हरियाणा में खराब मौसम में भी उड़ेंगी फ्लाइट:हिसार एयरपोर्ट पर सर्दियों के लिए अभी से तैयारी, सरकार ने  AAI को पत्र लिखा

हरियाणा में खराब मौसम में भी फ्लाइट उड़ सकेंगी। इसके लिए हरियाणा सरकार के सिविल एविएशन डिपार्टमेंट ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। हिसार एयरपोर्ट प्रशासन की तरफ से AAI (एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) को पत्र लिखा गया है। इसमें पुरानी विज़ुअल फ्लाइटस रूल्स (VFR) को इंस्ट्रूमेंट फ्लाइट रूल्स (IFR) में बदलने की मांग की गई है। इस तकनीक के बदलने से पायलट खराब मौसम या कम दृश्यता की स्थिति में उड़ान भरने के लिए आवश्यक बाहरी दृश्य संकेतों पर बिना भरोसा कर आसानी से उड़ान भर सकते हैं। पुराने VFR तकनीक में बाहरी संकेतों पर ही पायलट निर्भर रहते थे। इस कारण कम विजिब्लिटी में पायलटों को परेशानी होती थी। यह तकनीक सिर्फ अच्छे मौसम में ही काम करती है। धुंध, आंधी और अंधेरे में पायलेट के लिए संकेतों को देखना मुश्किल हो जाता है। इसलिए हिसार एयरपोर्ट पर फ्लाइट ऐसे समय शुरू की गई जब इस तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। मगर अब आगे की चुनौतियों से निपटने के लिए एयरपोर्ट प्रशासन अभी से तैयारी कर रहा है। 1400 मीटर दृश्यता में विमान उड़ सकेंगे
हिसार एयरपोर्ट पर DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) के ऑपरेशनल डायरेक्टर प्रशांत फुलमरे का कहना है कि अभी नाइट लैंडिंग की सुविधा के लिए कुछ समय लगेगा। इसके लिए कागजी कार्रवाई चल रही है। क्योंकि हम लाइसेंस को VFR से IFR में बदलने के लिए आवेदन करेंगे। लाइसेंस को IFR में अपग्रेड करने के बाद, 1400 मीटर तक की दृश्यता सीमा में परिचालन संभव हो सकेगा। वर्तमान में VFR परिचालन के लिए न्यूनतम 5000 मीटर दृश्यता आवश्यक है। अगले सप्ताह नए लाईसेंस के लिए आवेदन करेंगे
हरियाणा सरकार हिसार एयरपोर्ट पर विमान संचालन के लिए नए लाईसेंस के लिए अगले सप्ताह तक आवेदन कर सकती है। हिसार एयरपोर्ट को मिला मौजूदा लाईसेंस 6 महीने तक का ही है। मार्च में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने लाईसेंस जारी किया था। 14 अप्रैल 2025 से हिसार एयरपोर्ट से विमानों का संचालन शुरू हुआ था। इस हिसाब से इसकी अवधि अक्टूबर तक ही है। विमान कंपनी अलायंस एयर एविएशन भी 24 अक्टूबर तक ऑनलाइन बुकिंग कर रही है। इससे पहले हरियाणा सरकार को लाईसेंस लेना जरूरी है, वरना विमानों का संचालन पूरी तरह से बंद हो सकता है। इसलिए अभी से लाईसेंस लेने की प्रक्रिया को शुरू किया जा रहा है ताकि समय रहते लाईसेंस मिल सके। 4 महीने हरियाणा में विजिब्लिटी रहती है कम हरियाणा में नवंबर से लेकर फरवरी तक विजिब्लिटी काफी कम रहती है। कई बार विजिब्लिटी शून्य तक भी चली जाती है। नवंबर में पराली से उठने वाला धुआं वातावरण में नमी के साथ स्मॉग की चादर बना देता है। इसके कारण विजिब्लिटी कम हो जाती है। पूरा नवंबर महीना में स्मॉग का असर रहता है। इसके बाद दिसंबर और जनवरी में धुंध और कोहरे का साया रहता है। इसका सीधा असर फ्लाइट संचालन पर पड़ता है। अगर समय रहते इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम नहीं लगवाया तो एयरपोर्ट से फ्लाइट संचालन पूरी तरह बंद भी हो सकता है। इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम एक सटीक रनवे देखने में सहायता करने वाला सिस्टम है। लैंडिंग के समय पायलटों को सीधा और सामने से रनवे को देखने और समझने के लिए दो रेडियो बीम का उपयोग करती है। इससे लोक लाइजर (एलओसी) कर के ब्लाइंड लैंडिंग में मदद मिलती है। इससे विजिबिलिटी कम होने पर भी फ्लाइट की लैंडिंग आसानी से हो जाती है।

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