हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को प्रभावी बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। आगामी शैक्षणिक सत्र से नौवीं से बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए FA-1, FA-2 और प्री-बोर्ड परीक्षाएं शुरू की जाएंगी। इस नई परीक्षा प्रणाली का उद्देश्य छात्रों को प्रारंभिक स्तर से ही राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुरूप तैयार करना है। बोर्ड के चेयरमैन डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि इस नई व्यवस्था से विद्यार्थियों की शैक्षणिक तैयारी को चरणबद्ध और सुदृढ़ किया जाएगा। इससे जेईई (JEE) और नीट (NEET) सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए छात्रों की नींव मजबूत होगी।डॉ. शर्मा ने यह भी कहा कि प्रदेश के सभी स्कूलों में एक समान पाठ्यक्रम लागू होने से विद्यार्थियों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता में वृद्धि होगी। पाठ्यक्रम विभाजन के लिए कार्यशाला पाठ्यक्रम के विभाजन के लिए बोर्ड मुख्यालय में विषय विशेषज्ञों की कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें सुझावों पर विस्तार से चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि यह परीक्षा प्रणाली उन छात्रों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी जो महंगे कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई नहीं कर सकते। नियमित मूल्यांकन से छात्रों की तैयारी समय रहते बेहतर होगी। उनकी अवधारणात्मक समझ पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसको ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम को नए सिरे से तैयार किया जा रहा है। शिक्षा प्रणाली को मिलेगी नई दिशा बोर्ड चेयरमैन ने विश्वास व्यक्त किया कि FA-1, FA-2 और प्री-बोर्ड परीक्षाओं की शुरुआत से हिमाचल प्रदेश की शिक्षा प्रणाली को एक नई दिशा मिलेगी। यह सुधार न केवल विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढ़ाएगा, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की शैक्षणिक पहचान को भी मजबूत करेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत यह पहल हिमाचल को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में अहम साबित होगी।