हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने बिजली निगम के JE संजय कुमार को निलंबित कर दिया है। खराब ट्रांसफॉर्मर को नहीं बदलने की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है। मामला अंबाला छावनी के गांव चंदपुरा से जुड़ा है। यहां करीब 15 दिन पहले बिजली का ट्रांसफॉर्मर फुंक गया था। ग्रामीणों ने इस संबंध में इंडस्ट्रियल एरिया सब स्टेशन के जेई को शिकायत की, लेकिन वह कोई जवाब नहीं दे रहा था। बिना बिजली के ग्रामीण परेशान हो रहे थे। इसे बाद ग्रामीणों ने ऊर्जा मंत्री अनिल विज को शिकायत दी, जिसमें उन्होंने जेई की ओर से की गई अभद्रता का भी हवाला दिया। इस इस पर मंत्री विज ने तुरंत एक्शन लेते हुए जेई को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। मंत्री अनिल विज ने कहा- मैं पहले भी कह चुका हूं कि जनहित के काम में किसी प्रकार की कोई भी लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो अफसर या कर्मचारी लापरवाही करेगा, उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी। यहां जानिए क्यों जेई को सस्पेंड किया गया… खराब ट्रांसफॉर्मर को 2 घंटे में सही करने के दिए थे निर्देश
ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने बिजली निगम अधिकारियों को पूर्व में निर्देश दिए थे कि बिजली के खराब ट्रांसफॉर्मर शहरी क्षेत्र में एक घंटे के भीतर ठीक या बदलकर आपूर्ति चालू की जाए। ग्रामीण क्षेत्र में दो घंटे के भीतर ट्रांसफॉर्मर बदलकर या मरम्मत करके बिजली की आपूर्ति की जाए। मगर, जेई संजय कुमार ने शिकायत के बावजूद 15 दिन में कोई कार्रवाई नहीं की। इसी कारण उसे सस्पेंड किया गया है। विज बोले- लापरवाही बर्दाश्त नहीं करूंगा
ऊर्जा मंत्री विज ने बताया कि मैं पहले भी कह चुका हूं कि जनहित के काम में किसी प्रकार की कोई भी लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इन दिनों गर्मी का प्रकोप बहुत अधिक है, ऐसे में विद्युत आपूर्ति बाधित होने से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए ही जेई को सस्पेंड किया गया है। जींद बिजली निगम SE को भी कर चुके सस्पेंड
हरियाणा के जींद में बिजली निगम के एसई हरिदत्त को दो बार सस्पेंड किया जा चुका है। करीब 2 माह पहले उन्हें दूसरी बार सस्पेंड किया गया था। इससे पहले शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा की सिफारिश पर बिजली मंत्री अनिल विज ने हरिदत्त को सस्पेंड किया था। एसई हरिदत्त इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में चले गए थे। हाई कोर्ट ने विज के फैसले पर सस्पेंशन का कारण नहीं बताने को आधार बनाते हुए रोक लगा दी थी। साथ ही ये कहा था कि किसी कारण के साथ सरकार चाहे तो वह इस मामले में नए आदेश कर सकती है। इसके बाद सरकार ने दोबारा से सस्पेंशन का लेटर जारी किया था। हम इस खबर को लगातार अपडेट कर रहे हैं…