हिसार में स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (CCHAU) के आंदोलनकारी छात्रों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है। पहले दिन आज 7 छात्रों के साथ नारनौंद से कांग्रेस विधायक जस्सी पेटवाड़ और दो किसान नेता भी भूख हड़ताल पर बैठे। छात्रों ने कहा कि जब तक कुलपति को हटाया नहीं जाता तब तक उनका धरना जारी रहेगा। एचएयू में धरने पर कांग्रेस कई नेता पहुंच रहे हैं। इसी कड़ी में आज इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला भी शाम को एचएयू पहुंच रहे हैं। वहीं एचएयू में आज चल रही परीक्षाएं संपन्न हो गई हैं। विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक एवं कोआर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष डॉ. राजबीर गर्ग ने बताया कि वीरवार को 145 विद्यार्थियों ने अपनी परीक्षा दी। इसके अतिरिक्त कॉलेज ऑफ फिशरीज साइंस के 14 स्नातकोत्तर विद्यार्थियों ने अपनी प्रैक्टिकल परीक्षाएं दी। उन्होंने कहा कि जब विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उनकी सभी मांगें मान ली गई हैं। इसलिए अब स्ट्राइक करने का कोई औचित्य नहीं बनता। छात्रों ने कहा- धरने को जातीय रंग देने का प्रयास
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की ओर से बनाई गई कमेटी ने बुधवार शाम को छात्रों से बातचीत का प्रयास किया और टेबल पर बात करने की पेशकश की थी, मगर छात्रों ने बातचीत का न्योता पूरी तरह ठुकरा दिया था। छात्रों ने कहा कि बातचीत तभी होगी जब उनकी सारी मांगें मान ली जाएंगी और उनकी पहली मांग है कि वीसी को हटाया जाए। छात्रों ने कमेटी के सामने कहा कि उनकी मांगों को दबाया जा रहा है और यूनिवर्सिटी की तरफ से हरासमेंट किया जा रहा है। छात्रों ने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन कह रही है कि एक जाति के छात्र टारगेट कर रहे हैं, जबकि इस धरने पर सभी वर्ग के छात्र बैठे हैं। एचएयू प्रशासन ने फिर कहा सारी मांगें मानी ली गई हैं
एचएयू प्रशासन ने छात्रों द्वारा उठाई गई मांगों पर गंभीरता एवं संवेदनशीलता के साथ विचार करने उपरांत उनका समाधान करने की बात कही है। एचएयू प्रशासन ने कहा कि जिन दोषियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की मांग की जा रही है और गिरफ्तारी भी कर ली गई है। यह दर्शाता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की सुरक्षा और न्याय के प्रति प्रतिबद्ध है। छात्रवृत्ति से संबंधित मुद्दों पर भी प्रशासन ने गंभीर रुचि दिखाई है। संबंधित विभागों के माध्यम से छात्रों की शिकायतों की सुनवाई कर समाधान की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। इसके अलावा, छात्रों की अन्य सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार जारी है और यथासंभव हल निकालने की दिशा में ठोस कार्रवाई हो रही है। एचएयू की कोआर्डिनेशन कमेटी के जारी बयान की खास बातें… आज 145 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी : विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक एवं कोआर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष डॉ. राजबीर गर्ग ने बताया कि वीरवार को 145 विद्यार्थियों ने अपनी परीक्षा दी। इसके अतिरिक्त कॉलेज ऑफ फिशरीज साइंस के 14 स्नातकोत्तर विद्यार्थियों ने अपनी प्रैक्टिकल परीक्षाएं दी। उन्होंने कहा कि जब विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उनकी सभी मांगें मान ली गई हैं, इसलिए अब स्ट्राइक करने का कोई औचित्य नहीं बनता। किसी भी समस्या का समाधान बातचीत के माध्यम से निकाला जा सकता है। छात्रों को चाहिए कि वे आंदोलन समाप्त कर अपनी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करें। आंदोलन मूल स्वरूप से भटका : डॉ. राजबीर गर्ग ने कहा कि यह आंदोलन अब अपने मूल स्वरूप से भटक चुका है। पहले यह छात्रों की समस्याओं से जुड़ा आंदोलन था, किंतु अब यह विपक्षी दलों एवं बाहरी संगठनों के प्रभाव में संचालित हो रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने गहन जांच के बाद यह पाया है कि अब आंदोलन की कमान छात्रों के हाथ में न होकर कुछ ऐसे बाहरी तत्वों के हाथों में चली गई है, जिनका उद्देश्य केवल राजनीतिक लाभ प्राप्त करना है। ये लोग पूर्व के कई अन्य आंदोलनों में भी इसी प्रकार की भूमिका निभाते रहे हैं और अब विश्वविद्यालय के माहौल को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। छात्रों से कहा- शरारती तत्वों से सावधान रहें : डॉ. राजबीर गर्ग ने छात्रों को आगाह किया कि वे इन शरारती तत्वों से सावधान रहें। जो छात्रों का उपयोग केवल अपनी राजनीति चमकाने के लिए कर रहे हैं। ऐसे लोग न तो छात्रों के भविष्य की परवाह करते हैं और न ही विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा की। छात्रों को यह समझना चाहिए कि उनकी प्राथमिकता शिक्षा है, न कि किसी राजनीतिक खेल का हिस्सा बनना। प्रशासन ने दोबारा छात्रों से अपील की है कि वे विश्वविद्यालय की व्यवस्था पर विश्वास रखें और अपने अध्ययन में पूरी निष्ठा के साथ जुट जाएं। विश्वविद्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है : विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह भी बताया कि परिसर की सुरक्षा व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ कर दी गई है ताकि कोई भी बाहरी तत्व छात्रों को भयभीत न कर सके। विश्वविद्यालय में पुलिस एवं सुरक्षाकर्मी तैनात हैं और नियमित निगरानी की जा रही है। किसी भी प्रकार की असामाजिक गतिविधि पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय प्रशासन हमेशा से छात्रों के हितों की रक्षा करता आया है और आगे भी करता रहेगा। लेकिन यह भी आवश्यक है कि छात्र भी प्रशासन पर विश्वास बनाए रखें और व्यवस्था के प्रति अपनी निष्ठा को बनाए रखें।