सुप्रीम कोर्ट ने डिजिटल अरेस्ट पर चिंता जताई:केंद्र-CBI से जवाब मांगा; दिल्ली में इस साल ₹1,000 करोड़ के साइबर फ्रॉड

देश में बढ़ती ऑनलाइन ठगी और डिजिटल अरेस्ट जैसी घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी चिंता जताई है। अदालत ने खुद पहल करते हुए केंद्र सरकार और CBI से इन मामलों में जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्याकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि यह कोई आम अपराध नहीं है। कोर्ट के नाम, मुहर और आदेशों की नकली कॉपी बनाना पूरी न्याय व्यवस्था पर सीधा हमला है। दरअसल, ठगों ने हरियाणा के अंबाला जिले में 73 साल के बुजुर्ग दंपति से 3 से 16 सितंबर के बीच 1.05 करोड़ रुपए ठग लिए थे। उन्होंने दंपति को सुप्रीम कोर्ट और जांच एजेंसियों के नकली आदेश और जजों के फर्जी साइन दिखाकर डिजिटल अरेस्ट किया था। घटना के बाद महिला ने 21 सितंबर को सीजेआई बीआर गवई को चिट्ठी लिखकर पूरी बात बताई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने खुद ही इस मामले पर एक्शन लिया। वहीं, दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में 2025 में साइबर अपराधियों ने लोगों से लगभग 1,000 करोड़ रुपए ठगे हैं। इस साल इन्वेस्टमेंट स्कैम, डिजिटल अरेस्ट और बॉस स्कैम ठगी के सबसे ज्यादा आम तरीके बने हैं। ठगों ने दंपति को फेक कोर्ट ऑर्डर दिखाए महिला ने बताया कि ठगों ने खुद को CBI, ED अधिकारी बताया। उन्होंने ऑडियो और वीडियो कॉल्स के जरिए दंपति को फेक कोर्ट ऑर्डर दिखाए, जिन पर कोर्ट की मोहर और जजों के नकली साइन थे। इसके बाद ठगों ने धमकाकर अलग-अलग बैंक खातों में ₹1.05 करोड़ ट्रांसफर करवाए। केंद्र, CBI और हरियाणा पुलिस को आदेश सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से मदद मांगी है और हरियाणा सरकार व अंबाला साइबर क्राइम यूनिट को निर्देश दिया है कि अब तक की जांच की पूरी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें। कोर्ट ने कहा कि ऐसे अपराधों का देशभर में फैलता नेटवर्क सामने आ रहा है। इसलिए सिर्फ एक मामले की जांच नहीं, बल्कि केंद्र और राज्य पुलिस को मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई करनी होगी। साल 2024 में दिल्ली के लोगों से करीब 1,100 करोड़ रुपए की साइबर ठगी हुई थी। उस समय पुलिस और बैंक ठगे गए पैसों में से लगभग 10% रकम को ही फ्रीज कर पाए थे। लेकिन 2025 में दिल्ली पुलिस ने बैंकों के साथ मिलकर लगभग 20% ठगे गए पैसे को रोकने में सफलता पाई है। यानी, पिछले साल की तुलना में यह उपलब्धि दोगुनी है। साइबर ठगी के 3 प्रमुख तरीके… 1. इन्वेस्टमेंट स्कैम फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल से जल्दी अमीर बनो ग्रुपों में फंसाते हैं। छोटे निवेश पर झूठा मुनाफा दिखाकर लाखों-करोड़ों ठग लेते हैं। ठगी नेटवर्क कंबोडिया, लाओस, वियतनाम जैसे देशों से चलते हैं। 2. डिजिटल अरेस्ट स्कैम ठग खुद को CBI, पुलिस या ED अधिकारी बताकर फोन करते हैं। नकली कॉल, फर्जी दस्तावेज और झूठे कोर्ट ऑर्डर से डराकर पैसे वसूलते हैं। 3. बॉस स्कैम ठग खुद को कंपनी के CEO/CFO बताकर कर्मचारियों से संपर्क करते हैं। फर्जी अकाउंट से मैसेज भेजकर भुगतान या गिफ्ट कोड मांगते हैं। कर्मचारी असली समझकर पैसे या जानकारी दे देते हैं।

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