सोनीपत में नहर में डूबे पिता-पुत्र:नलकूप पर पानी भरने गए; बेटे को बचाने कूदा पिता, इकलौता बेटा था

सोनीपत जिले में एक पिता-पुत्र के नहर में डूबने का मामला सामने आया है। यह हादसा उस समय हुआ जब पिता नहर के किनारे लगे नलकूप से पानी भरने गए थे और उनका 14 वर्षीय बेटा नहाने के लिए नहर में उतर गया। बेटे को डूबता देख पिता ने बचाने के लिए छलांग लगाई, लेकिन तेज बहाव के चलते दोनों बह गए। घटना के बाद गांव में शोक की लहर है और प्रशासनिक लापरवाही को लेकर भी स्थानीय लोगों में रोष है। गोहाना के गांव सरगथल के रहने वाले 45 वर्षीय सतबीर अपने 14 वर्षीय बेटे जतिन के साथ जेएलएन नहर के किनारे पानी भरने आए थे। नहर के पास लगे मीठे पानी के नलकूप से गांव के लोग घर के उपयोग के लिए पानी भरते हैं, क्योंकि गांव का पानी पीने योग्य नहीं है। सुबह करीब 10:30 बजे सतबीर और जतिन पानी भरने आए थे। उसी दौरान जतिन ने नहाने की इच्छा जताई। गलती से गहरे पानी में कूदा बच्चा, बचाने कूदा पिता भी बह गया सतबीर ने जतिन को कम गहराई वाली दूसरी नहर में नहाने का इशारा किया, लेकिन बच्चा गलती से मुख्य नहर में कूद गया। जो लगभग 10 से 12 फीट गहरी है और जिसमें तेज बहाव था। बेटे को डूबता देख सतबीर ने बिना देर किए छलांग लगा दी, लेकिन पानी के तेज बहाव में दोनों बह गए। कई घंटे बीतने के बाद भी उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। स्थानीय लड़के ने की बचाने की कोशिश, पर असफल रहा घटना के प्रत्यक्षदर्शी धर्मबीर ने बताया कि पास ही खड़े एक गांव के लड़के ने जतिन को बचाने का प्रयास किया। लेकिन नहर के तेज बहाव के कारण वह खुद को ही सुरक्षित बाहर निकालने में जुट गया। देखते ही देखते पिता और पुत्र दोनों पानी में लापता हो गए। इकलौता बेटा था जतिन, घर में छाया मातम स्थानीय लोगों ने बताया कि जतिन परिवार में इकलौता बेटा था और उसकी एक बहन है। जतिन नौवीं कक्षा में पढ़ता था और उसके पिता सतबीर मोबाइल की दुकान चलाते थे। उनके परिवार का एकमात्र कमाने वाला भी सतबीर ही था। हादसे के बाद मां और बेटी अकेले रह गई हैं और घर में मातम पसरा हुआ है। प्रशासन पर लापरवाही के आरोप, नहीं पहुंचे गोताखोर गांव के पंचायत मेंबर सुदेश रतन मलिक ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने केवल औपचारिकता निभाई है। मौके पर एक बार पहुंचने के बाद कोई अधिकारी दोबारा नहीं आया। उन्होंने बताया कि न तो गोताखोर बुलाए गए हैं और न ही कोई नाव उपलब्ध करवाई गई है। बड़ा प्रशासनिक अधिकारी भी मौके का जायजा लेने नहीं पहुंचा। नहर किनारे नहीं कोई सुरक्षा, हर साल होता है हादसा स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जेएलएन नहर के दोनों ओर कोई भी सुरक्षा इंतजाम नहीं है। हर साल गर्मियों में बच्चे यहां डूबते हैं और जान गंवाते हैं। ग्रामीणों ने नहर के किनारों पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की अपील की है ताकि भविष्य में इस तरह की दर्दनाक घटनाएं रोकी जा सकें।

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