हरियाणा सरकार अब स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति PPP (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत कर रही है। राज्य में डॉक्टरों की भारी कमी और ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की तैनाती की चुनौती को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने रेवाड़ी में बताया कि शुरुआत में प्रत्येक सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) पर एक गायनोलॉजिस्ट और एक पेडियाट्रिशन नियुक्त करने का लक्ष्य है। इनकी नियुक्ति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के माध्यम से होगी। इसके साथ ही हर विधानसभा क्षेत्र में एक फर्स्ट रेफरल यूनिट (FRU) भी बनाई जा रही है ताकि गंभीर मामलों में तुरंत इलाज मिल सके। सरकार का उद्देश्य है कि ग्रामीण इलाकों में भी लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें। PGI से डॉक्टरों की शिफ्टिंग गलत नहीं स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने कहा कि PGI से प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों की शिफ्टिंग का फैसला गलत नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बाकी मेडिकल कॉलेजों को भी सुचारू रूप से चलाना जरूरी है, इसलिए वहां डॉक्टरों की जरूरत को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। हालांकि जब नए स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति को लेकर सवाल पूछा गया तो स्वास्थ्य मंत्री ने इस पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया। 700 CHC और PHC की हालत खराब स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने कहा कि प्रदेश के 700 CHC और PHC की हालत खराब है। जिसमें से 500 के सुधार के लिए अप्रूवल हो चुकी है। जिन पर कार्य जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। वहीं बाकी 200 सीएचसी के सुधार के लिए भी जल्द कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
स्वास्थ्य सेवाओं में जल्द दिखेगा सुधार प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं में जल्द सुधार नजर आएगा। मैंने जब मंत्रालय संभाला तो डॉक्टरों की भारी कमी थी। 800 डॉक्टरों की भर्ती हुई है, अब कुछ असर दिखेगा। डॉक्टरों की कमी के अलावा मुद्दे छोटे हैं, जिनसे जल्द ही निपट लिया जाएगा। हालात को बेहतर बनाने के लिए हर दिन प्रयास चल रहे हैं।