ही तीन चर्चाएं गर्म हैं। दबे मुंह लोग फुस-फुसा रहे हैं, जिसे अंग्रेजी में कॉन्सपिरेसी थ्योरी कहते हैं। अब ये सच है या झूठ हम दावा नहीं करते हैं, लेकिन चर्चा तो है। दैनिक भास्कर लाया है, हर रविवार बिहार से जुड़ी ऐसी ही कॉन्सपिरेसी थ्योरी पर आधारित सीरीज ‘सच्चा झूठ’… पहली कॉन्सपिरेसी- चुनाव के बाद बीजेपी पवन सिंह को MLC बनाएगी। चर्चा है कि पवन सिंह और उनकी पत्नी ज्योति सिंह के बीच चल रहे विवाद की वजह से भाजपा ने पावर स्टार का टिकट काट दिया है। वहीं पवन सिंह को समझाने की जिम्मेदारी यूपी के बाहुबली राजपूत नेता और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह को दी गई है। 10 अक्टूबर की रात उन्होंने पवन सिंह से फोन पर बात भी की। इसके अगले ही दिन पवन सिंह ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना है। चुनावी चाणक्यों का कहना है कि ज्योति के साथ बढ़ते विवाद के चलते भाजपा को लग रहा है कि पार्टी को इसका फायदा के बजाय नुकसान झेलना पड़ सकता है। चर्चा तो ये भी है कि बीजेपी ने पावर स्टार को चुनाव बाद कलाकार कोटा से MLC बनाने का वादा किया है। हालांकि, पवन सिंह राज्यसभा जाना चाहते हैं, लेकिन बीजेपी ऐसा करने के मूड में नहीं है। अब उनकी ये हालत देखकर बिहार में लोग कह रहे हैं कि पवन भईया को न माया मिली न राम… ऐसा हम नहीं कह रहे हैं… ये सिर्फ चर्चा है चर्चा…सच है कि झूठ हमें नहीं पता। दूसरी कॉन्सपिरेसी- तेजस्वी ने टिकट देने के नाम पर पशुपति पारस की पार्टी का RJD में विलय करने को कहा। एक तरफ महागठबंधन सीट बंटवारे का गणित सुलझाने में लगा है। वहीं दूसरी तरफ तेजस्वी जुगाड़ बैठा रहे हैं कि सीट देने के नाम पर कैसे छोटी पार्टियों को RJD में मिला लिया जाए। राजनीति के अंत:पुर की खबर रखने वालों का कहना है कि ऐसा ही ऑफर स्वर्गीय रामविलास पासवान के छोटे भाई और चिराग के चाचा पशुपति पारस को दिया गया है। तेजस्वी ने पारस को साफ कह दिया की अगर महागठबंधन से सीट चाहिए तो RJD के सिंबल पर चुनाव लड़ना होगा। क्योंकि आपकी सिलाई मशीन को कोई नहीं जानता, लालटेन जलाइए। चर्चा है कि RJD में विलय के बाद ही पशुपति पारस के बेटे यशराज, भतीजे प्रिंसराज और उनके करीबी लोगों को विधानसभा चुनाव का टिकट दिया जाएगा। खबर है कि इस उहापोह के बीच पशुपति जी को एक रणनीतिकार ने एक नया आइडिया दिया है कि पशुपति पारस और सूरजभाज पार्टी संभालें। दूसरी तरफ बेटे, भतीजे और सूरजभान की पत्नी वीणा देवी को RJD के सिंबल से चुनाव लड़ा दिया जाए। अब इसी नए आइडिया पर आज पशुपति पारस बैठक कर सकते हैं। फिर से बताएं दे रहे हैं, ऐसी चर्चा है… सच कि झूठ हम नहीं जानते। तीसरी कॉन्सपिरेसी- संजय झा के चलते एक दर्जन नेताओं ने नीतीश कुमार की JDU छोड़ी। ज्यों-ज्यों चुनाव चढ़ रहा है, त्यों-त्यों दल बदल की रफ्तार बढ़ रही है। सबसे बड़ा झटका तो नीतीश कुमार की JDU को लगा है। अब तक 12 से ज्यादा नेताओं पार्टी से रिश्ता तोड़ लिया है। इसमें नीतीश के करीबी पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा, पूर्व मंत्री लक्ष्मेश्वर राय, श्याम बिहारी प्रसाद, पूर्व विधायक मीना द्विवेदी जैसे नाम शामिल हैं। चर्चा है कि JDU पर संजय झा की पकड़ मजबूत होने से पार्टी के तमाम नेता और कोर-वोटर नाराज होकर पार्टी से नाता तोड़ रहे हैं । 10 अक्टूबर को RJD ज्वाइन करते हुए संतोष कुशवाहा ने कहा कि JDU को 3 लोगों ने गिरवी रख लिया है। नीतीश जी को अंधेरे में रखा जा रहा है। जो लोग चुनाव हार जाते हैं, वो या तो मंत्री बन जाते हैं या राज्यसभा चले जाते हैं। संतोष तो यहां तक बोल गए कि कुछ ही दिन में JDU खत्म हो जाएगी। चर्चा है कि पूर्व सांसद संतोष जी मधेपुरा जिले के बिहारीगंज से विधायकी का टिकट चाहते थे, लेकिन जब वहां से बात नहीं बनी तो JDU के एक मंत्री जी उन्हें दूसरा आप्शन दिए। लेकिन मामला उसमें भी सेट नहीं हुआ। ऐसे में वो नाराज होकर तीर छोड़ दिए और लालटेन जलाने चले गए। अब हो सकता है कि RJD उन्हें धमदाहा से मंत्री लेसी सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा दे। दूसरी तरफ 8 अक्टूबर को पूर्व मंत्री लक्ष्मेश्वर राय RJD में शामिल होने के बाद JDU के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा पर फट पड़े। उन्होंने कहा, ‘अब JDU में नीतीश कुमार नहीं, बल्कि संजय झा सब कुछ चला रहे हैं। मुख्यमंत्री को किनारे कर दिया गया है और कार्यकर्ताओं की कोई सुनवाई नहीं होती।’ चुनावी चाणक्यों का कहना है कि JDU के कोर-वोटर यानी कोइरी-कुर्मी कम्युनिटी के लोग चाहते हैं कि इस बार नीतीश कुमार अपने बेटे निशांत की पॉलिटिक्स में एंट्री कराएं और पार्टी की कमान सौंपे। फिर से बताए दे रहे हैं… ये सब चर्चा हैं सिर्फ चर्चा… सच है कि झूठ… हम दावा नहीं कर रहे। **** बिहार की ऐसी ही सियासी और चुनावी चर्चाओं के लिए इंतजार करिए अगले रविवार का, तब तक जुड़े रहिए दैनिक भास्कर एप से… क्या आप हैं बिहार की राजनीति के एक्सपर्ट? खेलिए और जीतिए 2 करोड़ तक के इनाम बिहार की राजनीति से जुड़े 5 आसान सवालों के जवाब दीजिए और जीतिए 2 करोड़ तक के इनाम। रोज 50 लोग जीत सकते हैं आकर्षक डेली प्राइज। लगातार खेलिए और पाएं लकी ड्रॉ में बंपर प्राइज सुजुकी ग्रैंड विटारा जीतने के मौके। चुनावी क्विज अभी खेलने के लिए यहां क्लिक करें – https://dainik.bhaskar.com/GXiUvc8h3Wb