हरियाणा के हिसार जिले के रहने वाले और सिरसा डिपो में कार्यरत रोडवेज ड्राइवर रघुवीर सिंह इस बार 18वीं कांवड़ लेकर आए हैं। वह 17 जुलाई को अपने करीब 15 साथियों के साथ हरिद्वार गए थे और 23 जुलाई को सिरसा लौटकर बस स्टैंड के शिव मंदिर में कांवड़ चढ़ाई। पिछले 4 बार से वह सिरसा बस स्टैंड पर बने शिव मंदिर में ही कांवड़ चढ़ा रहे हैं। इसे लेकर रघुवीर का कहना है कि इस मंदिर में कोई कांवड़ नहीं चढ़ाता, इसलिए उन्होंने यहां पूजा करने की शुरुआत की है। 42 वर्षीय रघुवीर बताते हैं कि उन्होंने रोडवेज में नौकरी की मन्नत मांगकर कांवड़ लाने की शुरुआत की थी। इसके 4 साल बाद ही उनकी रोडवेज में ड्राइवर की नौकरी लग गई, तो वह हर साल कांवड़ लेने जाने लगे। तब से उनका सिलसिला जारी है। सिलसिलेवार पढ़िए, रोडवेज ड्राइवर की शिवभक्ति की कहानी… रोडवेज विभाग की तरक्की की कामना के साथ लाते हैं कांवड़
उनका मानना है कि रोडवेज विभाग में नौकरी लगने के बाद उनकी आर्थिक स्थिति सुधरी। रोडवेज विभाग की बदौलत ही उनका परिवार खुशहाल है। ऐसे में रोडवेज विभाग के लिए भी उनकी कुछ जिम्मेदारी है। रोडवेज विभाग तरक्की करता रहे और बेहतर होता जाए, इसी मनोकामना के साथ इस बार यहां कांवड़ चढ़ाई है। परिवार की जिम्मेदारी उठा रहे
रघुवीर की 2003 में शादी हुई थी। इसके बाद जब नौकरी लगी तो उन्होंने सिरसा की फ्रेंडस कॉलोनी में मकान लिया है, जिसमें वह परिवार के साथ रहते हैं। रघुवीर के पिता चौधरी चतरपाल का कुछ साल पहले देहांत हो गया था। उनकी मां भतेरी देवी और पत्नी शर्मिला देवी गृहिणी हैं। एक बेटा समीर है, जो बीटेक कर रहा है। वहीं, बेटी डिंपल भी पढ़ाई कर रही है। ऐसे में परिवार की जिम्मेदार उन्हीं पर है। ॰॰॰॰॰॰॰ यह खबर भी पढ़ें… एक पैर पर कांवड़ ला रहा हरियाणा का बॉडी बिल्डर:बोन कैंसर से टांग कटी, मिस्टर वर्ल्ड सहित 100 से ज्यादा मेडल; 200 किलोमीटर लेटकर चलेंगे हरियाणा में सोनीपत के रहने वाले 24 साल के मोहित के जीवन के संघर्ष की कहानी प्रेरणा देने वाली है। बचपन में फौज में जाने का सपना देखा, लेकिन 15 साल पहले बोन कैंसर की वजह से एक टांग गंवानी पड़ी। इससे सेना में जाने का सपना टूटा तो हिम्मत हार बैठे। पूरी खबर पढ़ें…