हिसार में वसूली गैंग एक्टिव, RTI एक्टिविस्ट पर FIR:व्यापारी को डराकर हड़पे रुपए, निगम में शिकायत करने की धमकी दी

हिसार जिले में वसूली गैंग एक्टिव है और यह लोगों को भय दिखाकर वसूली करता है। ताजा मामला एक व्यापारी को शिकायत का डर दिखाकर 7 हजार रुपए वसूली का है। इस मामले में पुलिस ने नगर निगम के RTI एक्टिविस्ट मनोज सिंधवानी के खिलाफ केस दर्ज किया है। हिसार की देव वाटिका निवासी मनोज सिंधवानी पर आरोप है कि उसने हांसी की बोगा राम कॉलोनी के इलेक्ट्रॉनिक्स व्यापारी अनिल कुमार से 2 महीने पहले 7 हजार रुपए अवैध वसूली की है। व्यापारी ने अब अर्बन एस्टेट थाने में केस दर्ज करवाया है। शिकायत में व्यापारी अनिल कुमार ने बताया कि वह मॉडल टाउन में मकान बना रहा है। इसका नक्शा पास करवाकर नगर निगम में फीस भी जमा करवा रखी है। आरोप है कि मकान पर मनोज कुमार बार-बार आकर पैसों की मांग करने लगा। आरोपी ने धमकी दी कि यदि मुझे पैसे नहीं दिए तो निगम में आपकी शिकायत कर देगा। ऐसे में करके वह 7 हजार रुपए 2 महीने पहले लेकर गया था। अब उसके खिलाफ पुलिस को शिकायत देकर राशि वापस दिलवाने की मांग की है। जितेंद्र श्योराण की तरह पैसे लेने का पैटर्न
दरअसल, हिसार पुलिस ने 10 जून को तमस बार संचालक से अवैध वसूली में जितेंद्र श्योराण को गिरफ्तार किया था। जितेंद्र पर भी बार संचालक को शिकायत का भय दिखाकर वसूली की थी और रंगे हाथ 8 लाख रुपए के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। अब हिसार के एक और व्यापारी अनिल कुमार ने RTI एक्टिविस्ट मनोज सिंधवानी पर आरोप लगाया है कि उसके खिलाफ निगम में शिकायत करने का भय बनाकर पैसे मांगे गए। जब पैसे नहीं दिए तो उसकी शिकायत कर दी गई। जब उसे टोका तो वह बोला कि मेरा काम यही है। वह 5 बार चक्कर काटकर तंग कर चुका था। यह भी बोला कि लैंटर डालने पर डेढ़ लाख रुपए लगते हैं। ऐसे में मजबूर होकर 7 हजार रुपए देने पड़े। लेकिन अब उसके खिलाफ एसपी ऑफिस में शिकायत दी थी। वसूली गैंग के सदस्यों का पता लगा रही पुलिस
जितेंद्र श्योराण मामले में पुलिस लगातार हिसार में सक्रिय वसूली गैंग का पता लगा रही है। इसमें कुछ जर्नलिस्ट के भी नाम सामने आए थे, जिनसे पुलिस पहले पूछताछ कर चुकी है। पुलिस लगातार इस मामले में पत्रकारों के कनेक्शन की भूमिका की करीब 1 महीने से जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि अभी भी कुछ जर्नलिस्ट संदेह की घेरे में बने हुए हैं। वहीं अब मनोज सिंधवानी पर केस दर्ज कर पुलिस उससे जुड़े लोगों के कनेक्शन की जांच करेगी। इसके अलावा नगर निगम में कौन-कौन से आरटीआई एक्टिविस्ट वसूली का काम कर रहे हैं उनका भी पता पुलिस लगाएगी।

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