बॉलीवुड के दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के परिवार के लिए ये हफ्ता दोहरी खुशी लेकर आया है। सुशांत सिंह राजपूत के बहनोई 1991 बैच के IPS अफसर ओपी सिंह को हरियाणा का कार्यवाहक DGP बनाया गया है। वहीं उनकी ममेरी बहन दिव्या गौतम को बिहार विधानसभा चुनाव में भाकपा (माले) ने उम्मीदवार बनाया है। भाकपा बिहार में विपक्षी दल की भूमिका में है। सियासी हलकों में चर्चा है कि ओपी सिंह को कार्यकारी DGP बनाने के पीछे बिहार चुनाव भी एक वजह हो सकती है। राजपूत वोटबैंक कई सीटों पर अहम है। बिहार के करीब 30 से 35 विधानसभा क्षेत्र में राजपूत जाति जीत या हार में निर्णायक भूमिका निभाती रही है। यही वजह है कि सत्तापक्ष हो या विपक्ष दोनों इस जाति को समय-समय पर अपने फैसलों के जरिए अपने साथ लाने की कोशिश करते रहे हैं। ओपी सिंह बिहार के जमुई जिले के रहने वाले हैं। वे इससे पहले अंबाला-पंचकूला, फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर और हरियाणा में ADGP के पद पर रह चुके हैं। हाल ही में हरियाणा में IPS वाई. पूरन कुमार के सुसाइड केस में नामजद होने के बाद DGP शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेजा गया है। पढ़िए कैसे कार्यवाहक DGP बने ओपी सिंह… तेज तर्रार ऑफिसर हैं ओपी सिंह
ओपी सिंह मूल रूप से बिहार के जमुई जिले के नमून गांव के रहने वाले हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई जमुई में हुई और आगे की शिक्षा के लिए वे दिल्ली चले गए। ओपी सिंह न सिर्फ तेजतर्रार पुलिस अफसर माने जाते हैं, बल्कि लेखक और खेल प्रेमी भी हैं। उन्होंने तीन किताबें लिखी हैं। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद ओपी सिंह काफी चर्चा में आए थे। उन्होंने इस मामले में न्याय के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी। अब DGP बनने के बाद एक बार फिर उनका नाम सुर्खियों में है। दिव्या गौतम की सियासी पारी
सुशांत सिंह राजपूत की ममेरी बहन दिव्या गौतम अब बिहार की राजनीति में उतर चुकी हैं। भाकपा (माले) ने उन्हें पटना की दीघा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। ये सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है, इसलिए दिव्या का चुनावी मैदान में उतरना चर्चा का विषय बन गया है। दिव्या गौतम छात्र राजनीति से जुड़ी रही हैं। उन्होंने पटना विमेंस कॉलेज से मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन किया है और यूजीसी-नेट पास करने के बाद पीएचडी कर रही हैं। वह पहले पटना यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन का चुनाव भी लड़ चुकी हैं और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) की सक्रिय सदस्य रही हैं।