सोनीपत DC के PA की न्यायिक हिरासत बढ़ाई:साढ़े तीन लाख रिश्वत लेते पकड़ा गया था, 76 नाम एसीबी की रडार पर

सोनीपत में डीसी के पीए शशांक को दोपहर बाद आज कोर्ट में पेश किया गया है। रिश्वत मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत के बाद वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए पेशी हुई। एसीबी की तरफ से रिमांड दस्तावेज लेकर कर्मचारी कोर्ट पहुंचा। लेकिन कोर्ट ने सोमवार को डीएसपी को पेश होने के लिए कहा है। तब तक आरोपी शशांक को आगामी आदेश तक न्यायिक हिरासत में रखा गया है। साेमवार को रोहतक एसीबी के डीएसपी रिमांड दस्तावेज और सबूत लेकर पहुंचेगे। तब तक आगामी फैसला बरकरार है। वहीं जांच में शशांक शर्मा से जुड़े 76 लोगों के नाम मिले हैं। जिनकी लिस्ट सामने आई है। आरोपी को 19 जुलाई को पेश किया जाएगा। जिनमें से काफी नाम डीसी कार्यालय जुड़े हैं। सभी लोग एसीबी की रडार पर है और उनका लेन -देन मिला है। एसीबी सभी के अकाउंट की हिस्ट्री खंगाल रही है कि पैसों का किसलिए लेनदेन किया गया था। स्पेशल कोर्ट में पेशी, दोबारा डिमांड की तैयारी में एसीबी सोनीपत में तत्कालीन डीसी डॉ. मनोज यादव के पीए शशांक शर्मा को आज स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। रिश्वत मामले से जुडे तमाम लोगों की जांच में ACB जुटी है। क्योंकि जांच में अब तक सामने आए ट्रांजेक्शनों के सबूत और लोगों की सूची ने केस को और मजबूत किया है। पहले सिर्फ 8 नाम, अब 76 से ज्यादा लोग जांच के घेरे में जांच की शुरुआत में केवल 8 नाम सामने आए थे, जिनमें डीसी कार्यालय का सहायक हरीश कुमार, ड्राइवर प्रवीण कुमार, और DITS से जुड़े ऑपरेटर अनूप सिंह, अखिल और दीपांशु शामिल थे। लेकिन अब यह सूची बढ़कर 76 से अधिक लोगों तक पहुंच चुकी है। इनमें कई लोग डीसी कार्यालय से जुड़े हैं, जिनमें कुछ अधिकारी, क्लर्क, ऑपरेटर, ड्राइवर और निजी संपर्क भी शामिल हैं। ये हैं वो 76 नाम, जो एसीबी की रडार पर हैं इनमें से कुछ नाम सार्वजनिक रूप से सामने आ चुके हैं। जो 76 लोगों की सूची में शामिल हैं- अजय, अखिल, अमित, अनिल, अंजू, अंकुर शर्मा, अन्नापूर्णा, अन्नपूर्णा, अनोज, अनुप, आशीष, आशीष के के , भारती, दीपक, दीपक, दीपांशु, दिनेश, हरदीप, हरीश, जसवंत, कुलदीप, कुनाल, लक्ष्मी, लोकेश, मंगल, मनोज, मोहित, मोनिका, रवि गुप्ता, मुकेश, म्यूचुअल फंड, नारायण, नीलम, निवेक्स, पंकज, प्रकाश, पूजा, पूजा घियाल, पूजनबी, प्रणव, प्रीति, राहुल, राजेश, राजेश आईसीआई, राजिंदर, राजीव, राकेश, रीना, रेनू, रिंकू, रिंकू, रिंकू , साहिल, साहिल एचडीएफसी, वेतन, संदीप मलिक, संजय, सावित्री यूटीआई बी, शशांक, शुभम, सीता, सुनील, सुनीता, सन्नी, सुरजीत, सुशील के, स्वदेश, तान्या, उदित, विकास। इनमें से कुछ नाम की जांच की जा रही है। जिनके नाम यहां नहीं लिखे हैं।इनमें से कई नाम निजी लोगों के हैं, जबकि कुछ सरकारी पदों पर कार्यरत हैं। सभी के खातों और लेन-देन का विवरण खंगाला जा रहा है। नाम सामने आते ही छुट्टी और बीमारी का बहाना जैसे-जैसे जांच में नाम सामने आ रहे हैं, वैसे-वैसे डीसी कार्यालय के कर्मचारी छुट्टी पर जा रहे हैं या बीमारी का बहाना बनाकर खुद को जांच से दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं। कई कर्मचारी अचानक गैरहाजिर हो गए हैं, जिससे पूरे स्टाफ पर सवाल उठ रहे हैं। 8 सालों से एक ही सीट पर शशांक, रसूखदारों पर उठे सवाल एडवोकेट राजेश दहिया ने खुलासा किया कि शशांक शर्मा बीते 8 सालों से डीसी कार्यालय की एक ही सीट पर तैनात थे। उनके मुताबिक, यह बिना राजनीतिक संरक्षण के संभव नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि शशांक को पद पर बनाए रखने में कुछ रसूखदार लोगों की भूमिका रही है। डीसी कार्यालय की गहराई तक फैला भ्रष्टाचार एडवोकेट राजेश दहिया ने बताया है कि जांच में सामने आया है कि शशांक के खातों में अलग-अलग 76 लोगों से 76 लाख रुपए तक के ट्रांजैक्शन हुए हैं। ट्रांजैक्शन की राशि 5 हजार से लेकर 2 लाख रुपए तक की है। इसमें कई बार एक ही व्यक्ति से बार-बार पैसा ट्रांसफर किया गया। डीसी कार्यालय के दो ड्राइवर, कई सहायक, और DITS ऑपरेटर इस नेटवर्क का हिस्सा थे। पहले आए कुछ प्रमुख नाम और ट्रांजैक्शन का ब्योरा हरीश कुमार (सहायक): ₹20,000 (18 जून 2025) अनूप सिंह (DITS ऑपरेटर): ₹2,19,330 प्रवीण कुमार (ड्राइवर): ₹10,000 (6 जून 2025) अखिल (DITS): ₹1,30,000 (फोन पे से) दीपांशु (DITS): ₹2,75,000 (फोन पे से)
इनमें अनूप और दीपांशु की ट्रांजैक्शन कई महीनों तक चलीं, जिनमें ₹50,000 से ₹1 लाख तक की रकम भेजी गई। निजी संपर्कों से भी वसूली, लाखों की ट्रांजैक्शन शशांक ने सरकारी कर्मचारियों के अलावा अपने निजी मित्रों और अज्ञात लोगों से भी बड़ी रकम प्राप्त की। आशीष धीमान (निजी मित्र): ₹4,30,000 मोहित धीमान (आशीष का भाई): ₹50,000 विनय (प्राइवेट व्यक्ति): ₹55,000 (26 अक्टूबर 2024) पूरा स्टाफ शक के घेरे में, एसीबी का अगला कदम तय करेगा मामला जैसे-जैसे नाम उजागर हो रहे हैं, वैसे-वैसे डीसी कार्यालय का पूरा तंत्र संदेह के घेरे में आता जा रहा है। अब देखना यह होगा कि एसीबी आगे किन-किन कर्मचारियों को पूछताछ के लिए तलब करती है और यह भ्रष्टाचार का जाल कहां तक पहुंचता है। जानें क्या था शशांक की गिरफ्तारी का पूरा मामला ACB के मुताबिक, DC का सहायक सोनीपत उपायुक्त कार्यालय में तैनात कर्मचारी जितेन्द्र को राई तहसील में रजिस्ट्री क्लर्क के रूप में ट्रांसफर कराने के नाम पर 5 लाख की रिश्वत मांग रहा था। शशांक शर्मा को 3.50 लाख रुपए की रिश्वत के साथ डीसी डॉ मनोज यादव के कार्यालय से गिरफ्तार किया था।

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