सम्राट चौधरी बोले-बिहार में निजी निवेश को मिलेगा बढ़ावा:उपमुख्यमंत्री ने कहा-बड़ा सपना देखेंगे, तभी बिहार आगे बढ़ेगा; राजस्व की योजनाएं पीपीपी मॉडल पर चलेंगी

बिहार में बड़े विकास कार्यों को गति देने के लिए अब निजी निवेश को बढ़ावा देने की जरूरत है। यह बात राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने दैनिक भास्कर के आयोजित रियल इस्टेट कॉनक्लेव में कही। उन्होंने कहा कि राज्य की सरकार गरीबों के कल्याण में राज्य का पैसा खर्च कर रही है, लेकिन जिन योजनाओं से राजस्व आएगा, उन्हें निजी निवेश या पीपीपी मॉडल पर किया जाना चाहिए। पटना में रियल इस्टेट के पास अनेक संभावनाएं उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार और खासकर पटना में रियल इस्टेट प्रोजेक्ट्स के लिए खरीदारों की कोई कमी नहीं है। बड़े-बड़े प्रोजेक्ट भी यहां आसानी से बिक सकते हैं। उन्होंने बिल्डरों से सुझाव देने की अपील की और भरोसा दिलाया कि सरकार उनके लिए नई पॉलिसी लाएगी। सड़क नेटवर्क से बढ़ रही रियल इस्टेट की रफ्तार- नितिन नवीन कार्यक्रम में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि बिहार में तेजी से सड़क नेटवर्क फैल रहा है, जिससे रियल इस्टेट को मजबूती मिल रही है। साथ ही उन्होंने बुनियादी ढांचे की कमी पर चिंता भी जताई, खासकर सगुना मोड़ जैसे इलाकों के अनियोजित विस्तार को लेकर भी बातें कही। रियल इस्टेट से जुड़े जानकारों ने रखे अपने सुझाव सचिन चंद्रा, पूर्व अध्यक्ष, क्रेडाई बिहार ने कहा कि रेरा के आने से पहले क्रेडाई ही बिल्डर और ग्राहकों के विवाद सुलझाता था। अब भी नक्शा पास करने और फायर व फॉरेस्ट जैसे विभागों से अनुमोदन मिलने में देरी होती है, जिससे लागत बढ़ जाती है। इसमें तेजी लाने की जरूरत है। मणिकांत, स्टेट चेयरमैन, बीएआई ने कहा कि बिल्डरों और ग्राहकों के बीच एक भावनात्मक रिश्ता होता है। अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए जमीन की कीमत और क्लीयरेंस प्रक्रिया को आसान करना जरूरी है। ‘रेरा की वजह से बैंक और ग्राहकों के बीच भरोसा बढ़ा’ अमन कुमार झा, जोनल मैनेजर, इंडियन बैंक ने कहा कि रेरा की वजह से बैंक और ग्राहकों के बीच भरोसा बढ़ा है। सही दस्तावेज होने पर 1-2 दिन में होम लोन जारी किया जा सकता है। थर्ड पार्टी वेरीफिकेशन की प्रक्रिया को सरल बनाया जाना चाहिए। विनय पूर्ति, सीईओ, वीनस स्टार कंस्ट्रक्शन ने कहा कि ग्राहकों के साथ पारदर्शिता सबसे अहम है। क्या निर्माण सामग्री इस्तेमाल हो रही है, कब तक काम पूरा होगा – सबकी जानकारी ग्राहकों को होनी चाहिए। इससे भरोसा मजबूत होता है। ओम प्रकाश चौधरी, जोनल मैनेजर, बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि भवन निर्माण में बैंकों की भागीदारी बढ़ रही है। लोन की प्रक्रिया दो तरीके से होती है – डायरेक्ट और इनडायरेक्ट। हर स्तर पर बैंक और ग्राहक के बीच ट्रस्ट अहम होता है।

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