हिमाचल सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू आज दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) में भाग ले रहे हैं। इंदिरा भवन में चल रही CWC मीटिंग में कांग्रेसी नेता ‘जी राम जी बिल’ पर सरकार के खिलाफ पार्टी के एक्शन प्लान पर चर्चा कर रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार और पूर्व अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी CWC में शामिल हुई। बिहार चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद यह पहली CWC है। कांग्रेस महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 (मनरेगा) को खत्म करने के खिलाफ सरकार के खिलाफ अपने आंदोलन शुरू करने का ऐलान कर सकती है। कानून का विरोध क्यों हो रहा UPA-काल के मनरेगा की जगह लेने वाला विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक शीतकालीन सत्र में पारित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इसे अपनी मंजूरी दे दी है। कांग्रेस ने नए कानून पर आपत्ति जताई है और महात्मा गांधी का अपमान बता रही है। नया कानून ग्रामीण परिवार को एक वित्तीय वर्ष में 125 दिनों के रोजगार की गारंटी दी गई है। इस योजना की फंडिंग 60:40 प्रतिशत के अनुपात में होगी। मनरेगा में 90 प्रतिशत शेयर केंद्र सरकार देती थी। CWC के बाद हाईकमान से मुलाकात कर सकते हैं सीएम सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू CWC के बाद हाईकमान से भी मुलाकात कर सकते हैं। इस दौरान हिमाचल में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर चर्चा कर सकते हैं। सीएम सुक्खू अपने खेमे के नेताओं को जिला अध्यक्ष लगाने की पैरवी करेंगे। हालांकि, हाईकमान ने पहले ही ऑब्जर्वर से जिला अध्यक्ष के लिए रिपोर्ट दे रखी है। सूत्रों का कहना है कि हाईकमान इस बार जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में परफॉर्मेंस, सामाजिक समीकरण और गुटबाजी से दूरी जैसे पैमानों को प्राथमिकता दे सकता है। वहीं, प्रतिभा सिंह की CWC में मौजूदगी को हिमाचल कांग्रेस में संतुलन और समन्वय के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।