हरियाणा कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) के एडमिट कार्ड डाउनलोड न कर पाने वाले 21 हजार अभ्यर्थियों के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में आज लगातार तीसरे दिन भी सुनवाई जारी रही। कोर्ट ने HSSC आयोग और सरकार से कड़े सवाल पूछते हुए कहा कि अगर किसी उम्मीदवार ने सभी दस्तावेज अपलोड कर दिए, फीस भर दी और एफिडेविट का प्रिंट भी निकल आया, तो फिर उसे परीक्षा से क्यों वंचित किया गया? कोर्ट ने साफ किया कि आज की सुनवाई सिर्फ एडमिट कार्ड मामले पर केंद्रित रहेगी, बाकी मामलों को अगली तारीख तक टाल दिया गया है। अब थोड़ी देर में आयोग और सरकार की ओर से कोर्ट में जवाब पेश किया जाएगा। कोर्ट का रुख इस मुद्दे पर कड़ा नजर आ रहा है और प्रभावित अभ्यर्थियों को राहत मिलने की उम्मीद है। HSSC ने दाखिल किया अपना जवाब, रिलीफ नहीं देने को कहा HSSC ने हाईकोर्ट में इस मामले में अपना जवाब दाखिल कर दिया है। जिसमें सरकार की ओर से कहा गया है कि अभ्यार्थियों ने एफिडेविट प्रिंट फाइनल तौर पर यदि अपलोड नहीं किया तो इसे अधूरा माना जाएगा, यह अभ्यार्थियों को पहले ही बताया गया था। सभी दस्तावेज देने, फॉर्म भरने व फीस देने के बाद एफिडेविट भरना अनिवार्य है। इसी के बाद फॉर्म को पूरा माना गया है। एफिडेविट के बाद अभ्यर्थियों को इसे साइन करके अपलोड करना था, इस वजह से इसे अधूरा माना गया है। एचएसएससी ने अपने जवाब में मैगना कार्टा सिलेक्शन प्रोसेस का भी उदाहरण दिया है। जिसके अनुसार टर्म एंड कंडीशन पूरी न करने और अधूरे फार्म होने के चलते संबधित अभ्यर्थियों को रिलीफ नहीं दिया जाना चाहिए। 21 हजार 854 के नहीं जारी हुए एडमिट कार्ड हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन के दिए गए एफिडेविट में दिया गया है कि ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या 21854 हैं, जिन्हें एडमिट कार्ड नहीं दिया गया है। अपने एफिडेविट में एचएसएससी ने कहा है कि 15,23,787 अभ्यर्थियों ने पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन किया है। कुल 13,70,551 अभ्यर्थियों ने ही फीस भरी है। जिसमें से 13,48,697 उम्मीदवारों ने अपना एक्नॉलेजमेंट भरा है, इसलिए एक्नॉलेजमेंट भरने वाले बच्चों को एडमिट कार्ड जारी किए गए। एडमिट कार्ड को लेकर दायर याचिका में 2 दावे.. सारे फॉर्म सही भरे, एडमिट कार्ड डाउनलोड नहीं हुआ जिस एडमिट कार्ड की याचिका में हाईकोर्ट ने एफिडेविट मांगा है, उसमें भिवानी के रहने वाले सुरेंद्र सिंह और अन्य ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ताओं ने आवेदन पत्र भरकर सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड कर दिए थे। उनका फॉर्म जमा कर दिया है। जब वह परीक्षा के लिए आयोग की साइट पर एडमिट कार्ड डाउनलोड करने लगे तो उनके वह डाउनलोड नहीं हुए। आयोग ने कहा- आवेदन अधूरे, इनकी साइट में कमी इस बारे आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की थी। उन्होंने बताया कि उनके आवेदन पत्र अधूरे हैं। याचिकाकर्ताओं ने अपने दस्तावेज पोर्टल पर सही तरीके से अपलोड किए थे, आयोग की साइट में कमी रही होगी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि आयोग द्वारा ऐसे उम्मीदवारों के भी एडमिट कार्ड जारी किए गए हैं, जिनके दस्तावेज अधूरे हैं। याचिकाकर्ता के वकील ने एडमिट कार्ड की कॉपी सरकारी वकील को दी। दोनों पक्षों की बहस के बाद कोर्ट ने सुनवाई शुक्रवार को तय करते हुए दोनों पक्षों को शपथ पत्र दायर करने का आदेश दिया। HSSC की साइट में गड़बड़ी का दावा याचिकाकर्ता के वकील रविंद्र ढुल ने बताया कि कई उम्मीदवारों ने समय रहते आवेदन प्रक्रिया पूरी की। लेकिन पोर्टल में तकनीकी गड़बड़ी के कारण उम्मीदवारों के एक्नॉलेजमेंट दस्तावेज अपलोड होने के बावजूद आयोग की साइट पर शो नहीं हुए। इसके चलते 21 हजार से अधिक उम्मीदवारों को एडमिट कार्ड जारी नहीं किए गए। उन्होंने कहा कि हमारी याचिका एडमिट कार्ड न मिलने की है और इस मामले में हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन को शुक्रवार को लिखित में जवाब देना है। रविंद्र ढुल ने यह भी कहा कि कोर्ट के समक्ष उन मामलों का भी हवाला दिया गया है, जहां कुछ उम्मीदवारों ने एक्नॉलेजमेंट दस्तावेज अपलोड नहीं किए, फिर भी उन्हें एडमिट कार्ड जारी कर दिए गए। एक याचिका का हो चुका निपटारा CET की परीक्षा को लेकर राज्य में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के कारण आम लोगों कोई दिक्कत नहीं होगी। सरकार की तरफ से एक याचिका की सुनवाई के दौरान बताया गया है कि रोडवेज की 4 हजार बस में से 25,00 बस सीईटी परीक्षा में तैनात की गई हैं, जबकि 1500 बस सामान्य रूट पर जनता के लिए चलेंगी। कोर्ट को बताया गया सीईटी के लिए जिलों के डीसी द्वारा निजी स्कूलों की 95,00 बस का भी प्रबंध किया गया है। सरकार के जवाब पर कोर्ट ने कहा कि परीक्षा शनिवार और रविवार होनी है, इसलिए कार्यालय बंद होते हैं। फिर भी सरकार उचित कदम उठाए ताकि आमजन को परिवहन की दिक्कत न हो। इसी के साथ कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया।