सोनीपत में पहलवान रवि दहिया ने रिचा संग लिए फेरे:सिर्फ 1 रुपए की रस्म; बिना दहेज के रचाई सादगी भरी शादी, रिचा की रॉकिंग एंट्री

अंतरराष्ट्रीय पहलवान और ओलिंपिक पदक विजेता रवि दहिया अपने बेहद सरल और सहज जीवन-मूल्यों के अनुरूप सादगी भरे विवाह के बंधन में बंध गए। रविवार को नाहरी गांव से बारात लेकर रवि ने बिलबिलान की रहने वाली रिचा के साथ सात फेरे लिए। बिना दान-दहेज और सिर्फ ₹1 की रस्म के साथ हुई यह शादी समाज के लिए एक सकारात्मक संदेश छोड़ गई। रात करीब 8 बजे रवि दहिया अपनी बारात लेकर बिलबिलान पहुंचे। रिचा के पिता के स्कूल में विवाह समारोह आयोजित था। रवि दहिया रथ पर सवार होकर एक गेट से दूसरे गेट तक पहुंचे, जहां आतिशबाजी के बीच बारात का पारंपरिक स्वागत हुआ।
रिचा के भाई वंश ने मंच पर लड्डू खिलाकर रस्म पूरी की। बहनों ने नीम झराई, आरता और रिबन कटवाने की रस्म निभाई। इस दौरान दूल्हा पक्ष की तरफ से मज़ाकिया डायलॉग और पारंपरिक बोलों ने माहौल को हल्का-फुल्का बना दिया। रवि दहिया-रिचा की शादी की यादगार तस्वीर देखिए… पहलवानों और प्रशंसकों का उत्साह, फोटो सेरेमनी बनी यादगार रवि दहिया के साथ पहुंचे कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी उनके साथ फोटो खिंचवाते नजर आए। बारातियों का उत्साह ऐसा था कि हर कोई यादगार पलों को कैमरे में कैद करने में जुटा रहा। दूल्हा रवि अपनी सामान्य, शर्मीली मुस्कान के साथ सभी से मिलते रहे। रिचा के पिता की भावुक प्रतिक्रिया-“कभी नहीं सोचा था कि रवि दहिया दामाद बनेंगे” पहली बार मीडिया के सामने आए रिचा के पिता रजनीश, जो पेशे से किसान हैं, ने भावुक होकर कहा कि उन्होंने रवि को कई बार कुश्ती खेलते देखा था, पर कभी कल्पना नहीं की थी कि वही अंतरराष्ट्रीय पहलवान एक दिन उनके दामाद बनेंगे।
उन्होंने बताया कि रिचा एम.ए. कर रही है और हमेशा पढ़ाई पर फोकस करती आई है। पिता ने कहा-“बेटियां बोझ नहीं होतीं। गांवों में दसवीं-बारहवीं के बाद शादी की बात होने लगती है, लेकिन बेटियों को ज्यादा से ज्यादा पढ़ाना चाहिए।”
रिचा का भाई वंश शमशेर पहलवान के पास कुश्ती सीख रहा है, जिससे पूरा परिवार खेलों से जुड़ा हुआ है। रिचा के रॉकिंग स्टाइल की तस्वीरें दुल्हन रिचा ने खुशी जाहिर की रिचा ने भी खुशी जताते हुए कहा कि वह वर्तमान में एमए जियोग्राफी की पढ़ाई कर रही है और यूजीसी नेट की तैयारी में लगी है। उन्होंने कहा कि यह सब उनके लिए सपना जैसा है और वह सरल व सादगी पसंद परिवार में जाने से खुश हैं। दूल्हा रवि दहिया-“एक नई पारी की शुरुआत, सभी का आशीर्वाद साथ” रवि दहिया ने कहा कि विवाह का यह दिन उनके लिए बेहद खास है। परिवार और दोस्तों के साथ होने से खुशी और बढ़ गई।
₹1 की शादी पर उन्होंने कहा-“मैं अकेला ऐसा नहीं हूं। यह परंपरा पहले भी कई लोगों द्वारा निभाई जाती रही है। एक पिता जब बेटी दे देता है, उससे बड़ा कोई दहेज नहीं।”
उन्होंने बिना दान-दहेज शादी कर समाज को सकारात्मक संदेश दिया। रवि के पिता का संदेश-“सिर्फ ₹1 लिया, बेटी से नौकरी की कोई इच्छा नहीं” रवि के पिता ने बताया कि उन्होंने पहले ही निश्चय कर लिया था कि शादी में दहेज नहीं लेंगे। दोनों परिवार किसान हैं और वही उनकी सबसे बड़ी खुशी है।
उन्होंने कहा-“हमने सिर्फ ₹1 का रिश्ता लिया है। लड़की से नौकरी करवाने की कोई इच्छा नहीं। बस बेटे-बेटी खुश रहें।” एक ही तारीख, दो यादें 30 नवंबर का दिन रिचा के परिवार के लिए दो खुशियों का दिन रहा। जिस दिन रिचा अपने पति रवि दहिया परिवार में दुल्हन बनकर गई, उसी तारीख को वर्षों पहले उसके माता-पिता ने भी विवाह किया था। यह संयोग इस शादी को और भी दिलचस्प और यादगार बनाता है। सादगी और मूल्यों से भरी पहलवान परिवार की मिसाल राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पहचान के बावजूद रवि दहिया ने हमेशा सादा जीवन, सरल स्वभाव और नैतिक मूल्यों को प्राथमिकता दी है। शादी में भी न कोई दिखावा, न कोई शोर-शराबा-सिर्फ पारंपरिक रीति-रिवाज और सौहार्द नजर आया। रिचा के परिवार की जीवनशैली भी बिल्कुल सरल है, जिससे दोनों परिवारों का मेल बेहद सहज दिखाई दिया। दुल्हन की रॉकिंग एंट्री-फिल्मी अंदाज ने सबको किया आकर्षित रिचा की एंट्री बेहद ग्लैमरस और आत्मविश्वास से भरी थी। स्टाइलिश चश्मा, खूबसूरत लिबास और परंपरा व आधुनिकता का सुंदर मिश्रण—दुल्हन किसी फिल्मी हीरोइन की तरह सबका ध्यान खींच रही थी।
स्टेज पर सबसे पहले रिचा ने वरमाला पहनाई, फिर रवि ने अपने शर्मीले अंदाज में उन्हें वरमाला पहनाकर जीवनसंगिनी बना लिया। दोनों की जोड़ी मंच पर बेहद खूबसूरत लग रही थी।

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