हिसार में यूनिवर्सिटी प्रशासन और छात्रों में टकराव:कमेटी के सामने खून लगा पोस्टर लहराया, कहा-वीसी बताए यह कौन सी जाति का है

हिसार में स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) में छात्रों और प्रशासन के बीच टकराव लगातार गहराता जा रहा है। बुधवार शाम को यूनिवर्सिटी की ओर से बनाई गई कमेटी छात्रों से बातचीत का न्योता देने आई मगर छात्रों ने बातचीत का न्योता पूरी तरह ठुकरा दिया है। छात्रों ने कहा कि बातचीत तभी होगी जब उनकी सारी मांगें मान ली जाएंगी और उनकी पहली मांग है कि वीसी को हटाया जाए। छात्रों ने कमेटी के सामने कहा कि उनकी मांगों को दबाया जा रहा है और यूनिवर्सिटी की तरफ से हरासमेंट किया जा रहा है। उनको गलत दिखाने का प्रयास यूनिवर्सिटी कर रही है। छात्रों ने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन कह रही है कि एक जाति के छात्र टारगेट कर रहे हैं, जबकि इस धरने पर सभी वर्ग के छात्र बैठे हैं। छात्रों ने विद्यार्थियों के खून के निशान वाला पोस्टर कमेटी के आगे लहराया और कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन बताए यह किस जाति का खून है। माहौल गर्म होता देख कमेटी अपनी बात कहकर चली गई। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 19 छात्रों के खिलाफ शिकायत दी वहीं रजिस्ट्रार पवन कुमार ने 19 छात्रों के खिलाफ जिला प्रशासन को पत्र लिखकर माहौल बिगाड़ने और परीक्षाएं प्रभावित करने का आरोप लगाया है। जवाबी कार्रवाई में छात्रों ने हरियाणा सरकार के चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर यूनिवर्सिटी के चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर सुखबीर सिंह और 17 प्रोफेसरों पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। छात्रों का कहना है कि वे लोकतांत्रिक तरीके से अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं। लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन उन्हें लगातार निशाना बना रहा है। वहीं प्रशासन का आरोप है कि छात्रों का आंदोलन अब राजनीतिक रंग ले चुका है और वे अन्य छात्रों पर भी परीक्षा न देने का दबाव बना रहे हैं। मंगलवार को इनसो का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला, जिसमें कुलपति बीआर कम्बोज को हटाने की मांग की गई। इन छात्रों के खिलाफ रजिस्ट्रार ने शिकायत भेजी
यश सहारण, तेजस मलिक, निकिता गोयल, हर्ष पूनिया, शुभम गर्ग, पूजा दलाल, मुकुल भांभू, अरूण गिल, अभिलेख दलाल, इनायत अली, हरदीप सांगवान, अजय कालीरामण, दीपक तोमर, योगेश राजराणा, राहुल गहलावत, मोहित मनधेरणा, रोबिन, विनय शर्मा और मनयोग चित्रा। इन प्रोफेसरों के खिलाफ छात्रों ने की शिकायत
सुखबीर सिंह, चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर, डॉ. केडी शर्मा, डॉ. अतुल ढींगड़ा, डॉ. पवन कुमार, डॉ. दिलीप बिश्नोई, डॉ. अंकित जूद, डॉ. अशोक गोदारा, डॉ. एमएल खीचड़, डॉ. सुमित सैनी
डॉ. ओपी बिश्नोई, डॉ. करमल मलिक, डॉ. नीतिश बंसल, डॉ. पीके चहल, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. संदीप आर्य, डॉ. विकास कम्बोज और डॉ. रूपेंद्र। एचएयू ने सीएसओ को छुट्टी पर भेजा
छात्रों के आंदोलन के बीच एचएयू ने अपने चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर सुखबीर छुट्टी पर भेज दिया है। उनकी जगह असिस्टेंट प्रोफेसर अनिल कुमार को सुरक्षा इंतजाम करने और प्रशासन के साथ तालमेल बैठाने की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं जेएनयू के छात्र संगठन ने एचएयू के छात्रों के साथ खड़े होने का ऐलान किया। धरने पर जेएनयू अध्यक्ष नीतिश कुमार, पूर्व अध्यक्ष आईसी घोष, उप प्रधान मनीषा, जय प्रकाश, डीयू से अंजली, विक्की, एसएफआइ से परण पहुंचे थे। कल मल्लिकार्जुन खड़गे ने की थी छात्रों से बात वहीं राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एचएयू के धरना दे रहे छात्रों से कल मंगलवार को फोन पर बात की थी। खरड़े ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से छात्रों के साथ है। इस मामले में जो भी होगा हम छात्रों के लिए करेंगे। आपके साथ रहेंगे। खड़गे ने कहा कि एक महीने के बाद सेशन होगा। इसमें हम पुरजोर तरीके से मांग उठाएंगे। खड़गे ने कहा कि इससे पहले पूरे प्वाइंट्स लेकर उनके पास आएं कि यह मामला कैसे शुरू हुआ, क्यों शुरू हुआ, पहले क्या स्थिति थी और अब कैसे छात्रों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। एचएयू में परीक्षाएं जारी, 153 ने दी आज परीक्षा
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में 16 जून से सभी निर्धारित परीक्षाएं सुचारू रूप से प्रारंभ हो चुकी हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा की गई तैयारियों के चलते अब बड़ी संख्या में विद्यार्थी परीक्षा केन्द्रों पर समय पर पहुंचकर शांतिपूर्ण वातावरण में परीक्षाएं दे रहे हैं। बुधवार को 153 विद्यार्थियों ने अपनी परीक्षा दी। इसके अतिरिक्त 11 विद्यार्थियों ने अपने-अपने थीसिस सेमिनार दिए। एमएससी व पीएचडी के 120 से अधिक विद्यार्थियों ने अपने विभागों में जाकर रिसर्च संबंधी व अन्य कार्य किए। छात्रों को शरारती तत्वों ने उकसाया : एचएयू
विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक एवं कोआर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष डॉ. राजबीर गर्ग ने बताया कि पिछले कुछ समय से विश्वविद्यालय परिसर के माहौल को अस्थिर करने के लिए कुछ शरारती तत्वों द्वारा छात्रों को उकसाया जा रहा था। ऐसे लोग विद्यार्थियों को अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए आंदोलन का मोहरा बना रहे थे। हालांकि अब छात्र इस सच्चाई को भलीभांति समझ चुके हैं और उन्होंने अपना ध्यान पढ़ाई और भविष्य निर्माण पर केंद्रित कर लिया है। उन्होंने बताया कि आंदोलन के नाम पर शरारती तत्वों द्वारा द्वारा हॉस्टलों में जाकर छात्रों को धमकाने एवं परीक्षा में भाग न लेने के लिए मानसिक दबाव बनाने की कोशिश हुई थी, लेकिन प्रशासन की तत्परता, छात्रों की जागरूकता और अभिभावकों के सहयोग से इन सभी प्रयासों को असफल बना दिया गया है।

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