सोनीपत के डीसी ने ग्राम पंचायत शहजादपुर के सरपंच दीपक शर्मा को गबन करने के चलते तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। सरपंच पर 4 लाख 63 हजार 680 रुपए का गबन और पद के दुरुपयोग का गंभीर आरोप है, जिसके परिणामस्वरूप ग्राम पंचायत को भारी नुकसान हुआ है। यह कार्रवाई हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 51(1) और 53 के तहत की गई है। इसके साथ ही, सरपंच द्वारा कथित तौर पर गबन की गई राशि को ग्राम पंचायत के खाते में वापस जमा कराने का भी आदेश दिया गया है।आरोपित दो बार पहले भी सस्पेंड हो चुका है।सबूत होने के बाद भी हर बार बहाल हो जाता है और अब तीसरी बार सस्पेंड के आदेश हुए हैं। सिलसिलेवार सरपंच के गबन को 5 पॉइंट में पढ़िए… 1. मामले की शुरुआत और शिकायत
यह मामला 25 अक्टूबर 2024 को तब सामने आया जब शहजादपुर गांव के निवासी कृष्ण कुमार ने उपायुक्त कार्यालय में एक शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि सरपंच दीपक शर्मा ने लगभग दस महीने पहले गांव में सोलर स्ट्रीट लाइटें लगाने और उनकी मरम्मत कराने का दावा करते हुए ग्राम पंचायत से भुगतान ले लिया, जबकि मौके पर न तो पर्याप्त लाइटें मौजूद थीं और न ही मरम्मत कार्य ठीक से हुआ था। कृष्ण कुमार ने बताया कि उन्होंने यह शिकायत ‘समाधान शिविर’ में तत्कालीन डीसी को दी थी। 2. जांच रिपोर्ट में सामने आईं अनियमितताएं
शिकायत मिलने के बाद, उपायुक्त कार्यालय ने तुरंत खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (BDPO) सोनीपत को जांच का निर्देश दिया। BDPO सोनीपत ने 01 अप्रैल 2025 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें गंभीर अनियमितताएं उजागर हुईं। रिपोर्ट में पाया गया कि बिलों में 92 सोलर लाइटों की मरम्मत दर्शाई गई थी, जबकि मौके पर केवल 60 सोलर लाइटें ही मौजूद थीं। महत्वपूर्ण बात यह थी कि मरम्मत कार्य के लिए किसी तकनीकी अधिकारी से न तो कोई स्वीकृति ली गई थी, न कोई प्राक्कलन (estimate) तैयार किया गया था, और न ही बिलों का सत्यापन किया गया था। यह विभाग के 09 मई 2023 की अधिसूचना का सीधा उल्लंघन था। जिसके अनुसार 2लाख 50 हजार रुपए से अधिक के मरम्मत कार्यों के लिए तकनीकी स्वीकृति और बिलों का सत्यापन अनिवार्य है। सरपंच का जवाब भी संतोषजनक नहीं पाया गया, जिससे गबन की पुष्टि हुई। 3. सरपंच दीपक शर्मा पर लगे आरोप और वित्तीय नुकसान
जांच रिपोर्ट के आधार पर, यह स्पष्ट हो गया कि सरपंच दीपक शर्मा ने अपने पद का दुरुपयोग किया और ग्राम पंचायत को 4लाख 63 हजार 680 रुपए का वित्तीय नुकसान पहुंचाया। शिकायतकर्ता कृष्ण कुमार ने भी इस बात पर जोर दिया कि पिछले सरपंच द्वारा 60 सोलर लाइटें लगाई गई थी। जबकि दीपक शर्मा ने 92 स्ट्रीट सोलर लाइटों की मरम्मत दिखाई, जिसमें से 32 लाइटों का कोई अता-पता नहीं था, और गांव में भी केवल कुछ ही लाइटें काम कर रही थी 4. डीसी ने किया सस्पेंड और रिकवरी का आदेश
इन गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए, सोनीपत के डीसी सुशील सारवान ने हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 51(1) के तहत सरपंच दीपक शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इसके अतिरिक्त, धारा 53 के तहत, उन्हें 4लाख 63 हजार 680 रुपए की गबन की गई राशि को तुरंत ग्राम पंचायत के खाते में जमा करने का आदेश दिया गया है। डीसी ने यह भी निर्देश दिया है कि सरपंच दीपक शर्मा ग्राम पंचायत शहजादपुर की सभी चल-अचल संपत्ति और रिकॉर्ड तुरंत पंचायती राज विभाग को सौंप दें। 5. फर्जी पुलिस शिकायत का आरोप
शिकायतकर्ता कृष्ण कुमार ने यह भी चौंकाने वाला खुलासा किया कि अक्टूबर 2024 में आरटीआई लगने के बाद, सरपंच दीपक शर्मा ने गबन को छिपाने के लिए एक नाटक रचा। दिसंबर 2024 में, सरपंच ने सदर थाना सोनीपत में सोलर स्ट्रीट लाइट चोरी होने से संबंधित एक झूठी शिकायत दर्ज कराई। हालांकि, जब मौके पर इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर ने जांच की, तो पाया कि कोई भी लाइट चोरी नहीं हुई थी। कृष्ण कुमार ने आरोप लगाया कि दीपक शर्मा ने मिलीभगत करके एक झूठी पुलिस शिकायत पर्ची तैयार की और प्रशासन को गुमराह करने का प्रयास किया। तीसरी बार हुआ सस्पेंड केस नंबर -1
शहजादपुर गांव के सरपंच दीपक शर्मा पर आरोप है कि सबसे पहले चुनाव लड़ने के दौरान ने उन्होंने पंचायती जमीन में मकान न होने का दावा किया था, जबकि जांच में यह सामने आया था कि उसका मकान पंचायती जमीन में बना हुआ है। पंचायती जमीन पर कब्जा होने और प्रशासन को फर्जी एफिडेविट देकर गुमराह करने के चलते साल 2023 में तत्कालीन डीसी ललित सिवाच के आदेश पर दीपक शर्मा को सस्पेंड किया गया था। केस नंबर -2
इसके बाद दीपक शर्मा पर गांव के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल के मंदिर दादा बणदेव के जोहड़ और सरकारी स्कूल के पास बने हुए जोहड़ की करीबन ने 30 लाख रुपए की मिट्टी चोरी कर बिना परमिशन के बेचने के आरोप लगे थे।जिसके चलते भी उसे सस्पेंड किया गया था।
केस नंबर -3
अब तीसरा मामला गांव की सोलर स्ट्रीट लाइट से जुड़ा हुआ है जिसको लेकर गबन साबित हो चुका है और जिला उपयुक्त द्वारा गबन के पैसे और रिकार्ड जमा करने के आदेश हुए हैं और तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। हर बार सिफारिश और पैसों के खेल से बहाल हो जाता है गांव शहजादपुर के रहने वाले कृष्ण कुमार का आरोप है कि दीपक शर्मा सरपंच बनने के बाद दो बार पहले सस्पेंड हुआ था और दोनों बार राजनीतिक, रसूखदार लोगों की सिफारिश करके बहाल हो होता रहा है। आरोप यह भी लगाया गया है कि उच्च अधिकारियों को पैसे देकर मामले को रफा -दफा करवा देता है। दो बार की कार्रवाई में ऐसा किए जाने का आरोप है।