6 माह बाद भी निगम परिसंपत्तियों का डेटा डिजिटाइज नहीं, पीएमआईडीसी की सीईओ 30 को करेंगी समीक्षा

भास्कर न्यूज | अमृतसर 6 माह बाद भी निगम की परिसंपत्तियों का डेटा जिम्मेदार अफसरों-मुलाजिमों की लापरवाही के कारण डिजिटाइज नहीं कराया जा सका है। वहीं पीएमआईडीसी की सीईओ ने 30 जून को इस बारे समीक्षा करने को ऑनलाइन मीटिंग बुलाई है। जिसके बाद एसेट मैनेजमेंट सिस्टम के अंतर्गत मेंटेनेंस डाटा को समय पर अपडेट न किए जाने पर एडिशनल ने सख्ती दिखाते हुए आदेश जारी किया है कि अवकाश वाले दिन शनिवार-रविवार को भी काम करना होगा। जारी आदेश में कहा गया है कि बार-बार निर्देशों और रिमाइंडर के बावजूद अब तक महत्वपूर्ण डाटा लंबित है। जिससे संपत्तियों की निगरानी और रिपोर्टिंग प्रभावित हो रही है। संबंधित अधिकारी किसी भी हालत में डाटा को डिजिटाइज करने का काम तत्काल पूरा करें। इस संबंध में एक महत्वपूर्ण वीडियो कॉन्फ्रेंस पीएमआईडीसी की सीईओ के साथ आयोजित होगी। जिसमें रिपोर्टिंग और डाटा के स्थिति की समीक्षा की जाएगी। यह स्पष्ट किया है कि यदि इस काम में देरी की गई, तो संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी और जिम्मेदारी व्यक्तिगत रूप से तय की जाएगी। इस काम को पूरा करने के लिए सिविल इंजीनियरिंग विभाग के एसई, सभी जेई व एक्सईएन, बागवानी विभाग के डॉ. योगेश अरोड़ा, ईओ धर्मिंदरजीत सिंह, स्ट्रीट लाइट एक्सईएन, जेई विशाल दीप सिंह और प्रोग्रामर बबीता को समय पर पूरा करने के आदेश जारी किए गए हैं। बता दें कि1 माह पहले भी एडिशनल कमिश्नर की तरफ से ऐसा ही आदेश जारी किया गया था। लेकिन लापरवाही पर किसी अफसर-मुलाजिम के खिलाफ कोई एक्शन नहीं हुआ। बता दें कि निगम की चल-अचल संपत्ति और विकास कार्यों में गड़बड़ियां रोकने के लिए 29 ब्रांचों का डाटा डिजिटाइज करने को लेकर दिसम्बर-2024 से काम चल रहा है। लेकिन जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही के कारण अब तक सिरे नहीं चढ़ पाया है। इसके पहले अफसरों ने प्लान तैयार किया था कि 31 मार्च तक शत-प्रतिशत कम्पलीट कर लिया जाएगा। लेकिन 2 माह तक डिले हो चुका है। दरअसल, निगम के सारे एसेट डिजिटाइज होने के बाद सिविल-हेल्थ-ओएंडएम-स ्ट्रीट लाइट से लेकर दूसरे ब्रांचों के कुर्सी-मेज-कंप्यूटर से लेकर सड़क-पार्क व ग्रीनरी सहित अन्य डिटेल एक क्लिक पर मिलेगी। उच्च अफसरों की नजर में सारी डिटेल बनी रहेगी। ऐसे में गड़बड़ियों को अंजाम नहीं दिया जा सकेगा।

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