हरियाणा BJP अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और सिंगर रॉकी मित्तल पर कथित रेप केस में आज बुधवार को कसौली कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट के पूछने पर पीड़िता ने कहा कि वह पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट (CR) के खिलाफ ऑब्जेक्शन फाइल करना चाहती है। लिहाजा अगली सुनवाई में पीड़िता इस केस में ऑब्जेक्शन फाइल करेगी। अब यह मामला 6 सितंबर को दोबारा सुना जाएगा। असिस्टेंट डिस्ट्रिक अटॉर्नी कसौली विकास शर्मा ने बताया कि कोर्ट ने कसौली पुलिस को इस मामले की FIR और पूरी जांच रिपोर्ट अगली सुनवाई में देने को कहा है। पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को बताया गलत बता दें कि सोलन सेशन कोर्ट ने पीड़िता की रिवीजन पिटीशन को मंजूर करते हुए कसौली कोर्ट में बयान देने के आदेश दिए थे। इसके बाद रेप पीड़िता आज कसौली कोर्ट में पेश हुई। पीड़िता ने अपने वकील के जरिए पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को गलत बताया। वहीं कसौली पुलिस को इस केस में बड़ौली और रॉकी मित्तल के खिलाफ सबूत नहीं मिले थे। इसके बाद पुलिस ने केस बंद करने की अर्जी कसौली कोर्ट में डाली, जिसे कसौली कोर्ट ने 12 मार्च को स्वीकार किया। समन रिसीव नहीं होने पर बंद किया केस इससे पहले कसौली कोर्ट ने रेप का आरोप लगाने वाली महिला को 2 बार अलग-अलग एड्रेस पर समन भेजा, ताकि महिला का पक्ष जाना जा सके। मगर, दोनों पतों पर महिला को समन रिसीव नहीं हुआ। इसके बाद कोर्ट ने केस को बंद किया। जाने क्या है पूरा मामला? पीड़ित महिला ने बड़ौली और रॉकी मित्तल के खिलाफ 13 दिसंबर 2024 को सोलन जिले के कसौली पुलिस थाने में गैंगरेप (IPC की धारा 376D) की धाराओं के तहत FIR करवाई। 14 जनवरी 2025 को इसकी कॉपी सामने आई। पीड़िता के अनुसार, उसके साथ गैंगरेप 23 जुलाई 2024 को किया गया। सहेली और बॉस के साथ कसौली घूमने गई थी शिकायत में पीड़िता ने कहा, ‘मैं अपनी सहेली और बॉस अमित बिंदल के साथ कसौली घूमने गई थी। इस दौरान होटल में बड़ौली और रॉकी ने मुझे जबरन शराब पिलाई और सहेली के सामने ही हिमाचल टूरिज्म कॉर्पोरेशन के होटल रोज कॉमन में गैंगरेप किया। इसके बाद मारने की धमकी दी। फिर पंचकूला में बुलाकर झूठे केस में फंसाने की भी कोशिश की। पुलिस नहीं जुटा पाई थी साक्ष्य कसौली पुलिस ने दो माह से अधिक समय तक इस केस की जांच की। मगर जांच में साक्ष्य नहीं मिले। पीड़िता ने अपना मेडिकल करवाने से भी इनकार कर दिया था। कई महीनों की देरी से एफआईआर की वजह से पुलिस इस केस में सीसीटीवी, शराब के गिलास, बेड शीट जैसे सबूत नहीं जुटा पाई। जिस होटल में महिला ने गैंगरेप के आरोप लगाए थे, वहां के कर्मचारी भी इस केस के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता पाए। इससे पुलिस ने इस केस में क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में दायर की थी।