हर परिवार को नौकरी, तेजस्वी का वादा कितना सही:2.8 करोड़ परिवार, खाली पद सिर्फ 3 लाख, एक्सपर्ट बोले- 20 महीने में संभव नहीं

‘सरकार बनते ही 20 दिन में अधिनियम बनाएंगे और 20 महीने के अंदर ऐसा बिहार का कोई घर नहीं बचेगा, जिसके पास सरकारी नौकरी नहीं होगी।’ ये वादा RJD नेता तेजस्वी यादव का है। उन्होंने 9 अक्टूबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बात कही थी। इसके बाद सवाल उठने लगे कि क्या वाकई बिहार के हर परिवार को सरकारी नौकरी दी जा सकती है। बिहार का जाति सर्वे के मुताबिक राज्य में 2.97 करोड़ परिवार हैं। कुल 17.36 लाख लोग सरकारी नौकरी करते हैं। यानी 2.8 करोड़ परिवार को सरकारी नौकरी देनी पड़ेगी, जबकि खाली पद मुश्किल से 3 लाख हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में भी तेजस्वी ने 10 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया था। तब RJD 75 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। अब कुछ सवाल हैं 1. इतनी बड़ी संख्या में नौकरियां कैसे दी जाएंगी?
2. इतनी नौकरियां आएंगी कहां से?
3. 20 महीने में इतने लोगों की भर्ती कैसे होगी?
4. इसके लिए पैसे कहां से आएंगे? हालांकि तेजस्वी ने इसका जवाब देने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि जाति सर्वे का डेटा हमारे पास है कि किस परिवार के पास नौकरी है और किसके पास नहीं है। हम जुमलेबाजी नहीं कर रहे। हमने 17 महीने में 5 लाख लोगों को नौकरी दी। हम जो कह रहे हैं, वह करेंगे। 20 हजार रुपए की नौकरी दी, तब भी 56 हजार करोड़ रुपए की जरूरत
तेजस्वी का वादा पूरा होना कितना मुश्किल है, इसे ऐसे समझिए। बिहार में 2.8 करोड़ परिवार हैं। अगर एक परिवार को 20 हजार रुपए महीने की नौकरी भी दी जाए तो 2.8 करोड़ नौकरियों की सैलरी के लिए 56 हजार करोड़ रुपए महीने की जरूरत होगी। अभी बिहार सरकार का बजट 3.17 लाख करोड़ रुपए का है। लोग बोले- चुनावी भाषण है, लगता नहीं नौकरी दे पाएंगे
दैनिक भास्कर ने इस पर आम लोगों से बात की। पटना के रहने वाले मुकेश कुमार शर्मा कहते हैं कि चुनाव से पहले पार्टी के नेता जो वादा करते हैं, वह चुनावी भाषण है। तेजस्वी हर घर में नौकरी कहां से देंगे। मुझे नहीं लगता कि वे ऐसा कर पाएंगे। चुनावी वादे के तहत उन्होंने हर परिवार को नौकरी देने की बात कही है तो अच्छी बात है। वहीं, महेंद्र मालाकार मजाकिया लहजे में कहते हैं, ‘चुनावी माहौल में नेता कुछ भी कह सकते हैं। हम भी कह सकते हैं कि हमें मुख्यमंत्री बना दो, एक-एक लाख रुपए दे देंगे। सभी को आसमान में ले जाकर मकान बना देंगे। कहना आसान है, लेकिन कुर्सी मिलने के बाद वादा पूरा करना मुश्किल है।’ हालांकि, बच्चू प्रसाद को तेजस्वी पर यकीन है। वे कहते हैं, ‘तेजस्वी जरूर सभी को नौकरी देंगे। उनके पिताजी के पास बहुत पैसा है। वही गरीबों में बांटेंगे।’ एक्सपर्ट बोले- कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में ऐसे ऐलान हुए, अब खजाना खाली
सीनियर जर्नलिस्ट ओम प्रकाश अश्क कहते हैं, ‘बिहार में अभी सरकारी कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिल पाती। फिर 3 करोड़ स्टाफ की सैलरी का पैसा कहां से आएगा, यह तो तेजस्वी ही बता सकते हैं। उन्होंने रोजगार और रेवेन्यू के लिए बिहार में फैक्ट्रियां लगवाने की बात कही है। इसमें कितनी कामयाबी मिलेगी, यह तो आगे पता चलेगा।’ ‘आजादी के वक्त बिहार में करीब 33 चीनी मिलें थीं। सरकार की अनदेखी से अब 10 या 12 ही चल रही हैं। चीनी मिलों में न सिर्फ लोगों को रोजगार मिला था, बल्कि ये किसानों की भी आमदनी होती थी। अब तो सड़कों पर रस बेचने वाले भी महाराष्ट्र से गन्ना मंगा रहे हैं।’ ‘एक सवाल ये भी है कि अगर तेजस्वी की सरकार बन जाती है, तो पैसे का बंदोबस्त कहां से करेंगे। कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस ने ऐसी ही योजनाओं की घोषणा की थी। आज दोनों सूबे खाली खजाने का रोना रो रहे हैं। केंद्र की NDA सरकार अभी बिहार पर मेहरबान दिखती है, लेकिन क्या गैर NDA सरकार बनी तब ऐसा चलता रहेगा, यह सवाल भी है।’ ‘तेजस्वी ने पहले नौकरी दीं, लेकिन ये वादा पूरा करना मुश्किल’
सीनियर जर्नलिस्ट प्रवीण बागी कहते हैं, ‘तेजस्वी ने पुलिस और शिक्षक की नौकरियां दिलवाई थीं। डिप्टी सीएम रहते हुए उन्होंने अच्छा काम किया। उन्होंने इस बार बहुत बड़ा वादा कर दिया है। चुनाव के समय इस तरह के बड़े वादे आते हैं। फिर भी वे सरकार में आने पर 30-40 लाख नौकरी तो दे ही सकते हैं।’ दिक्कत यह भी है कि नीतीश सरकार ने ताबड़तोड़ घोषणाएं करके बजट पर पहले ही काफी बोझ बढ़ा दिया है। अब तेजस्वी का वादा सामने है। ये अविश्वसनीय लगता है, जिसका पूरा होना मुश्किल है। अर्थशास्त्री बोले- फैक्ट्री, स्कूल-हॉस्पिटल खोलने होंगे
अर्थशास्त्री प्रो. डी.एम. दिवाकर कहते हैं, ‘तेजस्वी का वादा पूरा करना मुमकिन है। हर गांव में अगर स्कूल होगा, हर पंचायत में अस्पताल होगा, इंडस्ट्री होगी, तो हो जाएगा। ये अभी वाले डेवलपमेंट प्रोसेस से नहीं होगा। उसे बदलना होगा।’ ‘पहले उसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करना होगा। गांव में हेल्थ सेंटर होगा, तो उसके लिए हर गांव में एएनएम चाहिए। उसके लिए उतने स्कूल चाहिए, जिनमें एएनएम तैयार होंगे। उतने टीचर चाहिए। यानी तैयारी पहले करनी होगी। लॉन्ग टर्म विजन है तो संभव है। पैसों का इंतजाम तो ग्रोथ प्रोसेस से आएगा।’ ‘एग्रो बेस्ड इंडस्ट्री की बात करेंगे, एग्रीकल्चर ठीक करेंगे, शिक्षा व्यवस्था ठीक कर देंगे तो आमदनी उसी से आएगी। ठीक से होम वर्क करके काम आगे बढ़ाया जा सकता है। पैसों का इंतजाम करना बड़ी दिक्कत नहीं है।’ पार्टियां क्या कह रही हैं…
BJP: लोगों से जमीन लेने का नया पैंतरा
BJP के प्रदेश प्रवक्ता कुंतल कृष्ण कहते हैं कि यह तेजस्वी यादव का नया पैंतरा है। उनका पूरा परिवार नौकरी देने की बात करे, तो समझिए कि उन्होंने जमीन लेने का सोचा है। लालू प्रसाद ने क्या किया, नौकरी का झांसा देकर जमीनें लिखवा लीं। आज तेजस्वी कह रहे हैं कि बिहार के हर घर में हम नौकरी देंगे। उन्हें पता भी नहीं होगा कि पूरे बिहार में कितने घर हैं।’ जनसुराज: तेजस्वी पूरे बिहार को मूर्ख बना रहे
जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा है कि या तो तेजस्वी मूर्ख हैं या वे पूरे बिहार को मूर्ख बना रहे हैं। बिहार में हर घर में सरकारी नौकरी देने का मतलब है कि 3.5 करोड़ लोगों को नौकरी देना।’ ‘पूरे बिहार में सिर्फ 26.50 लाख सरकारी नौकरियां हैं। ऐसे में सवा तीन करोड़ लोगों को अलग से सरकारी नौकरी कैसे दे सकते हैं। PM मोदी ने पूरे देश में 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया था और पूरा नहीं किया। अब तेजस्वी अकेले बिहार में 3.5 करोड़ नौकरियों का दावा कर रहे हैं। यह असंभव है।’ RJD: 5 लाख नौकरियां दीं, ये वादा भी पूरा करेंगे
RJD की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य संजय सिंह यादव कहते हैं, ‘तेजस्वी यादव की बात पर बिहार के लोगों को भरोसा होगा। उन्होंने कहा था कि हमारी सरकार बनेगी तो 10 लाख लोगों को नौकरी दूंगा। तेजस्वी यादव की सरकार नहीं बन पाई।’ ‘नीतीश कुमार के साथ सरकार बनाई, तो 5 लाख नौकरियां दीं। 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया। 17 महीने के कार्यकाल में 8.5 लोगों को नौकरी दी। तेजस्वी यादव के वादों की नकल नीतीश कुमार कर रहे हैं, लेकिन उस वादे को छू नहीं सके। लोगों को भरोसा है कि तेजस्वी यादव वादा पूरा करेंगे।’

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