सुल्तानपुर में टाटा मैजिक ने कॉन्स्टेबल को रौंदा:सड़क पर आधे घंटे तड़पते रहे, फिर दम तोड़ा; भाई बोला- अफसर खड़ी देखती रहीं

सुल्तानपुर में शुक्रवार रात गाड़ियों की चेकिंग कर रहे कॉन्स्टेबल को टाटा मैजिक ने टक्कर मार दी। वह GST टीम के साथ ड्यूटी पर थे। हादसे में गंभीर रूप से घायल कॉन्स्टेबल करीब आधे घंटे तक सड़क पर ही तड़पते रहे। इसके बाद राहगीरों ने उन्हें उठाया और अस्पताल लेकर जाने लगे। रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। कॉन्स्टेबल के भाई का आरोप है कि हादसे के बाद GST अफसर मौके पर ही खड़ी रहीं। लेकिन मेरे भाई को अस्पताल नहीं पहुंचाया। जिसकी वजह से उनकी जान चली गई। हादसा प्रयागराज-सुल्तानपुर रोड पर खुशहालपुर उतुरी गांव के पास हुआ। अब पढ़िए पूरा मामला… देवरिया के रहने वाले हरेन्द्र प्रताप यादव जीएसटी विभाग में कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात थे। उनकी पोस्टिंग सुल्तानपुर में थी। शुक्रवार रात करीब 8.20 बजे जीएसटी अधिकारी सोनम राय, हरेन्द्र प्रताप यादव और चालक मोहम्मद तसलीम के साथ गोपनीय सूचना के आधार पर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। टीम प्लाई फैक्ट्री के सामने सड़क किनारे खड़े होकर एक वाहन के माल और बिल की जांच कर रहे थे। तभी सुल्तानपुर की ओर से आ रही टाटा मैजिक (यूपी 44 बीटी 4462) ने सरकारी बोलेरो (यूपी 32 ईजी 8962) और उसके पीछे खड़े कॉन्स्टेबल हरेन्द्र प्रताप यादव को टक्कर मारकर रौंद दिया। टक्कर इतनी भीषण थी कि बोलेरो भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे में हरेन्द्र प्रताप यादव के चेहरे, सिर और कंधे में चोट आई। वो लहूलुहान होकर वहीं पर गिर पड़े। भाई बोला- सेल टैक्स अफसर मेरे भाई को देखती रहीं
हरेंद्र के भाई सतेंद्र यादव ने बताया- मेरे भाई को टक्कर लगने के बाद सेल टैक्स अफसर सोनम राय खड़ी रहीं और भाई को तड़पते हुए देखते रहीं। कई राहगीरों ने पूछा कि ये कॉन्स्टेबल किसके साथ हैं, लेकिन सेल टैक्ट अफसर चुपचाप खड़ी रहीं। उसके बाद दशरथ यादव नाम के राहगीर ने मेरे भाई को लहूलुहान हालत में उठाया। ई-रिक्शे में लेकर अस्पताल लेकर जाने लगे, लेकिन अस्पताल पहुंचने से कुछ मीटर पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया। दशरथ बोले- मैंने कई गाड़ियों को रोका, किसी ने मदद नहीं की
वहीं, राहगीर दशरथ यादव ने बताया- मैं सुल्तानपुर में अपने गांव पूरे कांशीराम जा रहा था। मैंने देखा कि टाटा मैजिक ने सरकारी गाड़ी को टक्कर मारने के बाद कॉन्स्टेबल को रौंद दिया था। मैंने पूछा कि इनके साथ कौन है, लेकिन कोई कुछ नहीं बोला। इसके बाद मैंने कई गाड़ियां को रोका, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। मैंने अपनी बाइक खड़ी की और ई-रिक्शा बुक कर हरेंद्र को लेकर अस्पताल जाने लगा, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। ये हादसा करीब 8.20 बजे हुआ था, जबकि मैं उन्हें लेकर 8.50 बजे निकला था। अगर समय रहते कॉन्स्टेबल को अस्पताल पहुंचा दिया गया होता, तो जान बच जाती। चालक बोला- सामने से आई गाड़ी की लाइट में कुछ नहीं दिखा नगर कोतवाल धीरज कुमार ने बताया- चालक को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है। उसने बताया मैं पिकअप में बर्तन लादकर सुल्तानपुर से प्रतापगंज बाजार जा रहा था। अंधेरे में चेकिंग हो रही थी। चेकिंग के दौरान सरकारी बोलेरो की डिपर लाइट भी नहीं जल रही थी। मेरे सामने से अचानक एक गाड़ी गुजरी, जिसकी रोशनी आंखों पर पड़ी, जिससे सामने कुछ नजर नहीं आया और हादसा हो गया। राज्य कर अधिकारी सोनम राय ने कहा- मुझ पर लगे आरोप निराधार हैं। जिस समय हादसा हुआ गाड़ी डैमेज हो गई थी। ऐसे में सरकारी वाहन से ले जाना संभव नहीं था। हमने प्रयास किया और राहगीरों की मदद से सिपाही को अस्पताल भिजवाया। उनकी मौत का सुनकर मैं खुद सदमे में आ गई। मुखबिर की सूचना पर चेकिंग लगाई गई थी। —————————— ये खबर भी पढ़ें यूपी में बदमाश नफीस एनकाउंटर में मारा गया:साली की शादी के लिए कोलकाता से आया था; दो शादी की, 34 मुकदमे थे यूपी के शामली में एक लाख के इनामी बदमाश मोहम्मद नफीस को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है। मुठभेड़ शनिवार तड़के हुई। पुलिस को नफीस को लेकर इनपुट मिला। इसके बाद पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी। उसे सरेंडर करने को कहा तो उसने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में नफीस को गोली लगी। उसे अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पूरी खबर पढ़ें

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