सिस्टम की लापरवाही से शहर 4 घंटे जाम

बस स्टैंड रोड पर पंजाब रोडवेज यूनियन द्वारा किए गए रोष-प्रदर्शन ने आमजन का दिन मुश्किलों से भर दिया। प्रदर्शनकारियों ने सड़क के बीच बस खड़ी कर ट्रैफिक पूरी तरह जाम कर दिया, जिससे भारत नगर चौक, जवाहर नगर मार्केट, मॉल रोड, फाउंटेन चौक, मिड्ढ़ा चौक, जगराओं पुल सहित शहर के मुख्य बाजार और स्कूल हॉस्पिटल क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित रहे। हैरानी की बात यह रही कि दोपहर 12 से 2 बजे तक प्रदर्शन चलता रहा घंटों तक जाम लगने के बावजूद कोई भी पुलिस अधिकारी या ट्रैफिक कर्मी मौके पर नजर नहीं आया। एंबुलेंस में मरीज फंसे रहे, स्कूली बच्चों को छुट्टी के समय जाम में घंटों इंतजार करना पड़ा। बस स्टैंड के बाहर जनता 4 घंटे तक जाम में फंसी रही। फेस्टिवल सीजन में दुकानदारी चौपट: भारत नगर फर्नीचर एसोसिएशन के प्रधान जगतार सिंह ने कहा, दिवाली से पहले जब ग्राहक बाजार में आ रहे हैं, ऐसे समय में 4 घंटे जाम लगाना बेहद गैर-जिम्मेदाराना है। दुकानों के आगे वाहन अटक गए और ग्राहक परेशान होकर लौट गए। मिड्ढ़ा मार्केट के दुकानदार गुरप्रीत सिंह ने बताया कि हरनाम नगर फाटक से लेकर जवाहर नगर तक पूरा ट्रैफिक दो घंटे तक ठप रहा। अवैध रेडी वालों के कब्जे ने हालात और बिगाड़ दिए। घंटों स्कूल के बच्चे भी इस जाम में फंसे रहे, मगर किसी ने भी इस जाम को खुलवाने का प्रबंध नहीं किया। सरकार सैलरी नहीं दे रही, दिवाली कैसे मनाएं: यूनियन सेक्रेटरी यूनियन सेक्रेटरी शमशेर सिंह ने माना कि बस स्टैंड 12 से 2 बजे तक बंद रहा और 10 मिनट सड़क पर बसें खड़ी की गईं। जब जनता को परेशान करने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, सरकार सैलरी नहीं दे रही, दिवाली कैसे मनाएं। पंजाब रोडवेज पनबस/पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन द्वारा राज्यभर के बस स्टैंड बंद कर रोष प्रदर्शन किया गया। लुधियाना बस स्टैंड पर बोलते हुए यूनियन के सूबा जनरल सेक्रेटरी शमशेर सिंह ढिल्लों और सूबा जॉइंट सेक्रेटरी जगतार सिंह ने कहा कि पिछले चार वर्षों में पंजाब सरकार द्वारा ट्रांसपोर्ट विभाग के किसी भी कर्मचारी को पक्का नहीं किया गया। नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार हर महीने तनख्वाह के लिए कर्मचारियों को संघर्ष करने पर मजबूर करती है और तनख्वाह 15-20 तारीख के बाद दी जाती हैं। मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए बयानों के उलट, विभाग में बार-बार नए ठेकेदार लाए जा रहे हैं और ठेकेदारी प्रणाली के माध्यम से कर्मचारियों का शोषण हो रहा है। उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट मंत्री से 55 से अधिक बैठकें और मुख्यमंत्री से दो बैठकें हो चुकी हैं, जिसमें 1 जुलाई 2024 को लिखित आश्वासन दिया गया था कि एक महीने में 7 मांगों का हल निकाला जाएगा, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। यूनियन ने चेतावनी दी कि सरकार ने 23 अक्टूबर की बैठक में समाधान नहीं निकाला तो 25-26 अक्टूबर को तरनतारन क्षेत्र में सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ प्रचार किया जाएगा और आंदोलन को तेज किया जाएगा। …और ये है व्यवस्था संभालने वाले थाने और ट्रैफिक पुलिस का जवाब {शहर में थाना डिवीजन नंबर 5 के प्रभारी विक्रमजीत सिंह ने कहा कि ‘ये तो 5 मिनट का प्रदर्शन था। वो भी बस स्टैंड के अंदर। इसके लिए क्या परमिशन लगेगी।’ सच- प्रदर्शन बस स्टैंड के अलावा चलते ट्रैफिक वाले शेरपुर फ्लाईओवर के ऊपर भी किया गया गया। वो भी 5 मिनट नहीं करीब आधे घंटे से ज्यादा। यहां से जाम हटने में करीब डेढ़ घंटे लगे। जिला कचहरी जायज मांग का नाजायज तरीका मॉल रोड शेरपुर फ्लाईओवर पर तिरछी बस लगाकर ट्रैफिक रोक दिया। गिल रोड बस स्टैंड रोड पर लगा रहा जाम। एंबुलेंस फंसी शहर की इन 4 सड़कों पर हांफता रहा ट्रैफिक होटल गुलमोहर {नतीजा: एंबुलेंस, स्कूली बच्चे और लोग दिनभर ट्रैफिक से जूझते रहे {ट्रैफिक पुलिस ने भी जिम्मेदारी नहीं निभाई, लोगों को जाम में फंसने दिया {यूनियन ने बस स्टैंड के साथ-साथ शेरपुर हाईवे को भी जाम कर दिया {ट्रैफिक एसीपी जतिन बंसल बोले, ‘हमने बसस्टैंड आने वाले ट्रैफिक को भारत नगर चौक से कचहरी और ईएसआई हॉस्पिटल की तरफ डायवर्ट कर दिया था।’ सच- बस स्टैंड की तरफ ट्रैफिक को कंट्रोल करने के चक्कर में ट्रैफिक पुलिस ने जिस कचहरी और ईएसआई हॉस्पिटल की तरफ गाड़ियां डायवर्ट कर दीं वो पहले से ही भीड़भाड़ वाला इलाका है।

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