भास्कर न्यूज | अमृतसर करवा चौथ के शुभ अवसर पर, सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखा। महिलाओं ने सुबह तड़के लगभग 5 बजे उठकर स्नान और मां गौरा की पूजा-अर्चना की, उन्हें फलों का भोग लगाया। इसके बाद, सूर्योदय से पहले फैनियां, मठियां और रोटी खाकर व्रत की शुरुआत की। पूरे दिन बिना कुछ खाए-पिए, महिलाएं अपने घर के कामकाज में जुटी रहीं। दोपहर के समय, महिलाएं सज-धज कर करवा चौथ की कथा सुनने के लिए निकलीं। शाम को कथा सुनने के बाद, उन्होंने फिर से बाबा भोलेनाथ और मां गौरी की पूजा की और परिवार की सुख-शांति के लिए प्रार्थना की। रानी का बाग स्थित माता लाल देवी मंदिर में बड़ी संख्या में महिलाएं कथा सुनने पहुंचीं, मंदिर ट्रस्टियों ने कथा करने वालों का खास इंतजाम किया था। शिवाला बाग भाइयां में पंडितों ने महिलाओं को व्रत की कथा सुनाई। महिलाओं ने पंडितों को फल और अन्य प्रसाद भेंट किया। इस मौके पर कन्हैया लाल शास्त्री समेत कई पंडित मौजूद रहे। सारा दिन निर्जला व्रत रखने के बाद, रात को जैसे ही चंद्रोदय हुआ, महिलाओं ने सामूहिक रूप से चंद्रमा को अर्घ्य दिया और अपने पति को जल पिलाकर व्रत खोला। व्रत खोलने के बाद महिलाओं ने अपने पति के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इस दौरान महिलाओं ने एक-दूसरे के साथ करवा भी बांटा।