शिवलिंग पर जलाभिषेक कर बारिश की लगाई गुहार:बेतिया के सोफा मंदिर में उमड़ा जनसैलाब, ग्रामीणों की सदियों पुरानी है परंपरा

सावन में पश्चिम चंपारण के गौनाहा प्रखंड स्थित प्रसिद्ध सोफा मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। बारिश की कमी और खेतों में सूखे की स्थिति बनी हुई है। इसे देखते हुए ग्रामीणों ने भगवान भोलेनाथ के दरबार में सामूहिक प्रार्थना की। जलाभिषेक कर वर्षा की गुहार लगाई गुरुवार को रामगीर बारहगांवा तापा से 500 से अधिक श्रद्धालु मंदिर पहुंचे और शिवलिंग पर जलाभिषेक कर वर्षा की गुहार लगाई। वहीं शुक्रवार को जम्हौली तापा से करीब 250 श्रद्धालुओं ने मंदिर आकर भगवान शिव को जल अर्पित किया और इंद्रदेव से कृपा की याचना की। सदियों पुरानी परंपरा, आस्था से जुड़ी मान्यता ग्रामीणों की मान्यता है कि जब वर्षा नहीं होती, खेत सूखने लगते हैं, तब सावन माह में सोफा मंदिर में जल चढ़ाने से बारिश जरूर होती है। यह परंपरा थरुहट क्षेत्र में सदियों से चली आ रही है और हर साल सैकड़ों ग्रामीण मंदिर पहुंचकर सामूहिक जलाभिषेक करते हैं। श्रद्धालु पारंपरिक गीतों और मंत्रोच्चार के साथ भोलेनाथ की आराधना करते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह केवल धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि समूहिक संकट के समय एकजुटता और विश्वास का प्रतीक भी है। संकट में आस्था ही सहारा इस परंपरा के पीछे प्रकृति और आस्था का गहरा संबंध छिपा है। ग्रामीण मानते हैं कि जब संकट आता है, तो सामूहिक आस्था से समाधान की राह निकलती है। यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना का भी परिचायक है।

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