हरियाणा में 26 और 27 जुलाई को आयोजित होने वाली कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) एग्जाम को लेकर राज्य में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर संकट मंडराने लगा है। इस संबंध में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है, जिसमें हरियाणा सरकार की ओर से परीक्षा अभ्यर्थियों को दी जा रही मुफ्त बस यात्रा की सुविधा पर गंभीर आपत्ति जताई गई है। याचिका में कहा गया है कि सरकार के इस फैसले से हरियाणा रोडवेज की अधिकांश बसें परीक्षा ड्यूटी में तैनात हो जाएंगी, जिससे दैनिक यात्रियों, कार्यालय जाने वालों, मरीजों, बुजुर्गों और श्रमिक वर्ग को भारी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। हाईकोर्ट में आज इस मामले पर सुनवाई होगी। लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि राज्य सरकार ने इस योजना की घोषणा तो कर दी, लेकिन आम जनता के लिए कोई वैकल्पिक या आकस्मिक परिवहन व्यवस्था नहीं की गई, जिससे उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा। याचिका में यह भी बताया गया है कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (CET) ने जून 2025 में सीईटी परीक्षा का कार्यक्रम घोषित किया था, जिसके बाद जुलाई के आरंभ में राज्य सरकार ने अभ्यर्थियों को रोडवेज बसों में निशुल्क यात्रा सुविधा देने की घोषणा की। इसके तहत परीक्षा के दोनों दिन अधिकतर बसों को अभ्यर्थियों की आवाजाही में लगाया जाएगा। याचिका में ये की गई है मांग याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय से यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि राज्य सरकार सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को न्यूनतम आवश्यक स्तर पर बनाए रखने के लिए समुचित कदम उठाए तथा आम जनता के हितों की रक्षा के लिए एक समर्पित संचार एवं आकस्मिक तंत्र स्थापित करे। इस याचिका को मंगलवार को हाईकोर्ट में दाखिल किया गया था। हाईकोर्ट ने इस केस के लिस्टिंग के बाद आज सुनवाई के लिए डेट दी है।