101 करोड़ का फ्रॉड करने वाला बैंक मैनेजर गिरफ्तार:पटना में EOU ने दबोचा, LIC की फर्जी पॉलिसी के नाम पर लूटे पब्लिक के रुपए

पटना में EOU ने 101 करोड़ रुपए गबन करने वाले बैंक मैनेजर मो. सैयद शाहनवाज वजी को मंगलवार को गिरफ्तार किया है। पुलिस को पिछले 4 सालों से इसकी तलाश थी। पिछले एक साल से EOU की टीम भी इसे पकड़ने में लगी हुई थी। मंगलवार को EOU को सैयद के पटना सिटी इलाके में होने की सूचना मिली। टीम ने छापेमारी की और इसे गिरफ्तार कर लिया। बैंक में जमा पब्लिक के रुपयों का गबन करने के मामले में इसके दो साथियों शौकत अली और रजनीकांत उर्फ गोपाल प्रसाद को भी गिरफ्तार किया गया है। 2021 में 16.17 करोड़ का किया था गबन आज देर शाम आधिकारिक तौर पर जांच एजेंसी की तरफ से बयान जारी किया गया है। मो. सैयद वजी पटना सिटी के सदर गली के बाग कालू खां इलाके का रहने वाला है। टीम यहीं छापेमारी की और इसे अपने कब्जे में लिया। EOU के अनुसार, साल 1998 से लेकर 2013 तक इसने अवामी कोऑपरेटिव बैंक में पीरबहोर ब्रांच में पहले असिस्टेंट ब्रांच मैनेजर, फिर बाद में ब्रांच मैनेजर के पद पर काम किया था। उस दौरान इसने बड़ी साजिश रची। LIC की फर्जी पॉलिसी तैयार कर 16.17 करोड़ रुपए की निकासी कर ली। इस खेल में बैंक के दूसरे कर्मचारी और LIC के एजेंट भी मददगार थे। 2021 में ये मामला सामने आया, जिसके बाद पटना के पीरबहोर थाना में FIR नंबर 229/21 दर्ज किया गया। वैशाली में 83.50 करोड़ निकाले पटना से फर्जी निकासी करने के बाद मो. सैयद हाजीपुर चला गया। 2014 में वो वैशाली सहकारी विकास को ऑपरेटिव बैंक का हाजीपुर में ब्रांच मैनेजर बन गया। वहां भी इसने पटना वाली साजिश रची। साल 2023 तक वहां पर उसने कुल 83.50 करोड़ रुपए फर्जी तरीके से निकाले। पैटर्न वही था। इसने LIC की फर्जी पॉलिसी के जरिए रुपए निकाले थे। यहां भी इसकी मदद बैंक के कर्मचारी, LIC के एजेंट और कुछ दलालों ने की। जब मामला सामने आया तो मैनेजमेंट के होश उड़ गए। इसके बाद हाजीपुर के टाउन थाना में इसके खिलाफ 2023 में कुल तीन अलग-अलग FIR दर्ज किए गए। FIR नंबर 629/23, 785/23 और 933/23 शामिल है। EOU ने पिछले साल इस केस को टेक ओवर किया था पटना और हाजीपुर को मिलाकर बैंक मैनेजर के खिलाफ कुल 4 FIR दर्ज हो चुके थे। 2021 में पहला केस दर्ज होने के बाद से ही वो पटना पुलिस की नजर में फरार था। बाद में वैशाली जिले की पुलिस भी इसकी तलाश में जुटी। आर्थिक तौर पर पब्लिक को हुए बड़े नुकसान और मामले की गंभीरता को देखते हुए आर्थिक अपराध इकाई ने 2024 में सभी केस को टेक ओवर किया। एक टीम बनाई और नए सिरे से केस की जांच शुरू की। दो कर्मचारी साथी भी गिरफ्तार काफी दिनों से टीम फरार बैंक मैनेजर की तलाश में थी। जैसे ही ठोस इनपुट मिली, छापेमारी कर आज उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके जिन दो साथियों को पकड़ा गया है, उनमें अजीमाबाद का रहने वाला शौकत अली आवामी को-ऑपरेटिव बैंक का कर्मचारी है। जबकि, पटना सिटी के नंद गोला इलाके का रहने वाला रजनीकांत उर्फ गोपाल प्रसाद LIC का पूर्व एजेंट है। 101 करोड़ के गबन के मामले में ED में भी इन सभी के खिलाफ ECIR-5/24 दर्ज है। वहीं, बैंक मैनेजर के खिलाफ 2013 में भी गबन का एक केस दर्ज हुआ था। फिलहाल इनके मददगारों के बारे में छानबीन की जा रही है।

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