पंजाब के सरकारी स्कूलों को शहीदों के नाम पर समर्पित किया जा रहा है। ऐसे स्कूलों में अब संबंधित शहीदों की तस्वीरें या पेंटिंग्स लगाई जाएंगी। साथ ही उनके जीवन से जुड़ी जानकारी जैसे- उनका जन्मस्थान, उनकी भूमिका, वे किन जेलों में रहे आदि स्कूल में प्रदर्शित की जाएगी। राज्य के शिक्षामंत्री ने बताया कि यह फैसला पंजाब सरकार की ओर से लिया गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में 25 और स्कूलों के नाम शहीदों और प्रमुख हस्तियों के नाम पर रखे जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि दुनिया के सबसे बुजुर्ग धावक स्वर्गीय फौजा सिंह के सरकारी स्कूल का नाम भी अब उनके नाम पर रखा जाएगा। तीस साल से लंबित मांग पूरी शिक्षामंत्री ने कहा कि जब से मौजूदा सरकार सत्ता में आई है, तब से लगातार स्कूलों के नाम स्वतंत्रता सेनानियों, शहीदों और समाज की महान हस्तियों के नाम पर रखे जा रहे हैं। इसका उद्देश्य है कि आज की युवा पीढ़ी उन नायकों के बलिदान और संघर्ष के बारे में जान सके। उन्होंने बताया कि कई इलाकों की पंचायतें पिछले 30 से इस मांग को उठा रही थीं, लेकिन पहले की सरकारों ने इसे मंजूरी नहीं दी थी। अब इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। तस्वीर और जानकारी क्यों जरूरी शिक्षामंत्री हरजोत सिंह बैंस ने इस फैसले के पीछे की एक वजह साझा करते हुए कहा कि, हाल ही में जब वे जालंधर में एक शहीद के नाम पर रखे गए स्कूल में गए, तो वहां के प्रिंसिपल और बच्चों को उस शहीद के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। ऐसे में तय किया गया है कि अब न केवल शहीद की तस्वीर लगाई जाएगी, बल्कि उनके जीवन का संक्षिप्त विवरण भी स्कूल में लगाया जाएगा। साथ ही उनकी बरसी पर उनके परिवार को सम्मानपूर्वक बुलाया जाएगा।