हरियाणा में ओपन या डिस्टेंस से 10वीं या 12वीं करना आसान होगा। जो विद्यार्थी रेगुलर की पढ़ाई नहीं कर पाते उनके लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने कई बदलाव किए हैं। जिससे की डिस्टेंस एजुकेशन आसान होगी। जिसमें सालभर में एक की बजाय 2 बार एग्जाम, पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवाना व कक्षाएं लगवाना शामिल हैं। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन प्रो. डॉ. पवन कुमार ने कहा कि हरियाणा ओपन स्कूल (डिस्टेंस एजुकेशन) का उद्देश्य है कि ऐसे विद्यार्थियों या लोगों को साक्षर करना या शिक्षा के अवसर प्रदान करना होता है। जो किन्हीं कारणों से स्कूल नहीं जता सकते हैं। वह कुछ भी कारण हो सकता है। ऐसी परिस्थितियों में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में रेगुलर स्टूडेंट के अलावा ओपन स्कूल का कंसेप्ट करीब 1992 से चल रहा है। यह साक्षरता अभियान
उन्होंने कहा कि इसमें बीच में थोड़ा सा बदला गया था। ओपन स्कूल के विद्यार्थियों का रेगुलर के विद्यार्थियों के साथ ही प्रश्न पत्र का स्तर बनाते हुए परीक्षा ली जाती थी। लेकिन इसको दूसरे एंगल से देखें तो ऐसा विद्यार्थी जो स्कूल ही नहीं गया है और ना ही क्लास अटैंड की है। उसको ऐसा प्रश्न पत्र दे दें जो एक रेगुलर या हर रोज स्कूल आने वाले छात्र को दिया जाए। ऐसे में दोनों के साथ लॉ ऑफ इक्वेलिटी नहीं हैं। ओपन स्कूल का कंसेप्ट (दूरस्थ शिक्षा) का उद्देश्य अवसर प्रदान करना है। यह साक्षरता अभियान के तहत आता है। साल में 2 बार होंगी परीक्षाएं
उन्होंने कहा कि नेशनल ऑफ स्कूलिंग के तर्ज व पड़ोसी राज्यों की तरह स्टेट ओपन स्कूल है। उसके आधार पर हरियाणा ओपन स्कूल के स्टड्डी सेंटर खोलने जा रहे हैं। जिसमें ऐसे सभी विद्यार्थी या अभ्यार्थी जो ओपन स्कूल के तहत अपना फार्म भरना चाहेंगे, उनको एक नोडल सेंटर जिला मुख्यालय पर दिया जाएगा। वहीं शिक्षा बोर्ड उन्हें पाठ्य सामग्री भी उपलब्ध करवाएगा। उनका अलग से साल में 2 बार मई व दिसंबर में परीक्षा ली जाएगी। उसके आधार पर उनका रिजल्ट जारी किया जाएगा। डिस्टेंस के विद्यार्थियों के लगेंगे 30 पीरियड
उन्होंने कहा कि पहले जो ओपन स्कूल के परीक्षार्थी थी उनका रेगुलर परीक्षार्थियों की तर्ज पर साल में एक बार ही होता था। ना ही पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवाई जाती थी। इसमें ओपन स्कूल का सिलेबस होगा वह रेगुलर वाला ही होगा। लेकिन जो पाठ्य सामग्री इस प्रकार से तैयार करके उपलब्ध करवाएंगे, जिससे कि वे आसानी से अपना सारा सिलेबस कवर कर लें। लगभग 30 पीरियड का कंटेंट प्रोग्राम भी करवाएंगे, जहां हमने सेंटर बनाए हैं। हम उन्हें वह सुविधाएं उपलब्ध करवाना चाहते हैं जो उनके सर्टिफिकेट व 10वीं-12वीं के लेवल की योग्यता को अटैंड करने में कोई दिक्कत ना आए। लैब सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी। यदि साइंस का विषय लेकर कोई बच्चा ओपन स्कूल के लिए अपीयर होता है तो उसे लैब की सुविधा भी दी जाएगी।