पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा जिले से सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत मिलने वाला मुआवजा अब तक नहीं मिल पाना अत्यंत गंभीर विषय है। किसानों के अनुसार प्रदेश के कई जिलों में करोड़ों रुपए के बीमा क्लेम वर्षों से लंबित हैं, जिससे किसान आर्थिक और मानसिक संकट में हैं। कुमारी सैलजा ने कहा कि बाढ़ और अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई, लेकिन उस समय न तो पर्याप्त प्रशासनिक सहायता मिली और न ही समय पर सर्वे किए गए। अब मुआवजे के समय फसल कटाई प्रयोग, तकनीकी आपत्तियों और बीमा कंपनियों की प्रक्रियाओं के नाम पर किसानों को उनके हक से वंचित किया जा रहा है। सभी औपचारिकताएं पूरी, भुगतान नहीं उन्होंने कहा कि किसानों के अनुसार भिवानी, सिरसा, नूंह और चरखी दादरी जैसे जिलों में बड़ी संख्या में किसानों के बीमा दावे लंबित हैं। कई किसानों ने बताया कि सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बावजूद उन्हें भुगतान नहीं किया गया और बार-बार दफ्तरों के चक्कर लगवाए जा रहे हैं। सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि किसान किसी प्रकार की रियायत नहीं, बल्कि अपने वैध अधिकार की मांग कर रहा है। प्राकृतिक आपदा किसान के नियंत्रण से बाहर होती है। ऐसे में सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि वह संवेदनशीलता के साथ राहत पहुंचाए। वहीं, किसानों ने भी जल्द मुआवजा देने की मांग की है। लंबित फसल बीमा की समीक्षा हो सांसद सैलजा ने प्रशासन से मांग की, कि लंबित फसल बीमा क्लेम की तत्काल समीक्षा की जाए, तकनीकी कारणों से रोके गए मामलों को सरल प्रक्रिया के तहत निपटाया जाए और प्रभावित किसानों को शीघ्र भुगतान सुनिश्चित किया जाए, ताकि वे अगली फसल की तैयारी कर सकें। वहीं रेवेन्यू विभाग की ओर से एरिया वाइज सरकार को रिपोर्ट भेजी थी, जिस पर सरकार ने दोबारा रिव्यू के लिए कहा था। बारिश से भी काफी नुकसान झेलना पड़ा नेजाडेला कलां से किसान नेता इकबाल सिंह, बलजीत, रमेश, अशोक कुमार, सुरेंद्र, बलकार सिंह, महेंद्र एवं ज्ञानचंद व अर्जुनराम का कहना है कि घग्गर और बारिश के कारण फसलें डूब गई थी, जिससे काफी नुकसान हुआ था। किसान बोले, घग्गर के बांध टूटने 15 से 20 गांवों में काफी नुकसान था, जिसमें फसलें डूबी और मकानों की छतें गिर गई थी। इसका मुआवजा अभी तक किसानों को नहीं मिला है। इससे किसानों में हताशा है। इस बारे में किसान संगठन कई बार प्रशासन से मिल चुके हैं और धरना प्रदर्शन से लेकर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नाम ज्ञापन सौंप चुके हैं। इसके बावजूद मुआवजा नहीं आया। 25 तारीख के बाद दोबारा प्रशासन से मिलेंगे।