हरियाणा के भारतीय नौसेना के जवान विपिन जांगड़ा (28) सगाई के 2 महीने बाद ही शहीद हो गए। वह गोवा में तैनात थे। यहां ड्यूटी पर जाते वक्त उनके साथ हादसा हो गया। पिता देखने पहुंचे तो उन्होंने कहा- पापा घबराइए नहीं, मैं ठीक हूं, लेकिन इसके बाद उन्होंने दम तोड़ दिया। बुधवार को उनका पार्थिव शरीर नारनौल स्थित पैतृक गांव निवाजनगर में लाया गया, जहां सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। विपिन अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे। अप्रैल में उनकी दादरी के एक गांव में सगाई हुई थी। अंतिम संस्कार में मंगेतर और उनके परिजन भी पहुंचे थे। विपिन 25 अप्रैल को घर से ड्यूटी पर गए थे। उन्होंने अगस्त में दोबारा छुट्टी पर आने की बात कही थी। 15 जून को बाइक से टकराई थी स्कूटी
विपिन जांगड़ा गोवा में तैनात थे। 15 जून को वे अपने रूम से स्कूटी पर साथी के साथ ड्यूटी पर जा रहे थे। ड्यूटी पर जाते समय उनकी टक्कर बाइक से हो गई। जिससे विपिन व उनका दूसरा साथी घायल हो गए। उनको उपचार के लिए गोवा में भर्ती कराया गया। पिता से कहा था- मैं ठीक हूं, घबराने की जरूरत नहीं
एक्सीडेंट के बाद 16 जून को उनके पिता गोवा मेडिकल कॉलेज में उनसे मिलने के लिए गए थे। इस दौरान उन्होंने पिता से कहा था कि वह ठीक हैं। घबराने की कोई बात नहीं है, लेकिन 17 जून को उपचार के दौरान विपिन ने दम तोड़ दिया। 18 जून को पैतृक गांव लाया गया पार्थिव शरीर
विपिन की मौत की सूचना जब परिजनों व ग्रामवासियों को मिली तो गांव में मातम छा गया। नौसेना की टुकड़ी विपिन जांगड़ा के पार्थिव शरीर को 18 जून को पैतृक गांव निवाजनगर लेकर पहुंची। यहां सैन्य सम्मान के साथ विपिन का अंतिम संस्कार किया गया। चचेरे भाई ने दी मुखाग्नि
जवान को उनके चचेरे भाई विकास जांगड़ा और वंश जांगड़ा ने मुखाग्नि दी। निवाजनगर समेत आसपास के गांवों के लोग जवान को अंतिम विदाई देने पहुंचे। इस दौरान लोगों ने भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाए। सेना परिवार से थे विपिन
विपिन जांगड़ा के पिता सुशील जांगड़ा सीआरपीएफ में तैनात थे। करीब 10 साल पहले रिटायर होने के बाद गांव में फर्नीचर की दुकान चला रहे हैं। मां गृहिणी हैं। एक बड़ी बहन की शादी पहले ही हो चुकी है। 2015 में हुए थे नौसेना में भर्ती
विपिन का जन्म 1997 में हुआ था। गांव के स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी कर 2015 में भारतीय नौसेना में भर्ती हो गए थे। वह पिछले करीब 10 वर्षों से नेवी में सेवा दे रहे थे। लगभग दो साल से गोवा में शिपिंग यार्ड में तैनात थे। विपिन इससे पहले चेन्नई तथा मुंबई में भी तैनात रहे हैं। चाचा बोले- कोई अधिकारी अंतिम संस्कार में नहीं आया
चाचा कैलाश ने बताया कि विपिन ने जो देश के लिए शहादत दी है, उस पर गर्व है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की तरफ से कोई भी अधिकारी विपिन के अंतिम संस्कार में नहीं आया। न ही अभी तक कोई अधिकारी मिलने आया है, जिसका परिवार को मलाल है। जबकि नेवी की तरफ से पूरी टुकड़ी आई थी।
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