हरियाणा के 28 कॉलेजों को मिले प्रिंसिपल:उच्चतर शिक्षा विभाग ने अलॉट किए स्टेशन, अभी 86 कालेजों में प्रिंसिपल नहीं

​​​​​हरियाणा के कॉलेजों में प्रिंसिपलों का संकट खत्म करने के लिए प्रमोट किए लेक्चरर काे स्टेशन अलॉट कर दिए गए हैं। स्टेशन अलॉट होने के साथ ही प्रदेश के 28 कालेजों को प्रिंसिपल मिल गए हैं। प्रदेश में 104 कालेजों में प्रिंसिपल नहीं होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश के कॉलेजों में प्रमोट होकर प्रिंसिपल बने लेक्चरर को अपने-अपने स्टेशन पर तुरंत ज्वाइन करने के निर्देश जारी हुए है। हिसार में 4, पंचकूला में 3, भिवानी, रोहतक, करनाल, अंबाला, जींद, सिरसा व चरखी दादरी को 2-2, कुरुक्षेत्र, रेवाड़ी, सोनीपत, नूंह, कैथल, पानीपत व यमुनानगर में 1-1 कॉलेज में प्रिंसिपल को भेजा गया है। नए प्रिंसिपल के कालेज ज्वाइन करने के बाद भी प्रदेश में 86 कॉलेज बिना प्रिंसिपल के रहेंगे। एक प्रिंसिपल के पास 3-3 कालेज की पावर ​​​​​हरियाणा के कॉलेजों में प्रिंसिपलों का टोटा इस कदर है कि एक प्रिंसिपल के पास 3-3 कॉलेजों की डीडी पावर है। डीडी पावर की परेशानी पहले भी प्रिंसिपल और प्रोफेसर बता चुके हैं। लेकिन विभागीय कार्रवाई का भय दिखाकर उन्हें चुप करवा दिया गया। हरियाणा उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने 26 सितंबर को जींद के राजकीय कॉलेज प्रिंसिपल सत्यवान मलिक को सफीदों के राजकीय कॉलेज और महिला कालेज सफीदों की डीडी पावर भी सौंपी गई है। 2 जुलाई को जारी हुआ था चेतावनी पत्र हरियाणा के कॉलेजों में डीडी (ड्राइंग एंड डिस्बर्सिंग) पावर लेने से इनकार करने वाले प्रोफेसरों को 2 जुलाई को चेतावनी पत्र जारी हुआ था। उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने सभी कॉलेजों को पत्र जारी कर चेतावनी दी है कि डीडी पावर से मुंह मोड़ने वाले प्रोफेसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ड्राइंग एंड डिस्बर्सिंग पावर का मतलब है, किसी व्यक्ति या अधिकारी को वित्तीय लेनदेन करने, विशेष रूप से धन निकालने और खर्च करने का अधिकार होना। 2011 के बाद कोई सीधी भर्ती नहीं हॉयर एजूकेशन विभाग की ओर से कॉलेज प्रिंसिपल के लिए 75 फीसदी पद पदोन्नति से भरे जाते हैं, जबकि 25 फीसदी पदों को सीधी भर्ती से भरा जाता है। कॉलेज शिक्षकों का कहना है कि 2013 के बाद से विभाग की ओर से प्रिंसिपल की सीधी भर्ती नहीं की गई है। इससे पहले 25 फीसदी पदों को सीधी भर्ती से भरा जाता था और शेष पदों को पदोन्नति से भरा जाता था। सीधी भर्ती को लेकर उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से कई बार कोशिशें की गईं, लेकिन प्रस्ताव ठंडे बस्ते में ही रहे। इसलिए हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) के पास प्रिंसिपल पदों की भर्ती की मांग ही नहीं हुई है।

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