हरियाणा IPS के सुसाइड से पहले 7 दिन की STORY:उनकी मौजूदगी में PSO पकड़ा, कोरे पेज पर सिग्नेचर से परेशान हुए; DGP-SP ने फोन नहीं उठाया

हरियाणा के सीनियर IPS अफसर वाई. पूरन कुमार के सुसाइड से पहले की 7 दिनों की पूरी कहानी सामने आई है। इस कहानी की शुरुआत 1 अक्टूबर से हुई, जो 7 अक्टूबर को उनकी मौत के साथ खत्म हुई। उनकी मौत से पहले की इस कहानी में उनके PSO सुशील कुमार की गिरफ्तारी से होती है। इसके बाद हर दिन होने वाले नए डेवलपमेंट ने उन्हें परेशान किया। लास्ट में IPS पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 में अपनी कोठी की बेसमेंट में खुद को गोली मार ली। इससे पहले उन्होंने 8 पन्नों का एक लास्ट नोट और एक पेज की वसीयत भी लिखी थी, जिसको चंडीगढ़ पुलिस अपने कब्जे में लेकर जांच कर रही है। बताया जा रहा कि जिस रिवॉल्वर से सुसाइड किया, वो उनके PSO यानी गनमैन सुशील कुमार की थी। 1 से 7 अक्टूबर के बीच क्या-क्या हुआ, जिससे सुसाइड की नौबत आई… 29 सितंबर की डेट भी महत्वपूर्ण
इस घटनाक्रम में 29 सितंबर की डेट भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 29 सितंबर को ही पूरन कुमार का IG रोहतक रेंज के पद से सुनारिया पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में ट्रांसफर कर दिया गया। 30 सितंबर को उन्होंने IG का पदभार छोड़ दिया था। पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में जॉइन कर वह छुट्‌टी पर चले गए। बताया जा रहा है कि उन्होंने 7-8 अक्टूबर तक छुट्टी ली थी। 1 अक्टूबर की घटना ने किया परेशान
1 अक्टूबर को जब वाई पूरन कुमार अपने PSO सुशील कुमार के साथ प्राइवेट कार में रोहतक से चंडीगढ़ जा रहे थे, तब रोहतक पुलिस की एक टीम ने उनकी कार को जबरदस्ती रोक लिया। टीम ने उनके साथ बैठे पूरन कुमार के PSO को जबरदस्ती हिरासत में ले लिया। IG ने पूछा कि किस मामले में हिरासत में ले रहे हैं, FIR दिखाएं तो टीम ने FIR दिखाने से मना कर दिया। यही नहीं सख्त लहजे में धमकाते हुए कहा- अगला नंबर आपका है। रोहतक पुलिस की हिरासत से पहले PSO ने अपना रिवॉल्वर पूरन कुमार की कार में छोड़ दिया था। इसी से पूरन ने सुसाइड किया है। कोरे पेज पर PSO के सिग्नेचर से परेशान हुए
इसके बाद पूरन कुमार अकेले ही अपने सेक्टर 11 स्थित अपने मकान में आ गए। सूत्रों के मुताबिक उनके PSO से 5 दिनों तक पूछताछ हुई। ये संभवत अवैध हिरासत हो सकती है, क्योंकि तब तक कोई FIR सामने नहीं आई थी। बताया जा रहा है कि PSO को प्रताड़ित किया गया और पूरन कुमार के खिलाफ बयान देने के लिए मजबूर किया गया। 5 दिनों की लगातार यातना के बाद PSO ने आखिरकार एक खाली पन्ने पर हस्ताक्षर किए। उस खाली पन्ने पर पुलिस ने एक बयान टाइप किया था, जिसमें पूरन कुमार को फंसाया गया था। DGP-SP ने नहीं उठाया फोन
सूत्रों की मानें तो जब पूरन कुमार चंडीगढ़ आ गए और उनके द्वारा इस पूरे घटनाक्रम के बारे में जब DGP शत्रुजीत कपूर और रोहतक SP नरेंद्र बिजारणिया को फोन किए, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। पूरन कुमार गुहार लगा रहे थे कि उनकी व्यक्तिगत और पारिवारिक प्रतिष्ठा को नुकसान न पहुंचाया जाए। PSO के खिलाफ 6 अक्टूबर को FIR हुई
6 अक्टूबर को पूरन कुमार के PSO सुशील कुमार के खिलाफ रोहतक के अर्बन एस्टेट थाने में PC एक्ट के तहत FIR दर्ज की गई। इसमें PSO के खिलाफ जबरन वसूली के आरोप लगाए गए हैं। हरियाणा ब्यूरोक्रेसी के एक सीनियर IAS अफसर ने बताया कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि पूरन कुमार की गिरफ्तारी के लिए सरकारी अनुमति की जरूरत न पड़े। दो वकीलों को बुलाकर ड्राफ्ट किया सुसाइड नोट
इसके बाद पूरन कुमार ने 2 वकीलों को अपने सेक्टर-11 मकान में बुलाया। सबसे अहम बात यह है कि उन्होंने वकीलों को ये नहीं बताया कि जो सुसाइड नोट और बिल वह बना रहे हैं वह अपने लिए बना रहे हैं। 7 अक्टूबर को भी वकीलों को आना था, लेकिन उन्होंने मूड नहीं होने की बात कहकर उन्हें आने से मना कर दिया। इसके बाद उन्होंने खुद को गोली मार ली। लैपटॉप को लेकर चल रही खींचतान
आईपीएस सुसाइड केस में चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी के मेंबर डीएसपी जसविंद्र सिंह विर्क ने अमनीत पी. कुमार को दो दिन पहले एक लेटर लिखा था। जिसमें उन्होंने कहा था कि वाई पूरन कुमार का लैपटॉप पर नोट के प्रमाणिकता के लिए भेजा जाना है। इसे जल्द एसआईटी को सौंप दिया जाए। इसका IAS अमनीत ने 3 पेज का जवाब दाखिल किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि 10 अक्टूबर को ही लैपटॉप कब्जे में लेने की अनुमति दी थी। पुलिस की आईटी टीम 4 घंटे में भी लैपटॉप की हैश वेल्यू जनरेट करने में असफल रही। लेटर में लिखा है कि जांच में पूरा सहयोग के बावजूद मामले को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है। लैपटॉप या उसकी सामग्री को एक्सेस, क्लोन या फोरेंसिक जांच करने से पहले पूरे डेटा की प्रति या सुरक्षित बैकअप दिया जाए। चंडीगढ़ पुलिस ने CJM कोर्ट में आवेदन कर कहा कि परिवार को आदेश दिए जाएं कि जांच के लिए लैपटॉप SIT को सौंपा जाए। ——————————– ये खबर भी पढ़ें :- हरियाणा IPS सुसाइड- चंडीगढ़ कोर्ट में जवाब देंगी पत्नी, पोस्टमॉर्टम पर आ सकता है फैसला; 51 मेंबरी कमेटी प्रशासक कटारिया से मिलेगी हरियाणा के सीनियर IPS वाई. पूरन कुमार के सुसाइड केस का आज आठवां दिन है। उनके पोस्टमॉर्टम पर अभी तक फैसला नहीं हो पाया है। डेडबॉडी चंडीगढ़ PGI की मॉर्च्युरी में रखी हुई है। 51 मेंबरी कमेटी ने पोस्टमॉर्टम का फैसला पूरन कुमार के परिवार पर छोड़ दिया है। पढ़ें पूरी खबर…

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