बिहार की राजनीति में शनिवार को एक बड़ा उलटफेर होने जा रहा है। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के संसदीय बोर्ड अध्यक्ष और बाहुबली नेता और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह आज राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में शामिल होंगे। उनके साथ उनकी पत्नी और पूर्व सांसद वीणा देवी तथा भाई और पूर्व सांसद चंदन सिंह भी RJD का दामन थामने जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी यादव खुद इनके परिवार को सदस्यता दिलाएंगे। पारस खेमे की बैठक, विलय की अटकलें तेज पशुपति पारस की पार्टी में भी आज एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। चर्चाएं यह भी हैं कि पारस अपना संगठन RJD में विलय करने पर विचार कर सकते हैं। अगर विलय नहीं होता है तो सूरजभान सिंह का सीधा शामिल होना तय है। इससे यह संकेत साफ है कि RLJP का एक बड़ा धड़ा अब RJD के साथ जाने की तैयारी कर चुका है। मोकामा सीट पर वीणा देवी की दावेदारी मजबूत सुत्र बताते हैं कि सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को मोकामा विधानसभा सीट से RJD उम्मीदवार बनाया जा सकता है। इस सीट पर अनंत सिंह के खिलाफ रणनीति तैयार हो रही है। सूरजभान सिंह के परिवार की इस क्षेत्र में पुरानी पकड़ रही है और पार्टी इसे फायदा में बदलना चाहती है। सियासी सफर: निर्दलीय से एलजेपी और अब RJD तक साल 2000 में सूरजभान सिंह ने जेल में रहते हुए मोकामा से निर्दलीय जीत दर्ज की थी। दिलीप सिंह जैसे मजबूत प्रत्याशी को हराकर उन्होंने पहचान बनाई। बाद में वे रामविलास पासवान के साथ एलजेपी में आ गए। 2004 में बेगूसराय की बलिया लोकसभा सीट से सांसद बने। सजा मिलने पर खुद चुनाव नहीं लड़ पाए तो 2014 में पत्नी वीणा देवी को मुंगेर से टिकट दिलाकर जीत दिलाई। 2019 में भाई चंदन सिंह नवादा से सांसद चुने गए। परिवार के तीन सदस्य संसद तक पहुंचे। चिराग से दूरी, पारस के साथ भी सीमित संभावनाएं रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद जब पार्टी टूटी तो सूरजभान और चंदन सिंह ने चिराग पासवान के बजाय पारस का साथ दिया। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने पारस को किनारे कर दिया, जिससे इन नेताओं की सक्रिय राजनीति पर खतरा मंडराने लगा। ऐसे में RJD उनके लिए नया राजनीतिक मंच बनकर सामने आया। तेजस्वी की रणनीति को मिलेगा बल महागठबंधन में सीट बंटवारे की स्थिति अभी साफ नहीं है, लेकिन सूरजभान सिंह का परिवार RJD की राजनीतिक ताकत बढ़ाने वाला माना जा रहा है। मगध, भोजपुर और आसपास के इलाकों में उनका जातीय और क्षेत्रीय प्रभाव महत्वपूर्ण हो सकता है। पार्टी इन्हें 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में एक अहम चेहरा मानकर आगे बढ़ा रही है। समीकरण बदलेगा, असर कई सीटों पर सूरजभान सिंह की एंट्री से न सिर्फ मोकामा बल्कि आसपास की सीटों पर भी नया गणित बन सकता है। पार्टी उन्हें चुनावी रणनीति में संसाधन और प्रभाव दोनों रूप में देख रही है। बाहुबल, अनुभव और जातीय समीकरणों का उनका मेल RJD के लिए बड़ा राजनीतिक निवेश माना जा रहा है।