कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) को लेकर इस बार अजीब किस्से हुए। एक ही शक्ल के अभ्यर्थी पेपर देने आए, जोकि हमशक्ल (जुड़वा केस) थे। उनकी शक्ल एक जैसी, नाम और एड्रेस भी एक जैसे। इसमें हरियाणा स्टाफ सलेक्शन कमीशन (HSSC) उलझ गया। उनकी सही से पहचान न कर पाने से आयोग ही नहीं अभ्यर्थी और उनके अभिभावकों को भी काफी परेशानी हुई। कारण है कि किसी का सुबह की शिफ्ट में पेपर था, तो किसी का शाम की शिफ्ट में। पेपर खत्म होते ही पुलिस उन्हें अपने साथ ले गई। पेपर टाइम तक एक ही शक्ल के दोनों अभ्यर्थियों को पुलिस ने अपनी निगरानी में रखा। साथ ही पेरेंट्स भी वहीं पर डटे रहे। पेपर खत्म होने के बाद आखिर जुड़वा अभ्यर्थी और अभिभावकों का दर्द फूटा। जब इन अभ्यर्थियों से बातचीत की तो दैनिक भास्कर को जुड़वा अभ्यर्थी और पेरेंट्स बोले कि ऐसा पहली बार हुआ है। इससे पहले भी कई बार पेपर दे चुके हैं। कभी ऐसा नहीं हुआ। आगे इस तरह की सरकार परेशानी न दें। पहले ही कोई सर्टिफिकेट जारी करे, ताकि ऐसे परेशान न होना पड़े। इस तरह सिरसा में करीब 13 केस या 26 युवक- युवती जुड़वा सामने आए। यह केस थे जुड़वा राम-लक्ष्मण खुशबू-मुस्कान गोपी-कृष्ण सीता-गीता सूर्य-सूर्या ज्योति-मल्लिका अचानक पुलिस सेंटर में पहुंची तो डर गई : खुशबू-मुस्कान पीलीमंदोरी की खुशबू और मुस्कान ने कहा कि पेपर खत्म होते ही अचानक पुलिस सेंटर में आ गई। आते ही पुलिस उनको गाड़ी में बैठाकर अपने साथ पुलिस लाइन ले आई और पूछताछ करने लगी। एक समय के लिए वह डर गई थी। सेंटर सुपरिटेडेंट और पुलिस बोली कि, एक ही शक्ल के दो कैसे हो सकते हैं और दो-दो शिफ्ट में पेपर कैसे हो सकता है। हमने कहा कि हम जुड़वा हैं। एक न सुनी। दोनों को बुलाया और घर पर फोन करने को बोला। जब हम दोनों जुड़वा बहनों को साथ देखा तो यकीन हुआ। इसके बाद यह छूट दी कि पेपर के दिन दोनों को यहां आना होगा। जब तक पेपर होगा, तब तक यहां निगरानी में रहेगी और दूसरी पेपर देने जा सकती है। कुछ नहीं बताया, सीधा पुलिस अपने साथ ले आई : राम-लक्ष्मण फतेहाबाद निवासी राम और लक्ष्मण ने बताया कि रोल नंबर पर दो फोटो शो हो रही थी। इस पर शक हो गया। पेपर खत्म होते ही पुलिस सेंटर पर आ पहुंची। कमरे के दोनों गेट बंद कर दिए। उसे रोक लिया और बाकी को जाने दिया। कुछ नहीं बताया और उसे पकड़कर पुलिस गाड़ी में बैठाकर पुलिस लाइन ले आई। एक समय वह डर गया और उसे सोचने के लिए समय भी नहीं लगा। ऐसा लगा कि हमसे क्या बड़ा अपराध हो गया। इंस्पेक्टर, एसपी आकर पूछताछ करने लगे कि एक ही शक्ल का यह दूसरा कौन है। उसने कहा कि हम दो भाई जुड़वा है। इस पर पुलिस को विश्वास नहीं हुआ। कई देर तक पूछती रही कि पेपर दो क्यों दे रहे हो। बाद में घरवालों-भाई को बुलाने के लिए फोन दिया। भाई हिसार था तो वह यहां आ पहुंचा। एक का सुबह तो दूसरे का शाम की शिफ्ट में पेपर था। जुड़वा में कुछ ने एक ही पेपर दिया, इस पर पुलिस का शक बढ़ा अधिकांश जुड़वा ने दोनों पेपर दिए। कुछ जुड़वा में दोनों में से एक ने पेपर दिया तो दूसरे ने नहीं। इस पर पुलिस का शक गहरा हो गया, क्योंकि पहचान करना मुश्किल था। पुलिस ने उनसे पूछा कि जब पेपर नहीं देना तो फॉर्म क्यों भरा। इसलिए उनकी पहचान के लिए पुलिस ने पेपर देने वाले के हाथ की अंगुली पर स्याही लगा दी। ऐसे समझिए मामला: कैसे पकड़ में आए इस बार आयोग की ओर से सीईटी के लिए आवेदन करने वालों की वेरिफिकेशन कर सूची बनाई हुई थी। जिनकी शक्ल एक जैसी थी या फोटो मिसमैच थी। उनकी अलग रिपोर्ट बना रखी थी। अभ्यर्थियों ने बताया कि इस बार आयोग की बहुत सख्ती थी। उनकी पहचान के लिए रोल नंबर और फोटो मिलान के लिए ऑनलाइन चेक किया ताे एक शक्ल की दो फोटो दिखाई दी। आयोग ने पेपर देने की छूट दी। पेपर खत्म होते ही पकड़ लिया। बाद में यह भी कहा कि अगर दोनों ने पेपर नहीं दिया या उनमें एक टाइम पर पुलिस की निगरानी में नहीं रहा तो उनका पेपर कैंसिल करवा दिया जाएगा।