मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को पंजाब के लुधियाना में उद्योगपतियों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कहा- वैसे मेरा डबल रोल है। मप्र के उद्योग मंत्री का काम भी मेरे पास है और मुख्यमंत्री भी मैं ही हूं। ये आप सभी से सरलता से बात करने के लिए ही है। सीएम ने कहा- आप एमपी में रेडिमेड गारमेंट की इंडस्ट्री लगाएंगे तो लेबर आपके यहां काम करेगी। प्रॉफिट आपको मिलेगा, लेकिन लेबर को प्रति व्यक्ति 5 हजार रुपया भुगतान हम देंगे। रोजगारपरक इंडस्ट्रीज की अपनी कठिनाइयां होती हैं, इसलिए उनको मदद कर रहे हैं। जमीन पानी, ब्याज बिजली और चीजों में तो मदद करेंगे ही। पंजाब की साइकिल मध्यप्रदेश में बन सकती है
सीएम ने कहा- सर्दी आने वाली है, गर्मी लुधियाना ही लाता है। हम भी कभी स्वेटर लाते थे तो ओसवाल का ही ऊन लाते थे। दूसरा तो हमारे लिए मुश्किल होता था। हमारी सरकार ने कई योजनाएं शुरू कीं। जैसे स्कूल जाने वाले बच्चे को 6वीं और 9वीं के बाद 4 किलोमीटर से दूर उसका घर है तो सरकार साइकिल देगी। इसके माध्यम से आपकी संभावना खोज रहे हैं। साइकिल हम दे रहे हैं तो हम साइकिल तो नहीं बना सकते। पंजाब की साइकिल मप्र में भी बन सकती है। सीएम बोले- उद्योगपति गरीबों का घर पालते हैं
सीएम ने कहा- उद्योगपति केवल अपने लिए इंडस्ट्री नहीं चलाते, आपके माध्यम से लोगों का पेट पलता है। गरीबों की जिंदगी में उजाला आता है। ये बहुत बड़ा पवित्र काम आपके माध्यम से होता है। मप्र से आपको बुलावा आया है, एक घर मप्र में ही बनाना है एक यहां रखना है। मप्र में भी फैक्ट्री लगाना है एक काम यहां भी रखना है। सीएम ने कहा- पंजाब में एक क्षेत्र मालवा है। यहां के मालवा और एमपी के मालवा को मिलकर आनंद का वातावरण दिया था। वो हजारों साल के इतिहास के आधार पर हम जुड़े हैं। माल वाले के पास मालवा होता है। माल वाले या तो पंजाब में यो एमपी में हैं। इन उद्योगपतियों से मिले मुख्यमंत्री
सीएम से वर्धमान ग्रुप के एमडी नीरज जैन, रॉल्सन इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन संजीव पहवा, कंगारू इंडस्ट्रीज के एमडी अंबरीश जैन, टीके स्टील रोलिंग मिल्स प्राइवेट लिमिटेड के एमडी लोकेश जैन, रजनीश इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राहुल आहूजा, फार्म पार्ट्स कंपनी के उपाध्यक्ष जेएस भोगल, सीआईसीयू के अध्यक्ष उपकार सिंह आहूजा, कमल (सरजवन होजरी) के प्रतिनिधि सुदर्शन जैन और अरुण जैन सहित विभिन्न सेक्टर के उद्योगपतियों ने मुलाकात की। एमपी और पंजाब बिछड़े हुए सगे भाई हैं…
सीएम ने कहा- लुधियाना का इतिहास सिंधु घाटी की सभ्यता के पहले शुरू हो गया था। यहां के लोगों ने ईरान के आगे तक उद्योग, व्यापार में अपनी पहचान बनाई। आजादी के बाद साइकिल बनाने में पहचान बनाई। मध्यप्रदेश और पंजाब बिछडे़ हुए सगे भाई हैं, क्योंकि पंजाब और मध्यप्रदेश का गेहूं किसी से कम नहीं है। पंजाब बड़ा भाई है तो मप्र छोटा भाई। हमें मिलकर काम करने की आदत है। यहां ऐसे उद्योगपति बैठे हुए हैं जो मप्र और यहां पहले से काम कर रहे हैं। पंजाब गुरु परंपरा की धरती है। खुश हो जाए तो प्राण दे दे और दुश्मनी हो जाए तो जमीन में गाड़ दे। हमारे देश के नगरों में जैसे इंदौर की पहचान स्वच्छ शहर की है। वैसे ही लुधियाना उद्योगों की राजधानी है। ये भारत के मैनचेस्टर की तरह है। आजादी के वक्त अर्थव्यवस्था 15वें नंबर पर थी
1947 में देश आजाद हुआ। उस समय देश की व्यवस्था दूसरे देशों की तुलना में 15वें नंबर पर थी। इजराइल भी हमसे एक साल पहले आजाद हुआ था। हिरोशिमा-नागासाकी की घटना के बाद जापान उठकर खड़ा हो गया। 2014 में हमारा देश 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था था। जीआईएस में 30 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए
सीएम ने कहा- मैं कोयंबटूर, सूरत के साथ देश के कई राज्यों और दुनिया के कई देशों में रोड शो करते हुए अपनी बात सबके बीच रखते जा रहे हैं। उसी का परिणाम है कि फरवरी में हमने 30 लाख करोड़ के निवेश के प्रस्ताव पूरे देश से आमंत्रित किए। मप्र में इतना बड़ा इन्वेस्टमेंट पहली बार आए। पहले ये कॉमन रूप में किया फिर अलग अलग सेक्टर में किया। एमपी में सोने और हीरे की खदानें
सीएम ने कहा- मुझे नहीं मालूम यहां साइकिल इंडस्ट्री तो है लेकिन यहां लोहे की खदानें शायद नहीं हैं। हमारे यहां तो स्टील के प्लांट लगाइए। शहडोल में इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की। सिंगरौली सतना, रीवा में केवल माइनिंग में बड़ी संभावना है। मप्र एकमात्र राज्य है जिसकी जमीन में हीरा भी मिलता है और सोने की खदान भी मप्र में हैं। निवेश के सभी सेक्टर में मप्र में बड़ी संभावना है।